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कोरिया@ खदान का कागज़ नहीं,मगर वसूली शुरू!कोरिया में माफिया सिस्टम शासन–प्रशासन से ऊपर?

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  • मात्र आवंटन हुआ…न अमानत राशि जमा…न रायल्टी…न माइनिंग प्लान,न पीट पास-फिर भी शुरू अवैध वसूली…’
  • रायल्टी नहीं जमा,पीट पास नहीं…पर ट्रैक्टर-टिपर से रेत की वसूली! माइनिंग विभाग की चुप्पी क्या सौदे का परिणाम?
  • लकी-ड्रॉ सिर्फ नाम का…ठेकेदार के गुर्गों ने शुरू कर दी वसूली?
  • ठेकेदार के ‘गुर्गे’ की अवैध उगाही? माइनिंग विभाग की कॉल पर कार्रवाई से सांठगांठ के संकेत
  • ट्रैक्टर से 1500,टिपर से 2500 की माग,न देने पर विभाग को कॉल कर दी जाती है कानूनी कार्रवाई की धमकी
  • लकी-ड्रॉ दिखावा… असली खेल अवैध वसूली का…एक फोन पर माइनिंग विभाग का दौड़ना सबसे बड़ा राज…


-रवि सिंह-
कोरिया,03 दिसंबर 2025 (घटती-घटना)।
कोरिया जिले की चिरमी और गेज़ी रेत खदानों के लकी-ड्रॉ द्वारा हाल ही में घोषित आवंटन के बाद खदान संचालन से पहले ही बड़ा घोटाला, बड़ी वसूली और विभागीय सांठगांठ के आरोप सामने आए हैं,चिरमी खदान मां दुर्गा लेबर एंड सिक्योरिटी कंपनी,अंबिकापुर को आवंटित तो जरूर हुई है,लेकिन न अमानत राशि जमा हुई,न माइनिंग प्लान की स्वीकृति हुई,न रजिस्ट्री हुई,न रायल्टी,और न ही पीट पास जारी हुए हैं,इसके बावजूद ठेकेदार से जुड़े मयंक सिंह और लकी सिंह के द्वारा खदान पर कब्जे जैसी गतिविधियाँ और अवैध वसूली के आरोप तेजी से उठ रहे हैं।
कोरिया की रेत खदानें: कानून बंद कमरे में…और वसूली खुले मैदान में…
कोरिया जिले की चिरमी-गेजी खदानों का ताज़ा मामला सिर्फ अवैध वसूली का नहीं है यह उस बीमार सिस्टम की परतें खोलता है जिसमें नियमों से ज़्यादा ताकत,कानून से ज़्यादा सांठगांठ,और प्रक्रियाओं से ज़्यादा पैसा चलता है,लकी-ड्रॉ हुआ,लेकिन बस कागज़ पर,खदान न रजिस्ट्री हुई,न रायल्टी जमा, न पीट पास जारी,न माइनिंग प्लान मुहरबंद लेकिन वसूली समय से पहले शुरू हो गई,यह कैसे संभव है? क्या ठेकेदार और उसके गुर्गे शासन से ऊपर हैं? सबसे बड़ा सवाल यदि खदान अभी कानूनी रूप से शुरू नहीं हुई,तो ट्रैक्टर-टिपर से पैसे कौन ले रहा है…और किस अधिकार से?…जब आरोप यह हों कि मयंक-लकी एक फोन करते हैं और माइनिंग विभाग तुरंत गाड़ी पकड़ने पहुँच जाता है,तो यह सिर्फ संदेह नहीं एक गहरा संकेत है कि विभाग किसी अदृश्य हाथ मिलाना के तहत काम कर रहा है,माइनिंग विभाग यदि इतना सक्रिय होता,तो पहले सवाल पूछता कि बिना पीट पास के खदान में ठेकेदार के लोग क्या कर रहे हैं? लेकिन यह सवाल सरकार नहीं पूछती, विभाग नहीं पूछता,और ठेकेदार के गुर्गे तो पूछते ही नहीं वो तो सीधा वसूली शुरू कर देते हैं,क्या अब खदानें नियमों से