Breaking News

कोरिया@धान की फसल पर संकट के बादल और आफत की बारिश

Share

कोरिया,०07अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में लगातार हो रही भारी बारिश से धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। वही किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। मानसून सीजन में किसानों के लिए बारिश का होना बेहद जरूरी होता है। लेकिन कहते हैं न कि जब किसी चीज की अति हो जाए तो वह परेशानी का सबब बन जाती है। जिले में बारिश को लेकर कुछ ऐसा ही हाल है. यहां बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है जिसे लेकर अब किसानों की टेंशन बढ़ गई है कि कहीं उनकी चार महीने की मेहनत न डूब जाए,सोनहत क्षेत्र में अत्यधिक बारिश से कई किसानों की धान की फसल खराब हो रही है वही लगातार बादल और धूप न निकलने के कारण फसल में कीड़े लगने की आशंका भी बढ़ गई है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर सकता है।
कोरिया जिले में धान की खेती ही प्रमुख कृषि कार्य है,जिससे अधिकांश लोग जीविकोपार्जन करते हैं। लेकिन इस वर्ष लगातार हो रही भारी बारिश किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है। दो-तीन वर्ष पहले कम वर्षा के कारण किसान परेशान थे,वहीं इस बार अत्यधिक बारिश ने उनकी चिंता फिर बढ़ा दी है। आम तौर पर अक्टूबर नवम्बर माह में फसल कटनी की शुरुआत हो जाती है,लेकिन इस बार खेतों में धान की फसल ठीक तरह से तैयार नहीं हो पाई है। किसानों का कहना है कि धान में फल लगने के समय ऐसी लगातार बारिश से फसल खाराब होने,काले पड़ने या दाना न आने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि किसान कर भी क्या सकते हैं। बारिश का पानी धान उगा भी सकता है और अनाज बर्बाद भी कर सकता है। इसलिए किसानों के चेहरे पर आशा के साथ चिंता भी साफ झलक रही है। किसानों ने बताया कि धान की फसल ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है। तीन से चार महीनों तक वे खेतों में मेहनत करते हैं ताकि अच्छी पैदावार से घर का खर्च,त्योहार और अन्य जरूरतें पूरी हो सकें। लेकिन इस बार लगातार बादल छाए रहने और धूप न निकलने के कारण फसल में कीड़े लगने की आशंका बढ़ गई है। इससे पौष्टिक और भरे हुए दाने बनने की उम्मीद कम हो गई है,किसान कहते हैं कि अब वे केवल मौसम के सुधार की उम्मीद कर सकते हैं। अगर बारिश थम जाए तो फसल कुछ हद तक संभल सकती है,लेकिन फिलहाल लगातार बारिश ने न केवल खेती, बल्कि जनजीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है।

अभी भी जारी है मानसूनी बारिश का दौर
सोनहत में में रविवार और मंगल को सुबह-सुबह हल्की धूप निकली थी लेकिन जिले के अलग-अलग इलाकों में बारिश हो रही थी, शाम तेज आंधी और गरज-चमक के साथ पुनः बरसात का दौर भी देखने को मिला। यही हालात पूरे संभाग व जिले का रहा,मानसूनी बारिश का दौर अभी भी जारी है,और अब यही बारिश किसानों की टेंशन बढ़ा रही है। क्योंकि अक्टूबर महीने में भी बारिश अपने लय में ही नजर आ रही है।
सोयाबीन और दलहन तिलहन की फसल भी हो रही खराब
कुछ किसानों ने बताया की खरीफ सीजन में हमारे यहां थोड़ा सोयाबीन को नुकसान हुआ है, तिली,उड़द, मूंग और इन दलहनी फसलों को भी बारिश ने नुकसान पहुंचाया है। अरहर जहां निचले खेतों में है वहां चिंता वाली बात है, वहां थोड़ी बहुत गलन की समस्या देखी गई है। बात करें अगर धान की तो धान तो वैसे भी पानी को टॉयलेट कर लेता है,और यहां लोग धान के खेतों में पानी भरकर भी रखते हैं। लेकिन जब तेज हवा के साथ बारिश होती है तो उस समय नुकसान की संभावना ज्यादा होती है. इससे पॉलिनेशन डिस्टर्ब हो जाता है। लोकल भाषा में बोलें तो बदरा हो जाता है, कई बार धान गिर जाता है,ऐसे में कह सकते हैं कि अगर और बारिश होती है तो धान में समस्या आ सकती है।
आलू की फसल हुई लेट जो लगाये उनमें सड़न
अत्यधिक बारिश होने से आलू की बुवाई में देर हो रही है वही कुछ किसानों ने आलू की बुवाई कर ली थी उनकी फसल सड़ने लगी है जिससे किसानों को दोहरा नुकसान हुआ है,जबकि ज्यादा बारिश के कारण सरसो की फसल भी पिछड़ने की संभावना जताई जा रही है।
सब्जियों में कीड़े टमाटर को नुकसान
आलू के अलावा सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसानों को भी नुकसान पहुचा है टमाटर की फसल खराब हो रही है वही भांटा और अन्य फसल में कीड़े लगने लगे हैं।


Share

Check Also

खड़गवां@17 वर्षों से खडग़वां की कुर्सी पर जमे एसडीओ-शासन की सर्जरी से अछूते

Share फील्ड में हमेशा व्यस्त दिखने वाले एसडीओ…17 साल से नहीं छोड़ी खडग़वां की कुर्सी …

Leave a Reply