- क्या संविधान के साथ भी जनमानस को नहीं चलने देगा साा का प्रशासन?
- वाह रे प्रशासन!सोशल मीडिया से बाहर निकलकर आलोचक को सीधे विरोध करना पड़ा महंगा,भेजे दिए गए जेल
- चिरमिरी नगरनिगम कर्मचारियों के वेतन मामले में धरना दे रहे आलोचक प्रकाश त्रिपाठी सहित एक गिरफ्तार
- नगरनिगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कई माह से नहीं मिला है वेतन
- नगरनिगम चिरमिरी के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को करना पड़ रहा है आर्थिक दिक्कतों का सामना
- कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए आलोचक प्रकाश त्रिपाठी व वीरू खान दे रहे थे धरना
- चिरिमिरी पुलिस ने धरना स्थल पहुंचकर दोनो को किया गिरफ्तार,भेजा जेल

–रवि सिंह –
चिरमिरी/मनेन्द्रगढ़,28 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। देश का संविधान इतना खूबसूरत है कि हर वर्ग के लोगों को अपना अधिकार समझ में आता है हमारा संविधान ही एक ऐसा है जो हर व्यक्ति को अधिकार के साथ बोलने व विरोध करने का अधिकार देता है पर इस अधिकार को भी सत्ता में बैठे लोग छीनने का प्रयास क्यों करते हैं? निगम कर्मचारियों को एक तरफ कई महीनों से वेतन नहीं मिल रहा और ना ही उन्हें वेतन दिलाने की तरफ कोई प्रयास हो रहा जबकि विधायक से लेकर महापौर तक कांग्रेस के हैं पर कर्मचारियों के प्रति उनकी बिल्कुल भी संवेदना दिख नहीं रहे, उल्टा उनके सिपेह सलाहकार सोशल मीडिया पर ही झूठ फैला रहे हैं कि वेतन मिल गया, चिरमिरी नगरनिगम कर्मचारियों को कई माह से वेतन प्राप्त नहीं हुआ है और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर सोशल मीडिया में आलोचक की भूमिका में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे प्रकाश त्रिपाठी और वीरू खान ने धरना देकर वेतन भुगतान की मांग नगरनिगम से करने की कोशिश की लेकिन वेतन भुगतान तो नहीं हुआ बशर्ते दोनो को पुलिस ने जबरन जेल भेज दिया। दोनों लगातार चिरमिरी नगर निगम के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए अभियान चला रहे थे और उनके वेतन भुगतान के लिए वह सोशल मीडिया पर अभियान चलाए हुए थे और उन्होंने वेतन भुगतान नहीं होने पर धरना देने की भी घोषणा की थी और उसी अनुसार दोनो धरना दे रहे थे।
बता दें की प्रकाश त्रिपाठी पूर्व में कांग्रेस पार्टी से जुड़े रह चुके हैं और जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी वह कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में गिने जाते थे वहीं सरकार बनते ही साथ ही क्षेत्रीय विधायक से उनकी दूरियां जो कारण बनी और उन्होंने आलोचक बनकर विधायक की कमियों को सोशल मीडिया पर भेजने का काम शुरू किया। अभी चिरमिरी नगरनिगम में भी कांग्रेस की सरकार है और स्वयं विधायक की पत्नी ही महापौर हैं। चिरमिरी नगर निगम से पूजा पंडालों को चंदा दिया जा सकता है लेकिन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा यह भी आरोप उन्होंने लगाया है।
जेल में भी कर्मचारियों को वेतन दिलाने के लिए रहे भूखे
प्रकाश त्रिपाठी सहित वीरू खान ने जेल में भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा और उन्होंने अनशन कर अपना कर्मचारियों के प्रति समर्थन दर्ज किया। दोनों के अनशन से जेल प्रशासन भी परेशान हुआ और उन्होंने दोनों के अनशन की सूचना प्रशासन को दी और बताया जा रहा है की प्रशासन दबाव में आकर दोनो को रिहा करने मजबूर हुआ।
क्या शांतिपूर्ण विरोध करना भी पसंद नहीं आ रहा है विधायक व महापौर को?
चिरमिरी नगरनिगम की महापौर स्वयं विधायक की धर्मपत्नी हैं वहीं दोनो कांग्रेस पार्टी से ही हैं और प्रदेश की तरह निगम में भी कांग्रेस की ही सरकार है वहीं प्रदेश से लेकर निगम तक की सरकार में मुखिया की भूमिका निभा रहे विधायक और उनकी महापौर पत्नी को शांतिपूर्ण विरोध पसंद नहीं आया और उन्होंने विरोध करने वालो को जेल भेजे जाने मामले में रोकने का प्रयास नहीं किया, अब सवाल उठता है की क्या जायज मांग के लिए अब शांतिपूर्ण तरीके से विरोध भी करना अपराध हो गया है और अब धरना प्रदर्शन मामले में सीधे जेल ही होगी?
प्रकाश त्रिपाठी के जेल जाने से स्थानीय विधायक व महापौर पर उठे कई सवाल?
प्रकाश त्रिपाठी जो वैसे तो कांग्रेस पार्टी के ही सीपेहसलार रह चुके हैं और वर्तमान में वह आलोचक की भूमिका का निर्वहन कर रहें हैं लगातार विधायक और महापौर के क्रियाकलापों को सोशल मिडिया पर प्रसारित करने का काम करते हैं और आलोचना स्वरूप उनका यह प्रयास रहता है और वह हमेशा मनेद्रगढ़ विधायक सहित महापौर चिरमिरी के निशाने पर रहते है। माना जा रहा है उन्हे जेल इसी लिए भेजा गया है क्योंकि उनकी आलोचना से विधायक परेशान रहते हैं।
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