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अंबिकापुर@बिरनपुर हिंसा मामले में सीबीआई की चार्जशीट से हुआ बड़ा खुलासा,राजनीतिक षड्यंत्र के नहीं मिले प्रमाण

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अंबिकापुर,05 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। बहुचर्चित बिरनपुर हिंसा मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अपनी चार्जशीट विशेष अदालत में दाखिल कर दी है। चार्जशीट में इस घटना को सामान्य पारिवारिक विवाद से उपजा सामुदायिक टकराव बताया गया है। सीबीआई की विस्तृत जांच में इस बात के कोई प्रमाण नहीं मिले कि घटना के पीछे कोई सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र था। उक्त बातें रविवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने राजीव भवन स्थित कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि चार्जशीट के मुताबिक, विवाद की शुरुआत दो बच्चों के आपसी झगड़े से हुई, जो धीरे-धीरे दो परिवारों के बीच तनाव में बदला और अंततः दो समुदायों के बीच हिंसा का रूप ले लिया। सीबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक स्थानीय स्तर की घटना थी, जिसे बाद में राजनीतिक रूप से भुनाने का प्रयास किया गया।
राजनीतिक आरोपों पर लगा विराम : टीएस सिंह देव ने कहा कि चार्जशीट में यह उल्लेखनीय है कि भाजपा द्वारा उस समय कांग्रेस सरकार पर लगाए गए तुष्टिकरण और राजनीतिक संरक्षण के आरोप बिलकुल निराधार पाए गए। इसके उलट, सीबीआई ने माना कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा की गई गिरफ्तारियां और कार्रवाई उचित थीं। भाजपा नेता ईश्वर साहू, जिनके बेटे भुनेश्वर की मृत्यु इस हिंसा में हुई थी, द्वारा जिन व्यक्तियों पर आरोप लगाए गए थे, उनमें से अंजोर यदु का नाम चार्जशीट में नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उस समय भाजपा ने इस मामले को धार्मिक और जातीय रंग देकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश की थी।
चुनावी लाभ के लिए रची गई साजिश : चार्जशीट आने के बाद कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा ने इस दर्दनाक घटना को चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान उपमुख्यमंत्री अरुण साव पर आरोप है कि उन्होंने घटना स्थल पर जाकर भडकाऊ भाषण दिए और तनाव को और हवा दी। उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने भाषणों में इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर जनता को प्रभावित करने का प्रयास किया। भाजपा ने इस मामले में ईश्वर साहू को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर सहानुभूति बटोरने की रणनीति अपनाई थी। अब जब सीबीआई की रिपोर्ट में भाजपा के आरोप झूठे साबित हो चुके हैं, कांग्रेस ने मांग की है कि अरुण साव नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दें और प्रधानमंत्री मोदी एवं गृह मंत्री शाह को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए। प्रेस वार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, जपी श्रीवास्तव, अजय अग्रवाल, राकेश गुप्ता सहित अन्य शामिल रहे।


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