अम्बिकापुर@मां महामाया शक्कर कारखाना के घाटे के लिए सरकार ही जिम्मेदार

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अम्बिकापुर,23 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। ट्रेड यूनियन काउंसिल, छाीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव ने मां महामाया शक्कर कारखाना मर्यादित,केरता के निजीकरण के शासकीय प्रस्ताव का विरोध करते हुए यह कहा है कि छाीसगढ़ सरकार का यह कदम सहकारिता आंदोलन पर कुठाराघात साबित होगा। छाीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 28 जनवरी 2025 को सहकारिता विभाग की बैठक में केरता स्थित मां महामाया शक्क कारखाने का निजीकरण करने अथवा पीपीपी मॉडल से संचालित करने का निर्णय इस आधार पर लिया गया है कि यह कारखाना घाटे में चल रहा है। जेपी श्रीवास्तव ने कहा है कि ऐसे में तो प्रदेश की कई सहकारी संस्थाएं घाटे में चल रही है तो क्या सभी का निजीकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि मां महामाया शक्कर कारखाना के घाटे के लिए छाीसगढ़ सरकार ही जिम्मेदार है। उन्होंने छाीसगढ़ सरकार से अनुरोध किया है कि वो शक्कर कारखाने के निजीकरण के अपने विचार को त्यागे,अन्यथा ट्रेड यूनियन काउंसिल, छाीसगढ़ क्षेत्र के मजदूरों और किसान यूनियन की सहभागिता के साथ वृहद आंदोलन के लिए बाध्य होगी।


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