अम्बिकापुर,16 फरवरी 2023 (घटती-घटना)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिंदल के निर्देश पर पी.एल.वी. पुष्यमित्र मल्तयार ने राजीव गांधी कालेज अम्बिकापुर में आयोजित विधिक सहायता शिविर में बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39-क की स्पष्ट मंशा है कि कोई भी गरीबी के कारण न्याय प्राप्त करने से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि इसी भावना को ध्यान में रखते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 में प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को जो अनुसूचित जाति या जनजाति का है या मानव दुर्व्यवहार या बेगार का सताया हुआ है या स्त्री या बालक है या मानसिक रूप से अस्वस्थ या अन्यथा असमर्थ है या अन्धेपन या कमजोर दृष्टि या कुष्ठ रोग या श्रवण ह््रास या चलने फिरने में असमर्थ है या जातीय हिंसा का या प्राकृतिक आपदा का शिकार है या उद्योग में कर्मकार है या अभिरक्षा में हैं या एक लाख रूपये वार्षिक से कम आय प्राप्त करता है उसे निशुल्क विधिक सहायता पाने का अधिकार है। छाीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विनियम 2003 के विनियम 32 के अनुसार साधनों परीक्षण पर विचार किए बिना बड़े महत्वपूर्ण सार्वजनिक महत्व के मामले या विशेष मामलो में भी विधिक सहायता प्रदान की जा सकती है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (निःशुल्क और सक्षम विधिक सेवा) विनियम 2010 के विनियम 3 के तहत यदि आवेदक शिक्षित नहीं है तो उसे भी सहायता प्रदान की जाती है।
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