तनाव में फायरिंग करना अमानवीय कदम
बिलासपुर,25 जून 2025 (ए)। चार सहकर्मियों की हत्या के दोषी सीआरपीएफ कांस्टेबल संत कुमार की आपराधिक अपील को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायालय ने स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि ड्यूटी की कठिन और तनावपूर्ण परिस्थितियां किसी को ऐसा अमानवीय कदम उठाने का अधिकार नहीं देतीं। कोर्ट ने माना कि घायल चश्मदीद गवाह की गवाही का कानूनी महत्व अत्यधिक होता है और जब तक उसमें कोई गंभीर विरोधाभास या असंगति न हो, उसे खारिज नहीं किया जा सकता। यह फैसला हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु ने सुनाया। कोर्ट ने माना कि ट्रायल कोर्ट ने संत कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी ठहराकर जो सजा सुनाई है, उसमें किसी प्रकार की कानूनी त्रुटि नहीं है।
