जड़ी-बूटी उपचार पर हुआ विस्तृत अवलोकन,हरितिमा में सौ पौधों का सामूहिक पौधा रोपण किया गया
राजपुर,06 दिसम्बर 2025 (घटती-घटना) बलरामपुर जिले के राजपुर स्थित गेउर हरितिमा परिसर में रजत जयंती वर्ष 2025-26 के उपलक्ष्य में वन मंडल स्तरीय वैद्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से आए पारंपरिक वैद्य एवं जड़ी-बूटी विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस दौरान प्रतिभागियों को आयुर्वेदिक औषधियों, जंगलों में पाई जाने वाली दुर्लभ वनस्पतियों और उनके औषधीय उपयोगों का अवलोकन कराया गया।
वैद्यों के द्वारा बताया गया : वैद्यों के द्वारा बताया गया कि हमारे वन संपदा में ऐसी कई जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं, जिनसे कैंसर, टीबी, गठिया, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार में किया जाता है। जिससे उक्त बीमारियों में बीमार से पीडि़त लोगों को लाभ मिलता है।
ग्रामीणों एवं स्वयंसेवको को दी गई जानकारीः कार्यक्रम में ग्रामीणों और स्वयंसेवकों को इन औषधीय पौधों की पहचान के साथ उनके सुरक्षित उपयोग की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेदिक उपचार का समन्वय गंभीर रोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और कई जड़ी-बूटियों पर वैज्ञानिक अनुसंधान भी जारी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक उदेश्वरी पैकरा एवं वन मंडलाधिकारी आलोक वाजपेयी ने की। युक्त आयोजन में एसडीओ आरएसएल श्रीवास्तव,रेँजर महाजन लाल साहू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण व वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। अतिथियों ने जड़ी-बूटी आधारित परंपरागत चिकित्सा को संरक्षित करने और आने वाली पीढि़यों तक इसे पहुँचाने की आवश्यकता पर जोर दिया।इस अवसर पर हरितिमा परिसर में 100 पौधों का सामूहिक पौधारोपण भी किया गया। पौधारोपण में जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों और ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विधायक उदेश्वरी पैकरा ने अपने संबोधन में कहा कि जड़ी-बूटी आधारित उपचार न केवल हमारी परंपरा है बल्कि वर्तमान समय में इसकी उपयोगिता और भी बढ़ गई है।
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