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एमसीबी/कोरिया/सरगुजा@ एमसीबी वालों राजतिलक की करो लो तैयारी आने वाले है जशपुर से दागी खाकीधारी

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-न्यूज़ डेस्क-
एमसीबी/कोरिया/सरगुजा,30 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। ये समाचार संभाग के ऐसे पुलिसकर्मी की है जो कई बार अपनी कार्यप्रणाली से खाखी वर्दी को दागदार कर चुके हैं,इनके किस्से कोरिया जिले से लेकर पूरे संभाग तक में चर्चा का विषय बना हुआ हैं,कोई भी अधिकारी या कोई भी कर्मचारी ऐसा नहीं है जो इनकी खाकी वर्दी के दाग से अनजान हो,राजनीतिक दल व बड़े अधिकारी जो कारनामों पर चंद पैसों के लिए मिट्टी डालते हैं वह भी इन्हें उतना ही संरक्षण देते हैं जिस वजह से वह भी बदनाम हैं,उन्हें क्षणिक लाभ किसी तरह पुलिसकर्मियों से चाहिए रहता है जिसका वह उपभोग करते हैं,पर यह भूल जाते हैं कि इससे देश की खाखी की बदनामी कितनी हो रही है,ऐसे पुलिसकर्मियों के लिए वह भी कहावत चरितार्थ होता है बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया,उस रुपैया के दम पर जो खेल खेला जा रहा है उससे सिर्फ खाकी बदनाम ही नहीं हो रही है उसपर दाग पर दाग लगता जा रहा है, इनकी छवि इनके विभाग व जनता के बिच भ्रष्टाचार व रिश्वतखोर वाली है, इनके ऊपर कई अन्य आरोपों के कारण सवालिया निशान लगा हुआ है। यही वजह है की इनके लिए कई व्यंग्यात्मक नारा व नाम बन चूका है,यदि इस पर विश्लेषण किया जाए तो कई घटनाक्रम है जो इन्हें ऐसे नारों व नाम से प्रसिद्ध करते हैं,, अभी जो नारा बना है वह ये है कि राजतिलक की करो तैयारी आने वाले हैं जशपुर से दागी खाकीधारी का अर्थ है कि जशपुर से आने वाले एक ऐसा पुलिसकर्मी की बात हो रही है जो 4 महीने में ही वापसी करने जा रहे हैं बस अंतर यह है कि अपना जिला छोड़ पड़ोसी जिला आने की इच्छा उसने जताई थी जिस पर अंतिम मोहर सूचि जारी होते हुए लग गई,सूरजपुर,कोरिया, एमसीबी,अंबिकापुर इन सभी जगह पर उनके कार्यप्रणाली की चर्चाएं हैं,जो अधिकारी इन्हें समझ गया वह इससे दूर रहा पर जो अधिकारी अपने लाभ के लिए इससे जुड़ा वह भी बदनाम हुआ,यही वजह है कि नेता से लेकर अधिकारी तक वही बदनाम है जो इसकी पैरवी करते हैं इस बार भी किसी बड़ी पर ही इसने वापसी का रास्ता तय किया है, कहा तो यह भी जाता है कि करोड रुपए कमाता है और लाखों खर्च करके अपने कमाई वाले जगह पर बना रहता है, यह जनता को चाहे जितना त्रस्त कर ले पुलिसकर्मियों के वर्दी को जितना दागी कर ले पर उसका कुछ नहीं होता बड़े-बड़े मंत्री विधायक व अधिकारी भी इसके कुछ पैसे व मायावी बातों के कायल हो चुके।
मायावी नाम से प्रसिद्ध ऐसे पुलिसकर्मी का यह जिक्र है जो अपनी कार्यप्रणाली के लिए विख्यात है कम से कम कोरिया जिले में,इसकी बगल के जिले में वापसी से भी कोरिया जिलावासी दुःखी हैं क्योंकि यह बगल के जिले से भी कोरिया जिले में हस्तक्षेप करेगा जिसके बिना यह नहीं रह सकता जो सभी का विश्वास है। चाटुकारिता में महारत रखने वाला और चरण वंदन कर आरंभ से नौकरी करने वाला यह मायावी पुलिस विभाग के लिए वह पहचान है जिससे विभाग बदनाम है, इसकी कार्यप्रणाली हमेशा से ऐसी रही है कि आम लोग कम से कम इसकी उपस्थिति में पुलिस पर अविश्वास प्रकट कर जाते हैं और जहां जिस विवेचना में इसका नाम शामिल होता है उसमें कोई न कोई विवाद यह उत्पन्न कर ही देता है