पटना@बिहार में एसआईआर सफल,अब इसे पूरे देश में कराएंगे,पोलिंग बूथों की 100′ वेबकास्टिंग की जाएगीःमुख्य चुनाव आयुक्त

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पटना,05 अक्टूबर 2025 (ए)। बिहार में चुनाव की तैयारियों को लेकर चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा, बिहार में एसआईआर पूरी तरह सफल रहा। मतदाता सूची में यह सबसे बड़ी पहल रही। 24 जून 2025 को एसआईआर शुरू हुआ और वक्त पर समाप्त हुआ। सफल एसआईआर के लिए वोटर्स को धन्यवाद। अब इसे पूरे देश में कराएंगे। सीईसी ने बताया, 90 हजार 217 बूथ लेवल ऑफिसर ने बेहतर काम किया। पूरे देश में बनने वाले बूथ लेवल ऑफिसर के लिए बिहार प्रेरणा बना। बूथ सेंटर से 100 मीटर की दूरी पर पोलिंग एजेंट बैठ सकेंगे।
बिहार चुनाव में ईवीएम पर प्रत्याशियों की कलर फोटो लगाई जाएगी। बिहार में वन स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बिहार में लागू कराया जाएगा। बूथ से 100 मीटर की दूरी से हर प्रत्याशी अपने एजेंट को लगा सकते हैं। पोलिंग बूथों की 100′ वेबकास्टिंग की जाएगी।
बिहार के अलावा देश में कहीं भी 1200 से ज्यादा वोटर नहीं : ज्ञानेश कुमार ने कहा, बीएलआ जब मतदाता के पास जाए तो मतदाता उन्हें अच्छे से पहचान पाए, इसके लिए उनके लिए भी आईडी कार्ड शुरू किए गए हैं। अब पोलिंग बूथ के बाहर मोबाइल जमा कर वोट देने की सुविधा की गई है। इससे पहले मोबाइल घर या कहीं और छोड़कर आना होता था। सीईसी ने बताया कि अब बिहार के अलावा देश के किसी भी बूथ पर 1200 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। एसआईआर को चुनाव से पहले कराए जाने के सवाल पर सीईसी ने कहा,लोक प्रतिनिधि कानून के हिसाब से रिवीजन हर चुनाव से पहले कराना ही होता है। किसी का ये कहना कि रिवीजन चुनाव के बाद होना चाहिए ये न्याय संगत नहीं है।

जब हमारे बीएलओ ने घर-घर जाकर मतगणना की, ड्राफ्ट सूची में जिनका नाम आया और उसके बाद सभी राजनीतिक दलों को सभी बीएलआ को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्ति करने का मौका दिया गया।

इसी तरह से किसी अयोग्य आदमी का नाम आ गया तो उसे हटाया जा सकता है।
पोलिंग एजेंट को मतदान शुरू होने से पहले भेजें
ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘हर मतदान केंद्र पर मतदाताओं की ओर से एक मॉक पोल होता है। मॉक पोल में प्रत्याशियों द्वारा नामित कैंडिडेट की ईवीएम पर पोलिंग होती है, इससे पारदर्शिता सामने आती है। बिहार के आगामी चुनाव में जो प्रत्याशी खड़े हों, वो अपने बूथों पर अपने पोलिंग एजेंट जरूर नामित करें। मतदान पूर्ण होने पर जो पोलिंग एजेंट उपस्थित होते हैं, वो बताते हैं कि कितने वोट पड़े, उन्हें भी बताया जाए। पोलिंग एजेंट को मतदान शुरू होने से पहले भेजें।
बिहार विधानसभा चुनाव 22 नवंबर से पहले
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने ईवीएम संचालन, मतदाता सूची और मतदान प्रक्रिया सहित कई अहम नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। चुनाव 22 नवंबर से पहले आयोजित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा और बैकअप व्यवस्था को और मजबूत किया है, साथ ही मशीनों के सॉफ्टवेयर अपडेट और संचालन में सुधार किया गया है। मतदाता पहचान और सूची की सत्यता सुनिश्चित करने के लिए फोटोग्राफ सहित वैध पहचान पत्र की जांच पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए मतदान समय और बूथ प्रबंधन में भी सुधार किया गया है। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने हेल्पलाइन और एफआइआर सुविधाओं को बढ़ाया है और अपनी टीमों द्वारा निरीक्षण को और सघन किया है।
बिहार चुनाव में नए-पुराने दोनों वोटर कार्ड से वोटिंग कर सकेंगे मतदाता
नए वोटर कार्ड पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- जिनके वोटर कार्ड के डाटा में कोई परिवर्तन किया गया है,उन्हें 15 दिनों के अंदर ईपिक, यानी वोटर कार्ड मिल जाएगा। जिनके पास पुराने वोटर कार्ड हैं और डाटा में कोई बदलाव नहीं है, वह उसी को सही मानेंगे। मतदान करने के लिए बाकी जिन दस्तावेजों को पहले से मान्य रखा गया था, वह आगे भी कायम रहेंगे। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अयोग्य वोटरों को हटाने और योग्य वोटरों को शामिल करने के लिए चलाए गए गहन विशेष पुनरीक्षण का परिणाम बहुत स्पष्ट और संतोषजनक रहा है। अब भी कोई अयोग्य जुड़ा हुआ है या योग्य छूटा हुआ है तो उसका नाम हटाने-जोड़ने की प्रकिया चलती रहेगी। चुनाव के बाद यह प्रक्रिया अगले आदेश तक के लिए बंद हो जाएगी।
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