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कोरिया@ तीन पूर्व विधायक एक कतार में…2028 टिकट की तस्वीर साफ या सिर्फ राजनीतिक संकेत?

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  • नगर पटना में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत मंच पर तीनों का जमावड़ा-कोरिया-एमसीबी की राजनीति में उठा तूफ़ान…
  • जिला विभाजन की राजनीति लौटकर फिर कोरिया आई, अब टिकट की आस में तीनों पूर्व विधायक…
  • लोगों का कटाक्ष: जिन्होंने जिले बांटे, वही अब कोरिया में टिकट मांगने आए…
  • गुटबाजी का साया,कुछ नेताओं को नहीं मिला न्योता,क्या 2028 के दावेदारों की काट शुरू?
  • प्रदेश अध्यक्ष के दौरे पर चयनित चेहरे ही मंच तक, बाकी चुपचाप किनारे, कांग्रेस घर वापसी या घर-बांटने के दौर में?
  • पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कोरिया के घर नजर आए तीनों पूर्व विधायक,एक ही कतार में बैठकर खिंचाई तस्वीर
  • बैकुंठपुर विधानसभा की पूर्व विधायक भी लंबे समय बाद नजर आईं सक्रिय,दिखाई देने लगीं क्षेत्र में…


-रवि सिंह-
कोरिया,03 दिसंबर 2025 (घटती-घटना)।
तस्वीर सिर्फ तस्वीर नहीं 2028 की टिकट पॉलिटिक्स का मुकम्मल फ्रेम है नगर पटना का सोमवार राजनीतिक कैलेंडर में एक साधारण कार्यक्रम नहीं था,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का स्वागत,सद्भाव का मौका, संगठन का प्रदर्शन लेकिन इसके बीच जो तस्वीर उभरी,उसने आने वाले तीन साल की राजनीति का पूरा रूट-मैप बना दिया,तीन पूर्व विधायक—एक कतार में बैठे,एक घर यवत कुमार सिंह का,एक मंच जहाँ नारे कम, संकेत ज़्यादा थे,और जनता जो तस्वीर में भविष्य पढ़ने लगती है।
बता दे की दिनांक 2/12/2025 स्थान नगर पटना,जिला कोरिया, अवसर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का कोरिया जिला आगमन और उम्मीद 2028 विधानसभा चुनाव की टिकट,टिकट के लिए कतारबद्ध प्रमुख लोग तीन पूर्व कांग्रेस के ही विधायक,यह कोई मनगढ़ंत विषय नहीं यह एक तस्वीर है जो पूर्व और कोरिया जिले के प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष यवत कुमार सिंह के घर की तस्वीर है,जहां कोरिया जिले में प्रवेश उपरांत सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस दीपक बैज रुके और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का स्वागत स्वीकार किया,कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अंबिकापुर से सुरजपुर,कोरिया,एमसीबी जिले होते हुए आगे बढ़ने वाले थे और कोरिया जिले में उनका प्रथम स्वागत पटना नगर में किया जाना था,तय समय से कई घंटे विलंब से पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत के लिए नगर पटना में पहले से ही स्थानीय कार्यकर्ता पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष यवत कुमार सिंह के घर पर मौजूद थे वहीं उनके आगमन से कुछ देर पहले वहां अविभाजित कोरिया जिले के या यह कहें कोरिया जिले के विभाजन के तीनों कारण विधायक पहुंचे और वह एक साथ ही एक कतार में बैठ गए,एक कतार में बैठी तीन पूर्व विधायकों की तस्वीर जब सामने आई लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आई और प्रतिक्रिया यह रही कि यह तीन ही अब कांग्रेस के तीन विधानसभा सीटों के प्रबल टिकट दावेदार हैं जो तय भी है क्योंकि जिलाध्यक्ष नियुक्ति के बाद ही यह तय हो चुका है वहीं उसके बाद से सक्रियता भी तीनों की बढ़ गई है,भरतपुर सोनहत विधानसभा के पूर्व विधायक की सक्रियता क्षेत्र में नजर भी आती है लेकिन अन्य दो की सक्रियता अब सामने आई है यह भी चर्चा आम है, वैसे प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस के कोरिया जिला आगमन और उनके स्वागत कार्यक्रम में कुछ बड़े कांग्रेस नेताओं को किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई,न उन्हें बुलाया गया ऐसी भी बातें सामने आईं,वहीं स्वागत के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह जनस्दस्त नजर आया,वह लंबे इंतजार के बाद भी भव्य स्वागत रहा।
तीन पूर्व विधायकों की एक कतार वाली तस्वीर,चर्चा और समीक्षा
नगर पटना में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का आगमन और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के घर पर तीन पूर्व विधायकों का एक कतार में बैठकर तस्वीर खिंचाना,यह चर्चा और समीक्षा का विषय बन चुका है,यह तस्वीर इस समीक्षा तक पहुंची है कि यह 2028 विधानसभा की वह तिकड़ी है जो तीन विधानसभा सीटों से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी होंगे,और यह लगभग तय है,समीक्षा में लोगों की तरफ से तर्क भी है जो जिलाध्यक्षों की नियुक्ति से जुड़ा तर्क है,लोगों का कहना है,खासकर पार्टी के ही लोगों का की कोरिया, एमसीबी जिले में जिलाध्यक्षों की पुनरावृत्ति से ही यह तय हो गया था कि आगे दोनों जिलों के पूर्व विधायक ही टिकट के लिए 2028 के पात्र होंगे, वही पार्टी की पसंद होंगे।
