-संवाददाता-
अम्बिकापुर,23 नवम्बर 2025
(घटती-घटना)।
गुरु तेग बहादुर महाराज,भाई मती दास,भाई सती दास तथा भाई दयाला के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में 23 नवंबर को गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा द्वारा एक भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा दोपहर 3 बजे गुरुद्वारा साहिब से प्रारंभ होकर गुरु नानक चौक,गुरु नानक वार्ड,जोड़ा पीपल, आकाशवाणी चौक,गांधी चौक,घड़ी चौक, संगम चौक,महामाया चौक होते हुए पुनः गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में सम्पन्न हुई। इस नगर कीर्तन में पंज प्यारे के स्वरूप में सरदार नवराज सिंह, हरमिंदर सिंह भामरा,कृपाल सिंह अरोड़ा, गगनमोहन सिंह छाबड़ा एवं पवनदीप सिंह छाबड़ा ने सेवा निभाई। निशान साहिब की सेवा का दायित्व सरदार हरप्रीत सिंह छीना और गुरजोत सिंह चावला ने निभाया। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण गुरु तेग बहादुर, भाई मती दास, भाई सती दास तथा भाई दयाला की शहादत को दर्शाती एक ऐतिहासिक झांकी रही, जिसमें यह प्रदर्शित किया गया कि किस प्रकार इन महान शहीदों ने अत्याचार और जुल्म के विरुद्ध खड़े होकर हिंदू धर्म एवं मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। शोभायात्रा में गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के प्रधान सरदार गुरचरण सिंह छाबड़ा, सचिव सचिन हर्षदीप सिंह धन्जल, कोषाध्यक्ष प्रितपाल सिंह मथारू, सिख समाज के वरिष्ठजन तथा विभिन्न समाजों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस अवसर पर प्रधान सरदार गुरचरण सिंह छाबड़ा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों एवं धर्मरक्षा हेतु अपना शीश न्यौछावर कर मानवता को अत्याचार से मुक्त कराने का मार्ग दिखाया। उनके साथ भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दयाला की बलिदानी परंपरा दुनिया में अद्वितीय है। उनका यह बलिदान केवल धर्म की नहीं, बल्कि सत्य, न्याय और मानव स्वतंत्रता की रक्षा का सर्वोच्च प्रतीक है। कार्यक्रम के अंत में गुरु का लंगर वितरित किया गया जिसमें सभी समुदायों के लोगों ने भाग लेकर भाईचारे एवं सद्भाव का संदेश दिया। उक्त जानकारी मिडिया प्रभारी सरदार जगदीप सिंह छाबड़ा ने दी है
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