या ऐसा विवाद उत्पन्न हो ही जाता है। जिला मुख्यालय कोरिया में लंबे समय से जमा रहने वाला और बाद में कई शिकायतों के बाद जशपुर भेजा गया यह मायावी जशपुर में चार महीने भी नहीं टिक पाया इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ईमानदारी से नौकरी करता है कि यह नौकरी के नाम पर कुछ और भी करता है जो कोरिया जिले में संचालित उसका अघोषित व्यापार है जिसके कारण वह हर हाल में लौटने में लगा था और ऐसा संभव भी हुआ भले कोरिया जिले तक वह सिफारिश अपनी नहीं वृहद कर सका लेकिन बगल का ही कोरिया जिले के जिला उसे मिल गया।
एमसीबी जिले में पूर्व साथियों के साथ फिर चलाएगा अपना एकक्षत्र राज,संभावना प्रबल
मायावी कोरिया जिले आना चाहता था लेकिन वह कोरिया जिले के लिए सिफारिश में वह ताकत नहीं लगा सका जिसकी जरूरत है और उसे नवीन जिले एमसीबी के लिए जशपुर से रवानगी मिलने की खुशखबरी मिल गई,एमसीबी जिले में उसके पुराने साथी पहले से मौजूद हैं जो खुद पहले अपनी कार्यप्रणाली के कारण हटाए गए थे और किसी तरह हांथ पैर जोड़कर लौट सके थे। अब माना जा रहा है मायावी भी उन्हीं पुराने साथियों के साथ मिलकर एकक्षत्र राज स्थापित करेगा,एमसीबी जिले के लिए यह दुर्भाग्यजनक है क्योंकि मायावी को लेकर कोरिया जिला कभी भी गौरव महसूस नहीं कर सका। मायावी कोरिया में एक ऐसा व्यक्ति माना जाता था जिसके लिए उसकी दोषपूर्ण कार्यप्रणाली ही महत्वपूर्ण थी,आम लोगों सहित विभागीय कर्मचारी भी उससे परेशान और कहीं न कहीं प्रताडि़त थे।
एमसीबी जिले से कोरिया जिले तक मायावी की पहुंच होगी आसान,कोरिया जिले में भी मायावी का दिखेगा दखल
मायावी भले ही कोरिया जिला नहीं पहुंच सका भले ही उसकी मन्नते और चरण वंदन हर स्तर तक था लेकिन वह किसी तरह एमसीबी जिले तक पहुंच गया,एमसीबी जिला कोरिया जिले से ही अलग होकर बना नया जिला है और मायावी एमसीबी जिले से पूर्व परिचित है क्योंकि वह कोरिया जिले में ही लगातार कार्यरत रहा है और एमसीबी पहले कोरिया का ही हिस्सा था,मायावी की दखल अब कोरिया जिले में भी दिखेगी ऐसा माना जा रहा है क्योंकि कोरिया जिले से एमसीबी जिला अधिक दूर नहीं है,अब ऐसे में मायावी की दखल कोरिया जिले में भी बराबर दिखने वाली है और वह कोरिया जिले को ही आवासीय मुख्यालय बनाकर रखेगा क्योंकि ऐसे में उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी और वह आसानी से मनमानी कर सकेगा।
कोरिया जिले में संचालित अपने अघोषित व्यापार को वह अब करेगा निश्चिंत होकर संचालित
मायावी कोरिया जिले के बिल्कुल बगल के जिले में वापसी कर पाया है,यह वापसी इसलिए महत्वपूर्ण है उसके लिए क्योंकि वह कोरिया जिले में अघोषित रूप से संचालित अपने व्यापार को अब निश्चिंत होकर संचालित कर सकेगा। मायावी के लिए अब घर पर ही रहना और कोरिया जिले में लगातार अपने पुराने क्रियाकलाप करने की आसानी होगी।
निष्कर्ष
इस नारे का कोई सीधा समाचार नहीं है, लेकिन यह भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ लोगों के गुस्से को दर्शाता है। कोरिया में हुई कुछ घटनाओं और छत्तीसगढ़ में हाल के भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में इसे एक रिश्वतखोर पुलिसकर्मी के लिए टिप्पणी के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह दिखाता है कि लोग चाहते हैं कि पुलिस विभाग में आने वाले लोग बेदाग हों।


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