कोरिया/पटना@निर्वाचित पार्षदों की बजाए मनोनीत सांसद प्रतिनिधि के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन का हुआ आयोजन,ज्ञापन सौंपकर आंदोलन हुआ समाप्त

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-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,11 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के नव गठित नगर पंचायत में घटिया और गुणवत्ता विहीन नाली निर्माण की शिकायत साथ ही गुणवत्ता विहीन निर्माण के विरुद्ध उचित कार्यवाही की मांग को लेकर नगर पटना में कांग्रेस पार्टी का एक दिवसीय धरना प्रदर्शन संपन्न हुआ,इस धरना प्रदर्शन में एक बात अजीब नजर आई वह यह कि यह धरना प्रदर्शन कांग्रेस पार्टी के उन निर्वाचित वार्ड पार्षदों के नेतृत्व में नहीं हुआ जिन्हें जनता से सीधे चुनकर भेजा है यह धरना प्रदर्शन एक मनोनीत सांसद प्रतिनिधि के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसे क्षेत्रीय सांसद ने नगर पंचायत पटना के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है। कांग्रेस पार्टी के सभी निर्वाचित वार्ड पार्षदों ने मनोनीत सांसद प्रतिनिधि के नेतृत्व में यह प्रदर्शन किया और गुणवत्ता को ताक पर रखते हुए किए गए नाली निर्माण को ध्वस्त करते हुए नए सिरे से पुनः निर्माण की मांग की,बता दें कि इमली चौक से लेकर सत्ती मंदिर तक निर्मित नाली का निर्माण गुणवत्ता को ताक पर रखकर किया गया है और यह एक भ्रष्टाचार का मामला है यह आरोप कांग्रेस पार्टी ने लगाया है वहीं इसी नाली निर्माण में गुणवत्ता नहीं होने की बात स्वयं भाजपा के ही निर्वाचित वार्ड पार्षद मान रहे हैं और वह कह भी रहे हैं। यह निर्माण भाजपा नेता की एजेंसी द्वारा किया गया है जो गुणवत्ता को लेकर गंभीर नहीं रहने वाली एजेंसी है ऐसा आरोप कांग्रेस पार्टी ने लगाया है।
मनोनीत सांसद प्रतिनिधि नगर पंचायत पटना दीपक खत्री ने बताया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखकर ही समझ में आती है कि घटिया और स्तरहीन कार्य किया गया है और जिसे ध्वस्त कर पुनः निर्माण की आवश्यकता है,दीपक खत्री के द्वारा बताया गया कि नगर में निर्मित किए गए उक्त नाली के विषय में प्रशासन को ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की जा रही है और यह कार्यवाही पुनः निर्माण के लिए की जाए उनकी मांग है, उन्होंने बताया कि भाजपा नेता की एजेंसी ने काम में गुणवत्ता का ध्यान बिल्कुल नहीं रखा है और यह निर्माण पूरी तरह भ्रष्टाचार से प्रेरित है,इस संबंध में उचित कार्यवाही नहीं किए जाने पर उग्र कार्यवाही की बात भी उन्होंने दोहराई। वैसे नाली निर्माण के संबंध में नगर पंचायत कार्यालय से एजेंसी को नोटिस जारी किया जा चुका है जिसमें पुनः निर्माण का निर्देश दिया गया है, अध्यक्ष ने स्वयं निरीक्षण में इसे गुणवत्ता से अलग हटकर स्तरहीन निर्माण कार्य माना है,कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन भ्रष्टाचार सहित भाजपा नेताओं के द्वारा किए जा रहे गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यों को रोकने के लिए भी आयोजित था। उनके अनुसार यह संरक्षण प्रदान करते हुए भ्रष्टाचार का मामला है जिसमे सभी शामिल हैं।
एजेंसी को नोटिस भेजकर गुणवत्ता से समझौता नहीं करने की दी जा चुकी है हिदायत,गायत्री सिंह अध्यक्ष नगर पंचायत पटना
