बैकुण्ठपुर@कोरिया वन मंडल में काट दिए गए डेढ़ सौ सरई के पेड़,क्या वन अमला कुंभकर्णी नींद में?

Share

लाचार,बीमार रेंज अफसरों की पोस्टिंग ही वनों की सुरक्षा में बाधा:डीएफओ

बैकुण्ठपुर 06 अक्टूबर 2023 (घटती-घटना)। पर्यावरण प्रेमियों के लिए बहुत ही दुखद समाचार है और पर्यावरण संरक्षण पर बड़ा आघात भी। जानकर हैरानी होगी की कोरिया वन मंडल अंतर्गत सोनहत वन परिक्षेत्र के भगवतपुर में ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से वनाधिकार न मिलने के विरोध में 40,50 एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा करते हुए लगभग 150 साल के बड़े वृक्षों को काटकर गिरा दिया गया है। मौके में हुए इस हृदय विदारक वनों की विनाशलीला पर जहां वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है तो वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों ने बताया की अवैध कटाई के दौरान कुछ वन कर्मी मौके पर पहुंचे थे परंतु उनके द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।आपको बता दें की जहां पर इतने बड़े पैमाने पर एक तरफ से डेढ़ सौ राष्ट्रीय कृत साल वृक्षों की बेधड़क कटाई हो गई और वन कर्मी वनों की विनाशलीला का दीदार करके लौट आए न तो पी.यू.आर. की कार्यवाही की और न तो विभाग के उच्चाधिकारियों को खबर की गई। हालांकि वनों की सुरक्षा में इतनी बड़ी लापरवाही का कोई भी एक जिम्मेदार नहीं है बल्कि सोनहत रेंज अफसर भी बराबर जिम्मेदार हैं।ये इसलिए क्योंकि उक्त रेंजर बिना विभाग को सूचना दिए ही मुख्यालय से सरकारी गाड़ी के साथ हफ्तों नदारद रहने के आदि हैं जिसको लेकर कोरिया वन मंडल की डीएफओ द्वारा पत्रकारों के सामने कहा भी गया की 10 कदम चलने पर बीमार पड़ जाने वाले बीमारू रेंज अफसरों की पोस्टिंग ही वनों की सुरक्षा में बाधक बन कर रह गए हैं।साथ ही उन्होंने यह भी कहा की मेरे द्वारा राजधानी स्तर पर बैठे अफसरों तक इस बात को पहुंचाया जाएगा की ऐसे में हम आई एफ एस अपना काम कैसे कर पाएंगे।अपने वक्तव्यों पर डीएफओ ने बताया की आप पत्रकार लोग हमे सूचना देने से पहले कटते वनों की रक्षा किया कीजिए।जिसका मतलब सीधी तौर पर है की पत्रकार डेढ़ सौ कटे वृक्षों की चौकीदारी करें और वन अमला निर्माण कार्य के भ्रष्टाचार में लिप्त रहें।
पूरे इंडिया में जंगल कट रहे तो यहां का जंगल कटना ताज्जुब की कैसे?
जी हां कोरिया वन मंडल के डी एफ ओ द्वारा कुछ वक्तव्यों को कहा गया जो की इनकी जिम्मेदारी और दायित्व को गैरजिम्मेदाराना साबित करता है।सोनहत रेंज के तंजरा और कछाड़ी सर्किल के मुनारों के दोनो ओर एक चक्क काटे गए सैकड़ों सरई के विशाल वृक्षों पर वजह जानने पर डीएफओ द्वारा अपनी भूमिका पर कुछ कहने की बजाय उन्होंने कहा की जंगल तो पूरे इंडिया में कट रहे हैं तो कोरिया वन मंडल में जंगल कटना ताज्जुब की बात नहीं।उन्होंने कहा की आप पत्रकार लोगों से जानकारी मिली है मै जांच करूंगी।जिसके बाद मामले पर बाइट लेने पहुंचे पत्रकारों ने डीएफओ की प्रतिक्रिया जाननी चाही तो डीएफओ ने कैमरे के सामने आने और कुछ कहने से इंकार कर दिया।जंगल कटने की सूचना पत्रकारों द्वारा मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वन वृत सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक और डी एफ ओ को चार दिन पहले ही दी जा चुकी थी बावजूद इसके राजधानी से लेकर वन वृत या वन मंडल स्तर पर कोई भी जांच या कार्यवाही नहीं की गई जो इस बात को दर्शाता है की भूपेश सरकार में वन अफसरों की मनमानी चरम पर पहुंच चुकी है शायद तभी जंगलों की बेरोक टोक अवैध कटाई सहित वन्य प्राणियों की तस्करी को खुली छूट मिल चुकी है।


Share

Check Also

कबीरधाम@ आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दम्पत्ति की मौत

Share कबीरधाम,20 मई 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में प्री मानसून के पहले हो …

Leave a Reply