जिला विभाजन को लेकर भी लोगों का तंज,कोरिया,एमसीबी जिले के तीनों पूर्व विधायकों की ही देन,जिला विभाजन
नगर पटना से कोरिया एमसीबी जिले के तीन पूर्व कांग्रेस विधायकों की तस्वीर एक कतार में बैठी जैसे ही सामने आई,लोगों ने जिला विभाजन को लेकर भी तंज कसा,कोरिया जिले के लोगों ने यही कहा कि जिले का विभाजन कर आज कोरिया में ही टिकट की आस से फिर तीनों का जमावड़ा,आखिरकार कोरिया जिला ही बन रहा है तीनों के लिए टिकट 2028 का सहारा, लोगों का तंज इसलिए भी तीनों पर क्योंकि दो पूर्व ने जहां अपने जिले के लिए प्रयास किया कोरिया जिले को दरकिनार किया वहीं एक ने कोरिया जिले की होकर भी विभाजन का विरोध नहीं किया,मिठाई खुद खाकर नवीन जिले को आशीर्वाद दिया।
प्रथम एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के घर पर लंबे समय पश्चात नजर आए बड़े नेता,क्या तारण हार बनकर वह फिर पार लगाएंगे तीनों की नैया?
प्रथम एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष यवत कुमार सिंह के घर पर प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस के स्वागत आयोजन के दौरान दोनों जिलों के कोरिया एवं एमसीबी के बड़े नेता नजर आए,बड़े नेताओं में वह तीन पूर्व विधायक शामिल थे जो सत्ता शासन रहते शायद ही ऐसे आयोजनों को लेकर यवत कुमार सिंह का साथ देते थे,गाहे बगाहे कभी पहुंचे भी तो सत्ता का दंभ और भारी लाव लश्कर का जमावड़ा साथ रहा और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को किनारे ही रहना पड़ा,अब सत्ता से अलग होकर तीनों पूर्व विधायक फिर एक बार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के घर पर नजर आए और घंटों साथ बैठकर उन्होंने समय बिताया,वैसे सवाल यह है कि क्या अब एक बार पुनः पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ही तीनों के तारण हार बनेंगे,उन्हें उम्मीदवारी में मदद करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत कार्यक्रम में कांग्रेस की गुटबाजी भी सुनाई दी,कुछ नेताओं को नहीं मिला कोई आगमन संदेश,आरोप
प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस दीपक बैज के कोरिया जिला आगमन पर कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को आगमन संदेश नहीं प्राप्त हुआ,नेताओं का कहना है कि उन्हें सूचना ही नहीं प्रदान की गई कि स्वागत के लिए आना है,ऐसे नेताओं की माने तो उन्हें इसलिए अलग रखा गया क्योंकि वह भी 2028 के लिए टिकट दावेदार हैं और चूंकि जो नजर आ रहा है वह पहले से तय है इसलिए उन्हें बुलाना उचित नहीं समझा गया।
इस तस्वीर में तीन बातें साफ दिखीं…
पहली…टिकट की राजनीति तेज हो चुकी है जो चेहरे 2023 के बाद राजनीतिक धुंध में दिखाई नहीं देते थे,वे अब अचानक सक्रियता के साथ सामने आ रहे हैं,दो पूर्व विधायक जिला विभाजन में अपनी-अपनी भूमिका के कारण चर्चा में रहे, अब वही कोरिया जिले में टिकट के लिए मौजूद हैं,तीसरी पूर्व विधायक लंबे समय बाद क्षेत्र में सक्रिय दिखीं, इसकी भी अपनी राजनीतिक भाषा है।
दूसरी… जिला विभाजन जनता ने भुलाया नहीं, पर राजनीति ने उसके अर्थ बदल दिए,लोगों का तंज हल्का नहीं था जिन्होंने जिले बांट दिए, वे आज टिकट के लिए कोरिया में लाइन लगा रहे हैं यह टिप्पणी चुनाव से पहले हवा का रुख बताती है, चुनाव 2028 का है, पर नाराजी 2023 वाली ही है।
तीसरी…कांग्रेस के भीतर गुटबाजी दबाकर नहीं,सजाकर रखी गई,कुछ दावेदारों को कार्यक्रम की सूचना तक नहीं दी गई, पार्टी के अंदर ही तर्क है जो तय है,वही बुलाए गए,जो दावेदार हैं,उन्हें दूर रखा गया,अगर टिकट के लिए युद्ध अभी से शुरू है, तो अगले तीन साल संगठन संभालने में ही बीत सकते हैं।
तस्वीर बता रही है टिकट की जंग शुरू हो चुकी है,बस घोषणा बाकी है…
यवत कुमार सिंह की भूमिका इस कहानी में खास है वह घर, जो सत्ता के समय तीनों विधायकों की प्राथमिकता नहीं था, आज टिकट की राजनीति का प्रवेश द्वार बन गया है, क्या यह संकेत है कि 2028 में तारणहार वही होंगे? यह सवाल हवा में तैर रहा है और राजनीति हवा के संकेतों से ही दिशा पकड़ती है, आखिर में यह तस्वीर सिर्फ फोटो नहीं, यह कांग्रेस की भविष्य-राजनीति का ‘कॉमन मिनिमम विज़ुअल’ है, जिला विभाजन की पीड़ा हो, टिकट की दावेदारी हो या गुटों का खेल कोरिया और एमसीबी दोनों जिलों की राजनीति एक ही फ्रेम में कैद दिखी, 2028 अभी दूर है, पर तस्वीर बता रही है टिकट की जंग शुरू हो चुकी है,बस घोषणा बाकी है।


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