नहीं,बल्कि गुर्गों के फोन और विभाग की चुप्पी से चलेंगी? यदि कोरिया जिले में यह नया मॉडल लागू हो गया तो कल खदानें नहीं,पूरा सिस्टम ‘अनऑफिशियल वसूली’ में बदल जाएगा। सरकारें बदलती हैं, नीतियाँ बदलती हैं,लेकिन रेत माफिया का चरित्र नहीं बदलता क्योंकि उन्हें चुनौती देने वाला तंत्र ही उनके साथ खड़ा होता है, कोरिया की चिरमी-गेजी खदानों में अभी सिर्फ लकी-ड्रॉ हुआ है,पर जिस तरह की वसूली शुरू हो चुकी है,वह बताती है कि असली ड्रॉ तो पैसा कौन देगा और संरक्षण कौन देगा,इसके बीच होता है। यदि शासन और कलेक्टर ने एक भी दिन देरी की,तो यह मामला छोटा ‘वसूली प्रकरण’ नहीं,पूरी कोरिया माइनिंग का महाघोटाला बनकर सामने आएगा।
मजबूत आरोप…खदान अभी कानूनी रूप से शुरू भी नहीं हुई…पर वसूली शुरू…
स्थानीय ट्रैक्टर व वाहन चालकों के अनुसार चिरमी खदान पर हर वाहन को रोका जा रहा है ट्रैक्टर से 1500, टिपर से 2500 की उगाही की जा रही है अवैध वसूली देने से इनकार करने पर मयंक-लकी सीधे माइनिंग विभाग को फोन करते हैं,और विभाग तत्काल मौके पर कार्रवाई कर देता है,यह व्यवहार साफ-साफ सांठगांठ का संकेत देता है।
क्या लकी-ड्रॉ सिर्फ दिखावा था? असली खेल तो विभाग ठेकेदार की मिलीभगत का
लकी-ड्रॉ प्रक्रिया सिर्फ आवंटन का प्रथम चरण है,किसी भी ठेकेदार को खदान का संचालन शुरू करने के लिए अमानत राशि,माइनिंग प्लान, एनओसी,रजिस्ट्री,ग्राउंड-लेवल मार्किंग,रायल्टी क्लीयरेंस,पीट पास जारी इनमें से एक भी वैध दस्तावेज़ अभी तक मौजूद नहीं है, तो क्या ठेकेदार के गुर्गों को अवैध वसूली के अधिकार किसी ने ‘अनौपचारिक रूप से’ दे दिए हैं? यह सवाल अब कोरिया जिले की माइनिंग व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर रहा है।
माइनिंग विभाग की भूमिका सबसे संदिग्ध…एक फोन पर तत्काल कार्रवाई…
शिकायतकर्ताओं का कहना है मयंक सिंह और लकी सिंह जिस वाहन से पैसा नहीं ले पाते,उसी वाहन का नंबर तुरंत माइनिंग विभाग को भेजते हैं और विभाग उसी वक्त गाड़ी पकड़ने पहुंच जाता है,यदि विभाग इतना ही सक्रिय है,तो फिर अवैध वसूली करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं? फर्जी पीट पास रोकने का नियम क्यों लागू नहीं किया गया? खदान का संचालन बिना अनुमति के क्यों चलने दिया जा रहा है?
कोरिया में रेत खदानों का खेल खुला भ्रष्टाचार बन चुका है…
चिरमी-गेजी खदानों का पूरा प्रकरण बताता है कि ठेकेदार से जुड़े लोग बिना अनुमति खदान पर कब्जा कर रहे हैं,अवैध वसूली जारी है, गाली-गलौज और धमकी के आरोप गंभीर हैं,विभाग पूरी तरह सांठगांठ में शामिल प्रतीत होता है,लकी-ड्रॉ सिर्फ औपचारिकता बन गया है यह पूरा मामला अब पुलिस,माइनिंग,कलेक्टर और शासन की गंभीर जांच की मांग करता है।


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