जान जोखिम में डाल कर रोज नदी पार करने मजबूर ग्रामीण यहां न विकास है,न ही कोई सुविधा,योजनाओं के क्रियान्वयन में पुल बना मुसीबत
बरसात भर होती है भारी परेशानी, बरसात बाद मिलती है थोड़ी राहत
चेहरे बदले पर नही बदलती तस्वीर पुल के इंतज़ार में लाचार एवं बेबस हुए ग्राम के ग्रामीण

-राजन पाण्डेय-
कोरिया,15 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। प्रदेश सरकार की ओर से नितप्रति दिन विकास के दावे किये जा रहे है। लेकिन इन सबसे दूर छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड में कई ऐसे ग्राम पंचायत भी हैं जहां विकास की बात करना बेमानी होगी। हालत है की राज्य बनने के बाद पांच सरकारें यहां पर मूल भूत सुविधा भी पहुचाने में असमर्थ रही है। जी हां आज हम बात कर रहे है सोनहत विकासखंड के ग्राम पंचायत चंदहा के ग्राम गिधेर की जहां ग्राम पंचायत मुख्यालय तक तो किसी तरह पक्की सड़क पहुचा दी गई लेकिन इस पंचायत के आश्रित ग्रामों का बुरा हाल है ग्राम पंचायत चन्दहा के आश्रित ग्राम गिधेर में लगभग 30 से अधिक परिवारों के गरीब आदिवासी ग्रामीण विगत लम्बे समय से मूलभूत सुविधा सडक,पानी ,चिकित्सा,शिक्षा के संचालित आधे अधूरे व्यवस्था से कुंठित होकर अपने नियति को कोसने लगे है। हालत है कि पंचायत स्तर से ग्राम में बेहद उपयोगी व्यवस्थाओ का लम्बे समय से आभाव बना हुआ है जिससे यह ग्राम प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेल रहा है । ग्राम गिधेर तक पहुंच हेतु ग्राम में सडक का सर्वथा अभाव रहा है जो क्षेत्र स्तर पर संचालित विकास की लम्बी गाथा को स्वमेव बयान करता नजर आ रहा है। हलांकि दूर दराज के विभिन्न ग्रामों में पिछली सरकार में सडक पुल पुलिया से लेकर स्टापडैम आदि व्यापक तौेर पर बनाऐ गये है। परन्तु गरीब आदिवासी परिवारों को पहुंच हेतु सुलभ मार्ग एवं नदी पर टूटी पुल का नही बन पाने का ग्रामजनों ने खेद जताया है। दूर दराज वनांचल ग्राम में स्वास्थ्य सुविधा हेतु मैदानी हल्का में तैनात विभागीय कर्मचारी द्वारा कभी कभार सेवा प्रदान किये जाने से ग्रामजनों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ नही मिल सका है।
बरसात में बढ़ जाती है लाचारी : ग्रामीण शिव प्रसाद सियाराम ईश्वर नन्द लाल राम मनोहर सुरेश कुमार मेही लाल बसंत व अन्य ने बताया कि नदी में पुल टूटा होने के कारण बरसात में ग्रामीणों का लाचारी बढ़ गई है आलम है कि नदी में तेज बहाव के कारण ग्रामीण गांव से बाहर नही जा पाते आपात कालीन परिस्थिति में स्थिति और भयावह हो जाती है, जबकि सामान्य दिनों में भी नदी को पार करने में भारी कठिनाई होती है। ऐसे में इसे लाचारी ही कहा जा सकता है। ग्रामीणो का पुल पूरी तरह टूट गया है मरम्मत योग्य नही है नए पुल का इंतज़ार बरसो से है लेकिन पता नही इंतज़ार कब खत्म होगा ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अब आदत हो गई है लेकिन यह कष्ट सहन नही होता है।
राशन के अलावा निर्माण सामग्री पहुचाने में मशक्कत : ग्रामीण बताते है कि प्रधान मंत्री आवास अथवा अन्य निर्माण सामग्री पहुचाने में हालत खराब जो जाती है क्योंकि समान लेकर आने वाली गाड़ी घण्टो नदी में फस जाती है इसके बाद उसे निकालने में भारी मशक्कत करनी पड़ती है। इसी तरह घर का राशन कंधे पर ढो कर नदी पार करना पड़ता है कई बार राशन खराब भी हो जाता है।
देवतीडांड हर्राडी की भी यही कहानी : ग्राम पंचायत चंदहा के बगल के ही नवीन पँचायत नवाटोला के ग्राम देवतीडांड़ हर्राडी शेराडांड़ में पहुच मार्ग इस कदर जर्जर है की यहां पहुचना किसी खतरे से कम नही साथ इन ग्रामों में पेय जल व्यवस्था का बुरा हाल है ग्रामीण यहां पर ढोढ़ी और नाले का पानी पीने मजबूर हो गए है जिससे बच्चे अधिकांशतः बीमार पड़ते रहते है ग्राम स्तर पर कुछ हैंड पंप भी है जिनमें अधिकांशतः लाल पानी की समस्या बनी रहती है। उक्त दोनों ग्रामो में नदी पर पुल नही है और खराब रस्ते के बीच भीषण घाट भी है जिससे आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कांटो में राशन के लिए लंबा सफर : ग्राम पंचायत चंदहा के बगल में स्थित पंचायत बंशीपुर का आश्रित ग्राम कांटो जो कि ब्लाक मुख्यालय से 70 और पंचायत मुख्यालय से लगभग 30 से 35 किलोमीटर की दूरी पर सघन वनों के बीच बसा है यहां पर लगभग 25 लोग निवासरत है यह पोलिंग बूथ भी है लेकिन यहां पर अभी तक स्कूल नही खुल सका है आंगनबाड़ी भी किराए के कच्चे मकान में संचालित है इस ग्राम के लोगों को राशन लेने के लिए पैदल 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है आना जाना मिलाकर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी तय कर लोग कंधे पर राशन ढो का लाते है बरसात में यह ग्राम संर्पक बाहर होता है लेकिन अभी तक इस ग्राम में किसी भी प्रकार के विकास कार्य नही कराए जा सके है।
पूर्व विधायक पहुचे थे दी थी पुल की सौगात : ग्रामीण बताते है कि पूर्व विधायक गुलाब कमरो हर्रा डीह और देवतीडांड सहित कचोहर गांव में पहुचने वाले इकलौते विधायक है इससे पहले यहां कोई नही पहुचा था तब ग्रामीणों की मांग पर नवाटोला और देवतीदण्ड के बीच नदी में बड़ा पुल की घोषणा किये थे जो स्वीकृत हुआ और उसका काम भी चल रहा है इस पुल के बनने से काफी राहत मिलेगी ग्रामीणों की माने तो पुर्व विधायक ने मांग के अनुरूप अन्य और विकास कार्य कराए लेकिन मुख्य समस्या सड़क की है। वर्तमान में हर्रा डीह में अभी एक और पुल की जरूरत है जबकि गिधेर के टूटे पुल की जगह नया पुल निर्माण जबतक नही होगा तब तक ग्रामीणों की परेशानी बनी रहेगी।
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