हाईकोर्ट बोला-10 साल बाद एजेंसी बदलना उचित नहीं,अफसरों पर चालान नहीं,ट्रायल कोर्ट जाने की छूट
बिलासपुर,11 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ के चर्चित नान घोटाले से जुड़ी जनहित याचिकाओं के साथ ही अपील को हाईकोर्ट ने निराकृत और खारिज कर दी है। वहीं, सीबीआई जांच की मांग को भी ठुकरा दिया है। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट कहा कि मामला अब ट्रायल के अंतिम चरण में है, ऐसे में जांच एजेंसी बदलने का कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट ने जिन लोगों पर एसीबी ने चालान नहीं किया है,उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आवेदन लगाने की छूट दी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस प्रार्थ प्रतीम साहू की डिवीजन बेंच में नान घोटाले से जुड़ी 8 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। इनमें से कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण सालों से लंबित थीं। सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मामलों का निराकरण कर दिया था, इसके बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई तय की थी।
8 याचिकाओं पर केवल दो की तरफ से आए वकील
चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान केवल दो याचिकाकर्ता हमर संगवारी एनजीओ और अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ही उपस्थित हुए। अन्य याचिकाकर्ता या उनके वकील अनुपस्थित रहे, जिसके चलते हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं, भाजपा नेता धरमलाल कौशिक की ओर से अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय उपस्थित हुए, जिन्होंने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी,जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है।
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