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सूरजपुर@21 साल बाद भी नहीं बन सका सूरजपुर का एसपी बंगला

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अब तक 19 पुलिस अधीक्षक बदल गए,आज भी अस्थायी क्वार्टर से चल रहा पुलिस जिले का संचालन


ओंकार पांडेय
सूरजपुर,23 नवम्बर 2025 (घटती-घटना)।

सूरजपुर जिले को पुलिस जिला बने 21 साल पूरे हो चुके हैं, 20 नवंबर 2004 को नक्सल उन्मूलन और बेहतर कानून-व्यवस्था के उद्देश्य से यहां पुलिस जिले का गठन किया गया था, लेकिन दो दशक बाद भी प्रशासनिक ढांचा अधूरा है और पुलिस अधीक्षक (एस.पी.) के स्थायी बंगले का निर्माण आज तक शुरू नहीं हो सका, स्थिति इतनी गंभीर है कि जिले ने 19 एस.पी. बदल लिए,लेकिन हर अधिकारी को अस्थायी आवास में ही रहकर काम करना पड़ा।
12 किलोमीटर दूर है अस्थायी निवास समय,ईंधन और संसाधनों की बर्बादी
वर्तमान एस.पी. का आवास शहर से लगभग 12 किमी दूर है, रोजाना दफ्तर आने-जाने में,समय की भारी खपत,सरकारी वाहन व ईंधन का अतिरिक्त खर्च,आकस्मिक निरीक्षण में देरी,त्वरित कार्रवाई पर असर,पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इतना लंबा सफर कई बार आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया की गति को प्रभावित करता है।
21 वर्षों में कई प्रस्ताव बने… लेकिन निर्माण आज तक शुरू नहीं
सूत्र बताते हैं कि एस.पी. बंगले का प्रस्ताव कई बार भेजा गया,भूमि चयन भी कई बार किया गया,बजट स्वीकृति की फाइल बार-बार चली,पर हर बार किसी न किसी कारण फाइल रुक गई कभी भूमि उपलब्धता, कभी बजट मंजूरी, तो कभी विभागीय देरी इन्हीं कारणों से एस.पी. बंगला आज भी कागज़ों में बंद है।
एसईसीएल के पुराने क्वार्टर पर निर्भर पूरा पुलिस जिला
वर्तमान में एस.पी. निवास के रूप में एक पुराना एसईसीएल क्वार्टर उपयोग किया जा रहा है, यह स्थान, प्रशासनिक, कार्यालयों से दूर, शहर के मुख्य क्षेत्र से कटे हुए, त्वरित कार्रवाई के लिए, असुविधाजनक कई अधिकारियों का कहना है कि मुख्यालय से दूर एस.पी. का निवास सुरक्षा प्रबंधन और कानून-व्यवस्था की व्यवस्था के लिए बड़ी कमजोरी है।
स्थानीय लोगों में नाराजगी ‘यह प्रशासनिक उदासीनता है ’
जिले के नागरिकों, व्यापारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है जिला बनने के बाद कई सरकारी भवन बने, लेकिन एस.पी. बंगला जैसा महत्वपूर्ण ढांचा 21 वर्षों से ‘अधूरे सपने’ की तरह पड़ा है, यह प्रशासनिक उदासीनता का सबसे बड़ा उदाहरण है, लोगों का कहना है कि इससे जिले की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उच्च स्तरीय पुलिसिंग प्रभावित होती है।

पुलिस अधिकारियों की राय,स्थायी बंगला बनने के ये बड़े फायदे
यदि एसपी बंगला शहर के भीतर बने तो त्वरित निर्णय लेने में आसानी, आकस्मिक कार्रवाई में गति,रात्री गश्ती व निरीक्षण में तेज़ी,कानून-व्यवस्था प्रबंधन मजबूत,प्रशासनिक कार्यों में दक्षता बढ़ेगी।
जिले को 21 साल से इंतज़ार,क्या इस बार मिलेगा समाधान?
हर वर्ष बजट,चुनाव और समीक्षा बैठकों में एस.पी. बंगला निर्माण की चर्चा जरूर होती है, लेकिन जमीनी पहल आज तक शून्य,सूरजपुरवासी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद इस बार प्रशासन और सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर जिले को उसका 21 साल से लंबित एस.पी. निवास उपलब्ध कराए।


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