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कांकेर@धर्मांतरण विवाद : महिला के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में तनाव

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कांकेर,23 नवम्बर 2025। जिले में धर्मांतरण को लेकर एक बार फिर तनाव उभर आया है। मामला कांकेर जिले के विधायक आशाराम नेताम के गृह ग्राम बेवरती का है,जहां कांति मेश्राम, जिनका पति कृष्णा मेश्राम है, पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं, उनका निधन हो गया। उनके परिजन पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन जैसे ही शव गांव लाया गया,बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार का विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि परिवार ने मूल धर्म छोड़कर धर्मांतरण किया है, इसलिए उन्हें गांव के पारंपरिक श्मशान या दफन स्थल का उपयोग करने का अधिकार नहीं है। ग्रामीणों ने परिजनों को घेरते हुए कहा कि यदि अंतिम संस्कार गांव में करना है, तो पहले ‘मूल धर्म’ में लौटने की घोषणा करनी होगी।
परिजन इस विरोध के चलते निजी भूमि में ही अंतिम संस्कार करने का प्रस्ताव लेकर आए, लेकिन ग्रामीणों ने इसे भी स्वीकार नहीं किया। स्थिति लगातार तनावपूर्ण होती चली गई और परिजनों को प्रशासन की मदद लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। घटना की जानकारी मिलने पर कांकेर जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। प्रशासन ने शव को बेवरती से चारामा ले जाने की योजना बनाई, लेकिन यह जानकारी मिली कि चारामा में पहले से सर्व हिंदू समाज के लोग मौजूद थे और वे अंतिम संस्कार का विरोध करने के लिए तैनात थे। इससे प्रशासन के सामने स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि कांकेर जिले में इससे पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें विरोध के चलते शव का अंतिम संस्कार रायपुर में कराना पड़ा था। वर्तमान स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक बार फिर रायपुर में अंतिम संस्कार करवाने की तैयारी शुरू कर दी है। किसी भी तरह की हिंसा या कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा न हो। गांव बेवरती और चारामा दोनों ही स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ग्रामीणों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन गांव का वातावरण अब भी तनावपूर्ण बना हुआ है। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि धार्मिक संवेदनशीलता के साथ ही मानवाधिकार और अंतिम संस्कार की मर्यादा का पालन सुनिश्चित करना प्राथमिकता है। स्थानीय लोग भी इस विवाद को लेकर चिंतित हैं और चाहते हैं कि प्रशासन तटस्थ रूप से कार्रवाई करे। गांव के आसपास तनावपूर्ण माहौल के कारण कई लोग अपने घरों से बाहर निकलने में संकोच कर रहे हैं। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभालने में सहयोग करें। इस प्रकार कांकेर में धर्मांतरण और अंतिम संस्कार को लेकर उत्पन्न विवाद ने जिले में कानून-व्यवस्था की चुनौती को उजागर किया है। प्रशासन के सतर्क कदमों और पुलिस बल की तैनाती के बावजूद गांव में तनाव और असंतोष का माहौल बना हुआ है।


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