नगर पंचायत अध्यक्ष पटना गायत्री सिंह ने इस संबंध में खुद बताया कि उनके द्वारा निरीक्षण में यह पाया गया था कि नाली निर्माण में गुणवत्ता की कमी है और उन्होंने इसके लिए एजेंसी को नोटिस भिजवा दिया है,गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा यह उन्होने अपनी तरफ से अपना प्रण बतलाया और कहा कि बात नगर के विकास की है और इसमें विकास ही उनके लिए प्रथम है और इससे समझौता गुणवत्ता जैसे विषयों में कभी नहीं होगा,उन्होंने यह भी कहा कि नगर में जारी अन्य निर्माण कार्य उनके लिए अपने घर में कराए जा रहे निर्माण कार्यों की ही तरह हैं इनका भविष्य लंबा होगा और यह उनकी तरफ से निश्चित किया जा चुका है निर्देश जारी कर जिसके विषय में विपक्ष को सोचने की जरूरत नहीं है,उन्होंने कहा कि नगर के लोगों की वह ऋणी हैं उन्हें नगर के लोगों ने अपार स्नेह प्रदान किया है जिसके बाद उनकी तरफ से नगर के लोगों की सुविधाओं में कटौती जैसा कोई विषय सामने आएगा यह सोचना ही एक द्वेष से उत्पन्न मानसिकता है। उन्होंने विपक्ष को विकास में सहयोगी बनने अपील करते हुए कहा कि विपक्ष चुनाव की हार जीत भुलाकर साथ आए और नव गठित नगर का विकास मिलकर साथ करे।
निर्वाचित पार्षदों की बजाए मनोनित सांसद प्रतिनिधि ने किया नेतृत्व
एक दिवसीय धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित पार्षदों ने नहीं किया,नेतृत्व सांसद द्वारा मनोनित सदस्य ने किया,बता दें कि नगर के व्यवसाई दीपक खत्री को क्षेत्रीय सांसद ने अपना प्रतिनिधि मनोनीत किया है जो उनकी अनुपस्थिति में नगर पंचायत की बैठकों में शामिल होंगे,दीपक खत्री ने नगर पंचायत में हुए एक नाली निर्माण में गुणवत्ता की बात को लेकर प्रश्न उठाते हुए स्वयं एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया जो संपन्न हुआ। धरना प्रदर्शन नगर के अटल चौक पर आयोजित था जहां पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से सुरक्षा दृष्टि के हिसाब से डटा रहा।
निर्वाचित पार्षदों को नेतृत्व का जिम्मा क्यों नहीं मिला सवाल,क्या नगर पंचायत में उनकी स्थिति कमजोर?
अक्सर राजनीति में यही देखने को मिला है कि पक्ष का विरोध विपक्ष के द्वारा किए जाते समय निर्वाचित सदस्य सामने होते हैं नेतृत्व करते हैं या फिर संगठन सामने होता और संगठन का शीर्ष आगे होता है,नगर पंचायत एक सरकार ही की तरह काम करता है और यह नगर की सरकार ही कहलाती है,इसमें शामिल और इसके अंग निर्वाचित अध्यक्ष उपाध्यक्ष और पार्षद होते हैं,पक्ष विपक्ष का मामला यहां भी होता है और लगातार यही देखने को मिलता है कि नगर सरकारों का विरोध विपक्ष के पार्षद करते हैं या फिर विपक्षी दल के शीर्ष को यह जिम्मा मिलता है या वह जिम्मा लेता है। नगर पटना के कांग्रेस पार्टी के विरोध में यह देखने को मिला कि न निर्वाचित पार्षदों ने नेतृत्व किया न ही संगठन के शीर्ष ने नेतृत्व किया नेतृत्व मनोनीत सांसद प्रतिनिधि ने किया। वैसे पार्षदों को नेतृत्व का जिम्मा क्यों नहीं दिया गया साथ की क्या निर्वाचित पार्षदों को पार्टी ने विरोध के विषय में अयोग्य माना यह बड़ा सवाल है। पार्टी ने क्या नगर पंचायत में यह मान लिया है कि उनके निर्वाचित पार्षद विरोध दर्ज करने में पूरी तरह सक्षम नहीं हैं।
निर्वाचित पार्षदों ने मनोनीत सांसद प्रतिनिधि का नेतृत्व स्वीकार किया,हुए इक्कठा, सौंपा ज्ञापन
नगर में कांग्रेस पार्टी के धरना प्रदर्शन के दौरान निर्वाचित पार्षदों ने मनोनीत सांसद प्रतिनिधि का नेतृत्व स्वीकार किया और धरना प्रदर्शन में शामिल होकर वह ज्ञापन सौंपने के कार्यक्रम में शामिल हुए,सभी ने जमकर नारेबाजी की और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आगे भी इसी तरह आवाज उठाने की बात कही। सभी ने यह भी कहा कि नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार बंद नहीं हुआ तो आगे और भी बड़े आंदोलन देखने को मिल सकते हैं।


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