बैकुण्ठपुर 29 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। स्व. डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कोरिया में कृषि शिक्षा एवं कृषि तकनीकी जागरूकता अभियान अंतर्गत संचालित “कृषि विश्वविद्यालय आपके द्वार” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अधिष्ठाता डॉ. डीके गुप्ता के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित छात्र-छात्रायें, ग्राम- चेरवापारा के कृषक बन्धु उपस्थित थे। महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों द्वारा कृषि से संबंधित जानकारी प्रदान किया गया।
वैज्ञानिक तरीके से खेती करना फायदे का सौदा
डॉ. एनके मिश्रा द्वारा बताया गया कि कृषि एक ऐसा व्यवसाय है जिस पर प्रत्येक व्यक्ति के निर्भरता के कारण वैज्ञानिक तरीके से खेती करना फायदे का सौदा है। जमीन सीमित है और भारत की बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराना केवल खेती के उन्नत तकनीक से ही सम्भव है।
मशरूम उगाकर परिवार का बढ़ाए आय
डॉ. एसके घृतलहरे ने बताया कि फसलों के पारम्परिक किस्मों के स्थान पर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किस्मों को खेती में शामिल कर बेहतर पैदावार प्राप्त किया जा सकता है। कोरिया का जलवायु मशरूम उत्पादन के लिए अनुकूल होने के कारण घरेलू महिलाएं कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया अथवा कृषि महाविद्यालय कोरिया से मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर मशरूम उगाकर परिवार का आय बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
कृषि महाविद्यालय कृषकों की सेवा में सदैव तत्पर
अधिष्ठाता डॉ. डीके गुप्ता द्वारा अपने अध्यक्षीय उदबोधन में बताया गया कि कोरिया जिले में स्थित कृषि महाविद्यालय में कृषक बन्धु आकर अपनी समस्याओं का त्वरित निदान कर सकते हैं, कृषि महाविद्यालय कृषकों की सेवा में सदैव तत्पर है। इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के बीच प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया जिसमें छात्रा कुमारी नीलम मिंज प्रथम स्थान प्राप्त की एवं छात्र अमीन कुमार द्वितीय स्थान हासिल किया। किसानों को फलदार पौधे वितरित कर इस कार्यक्रम का समापन किया गया।
फसल उत्पादन के आलावा ऐसे बढ़ाया जा सकता आय
डॉ. संदीप नवरंग जो शस्य विज्ञान के विशेषज्ञ है उन्होंने बताया कि समन्वित खेती प्रणाली से किसानों के आय दुगनी करने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। अपने खेत में फसल उत्पादन के साथ साथ बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, मछ्ली पालन को शामिल करके आय बढ़ाया जा सकता है।
टिकाऊ खेती को बढ़ावा
डॉ. सुनिधी मिश्रा ने बताया कि सब्जी की अलग- अलग प्रकार को एक ही खेत मे लगाकर टिकाऊ खेती को बढ़ावा दिया जा सकता है।
जैविक खेती है फायदेमंद
कृषकों का प्रतिनिधित्व कर रहे श्री अमरसिंह जी ने अपने खेती के अनुभवों को सबके बीच साझा किया, साथ ही बताये कि रासायनिक खेती की तुलना में जैविक खेती करने से खेती की लागत को कम करने के साथ-साथ फसलो को कृषि रसायनों के दुष्प्रभाव से भी बचाया जा सकता है।
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