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सूरजपुर@प्रदेशाध्यक्ष आए…सूरजपुर चूक गया…फिर वापसी में औपचारिक कार्यक्रम…सूरजपुर भाजपा में गुटबाजी खुलकर शुरू हो चुकी?

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जिलाध्यक्ष-विधायक की बड़ी गलती,स्वागत न होने से फूटा कार्यकर्ताओं का गुस्सा

  • प्रदेशाध्यक्ष के स्वागत में हुई बड़ी चूक—वापसी में
  • औपचारिक कार्यक्रम,गुटबाजी खुलकर सतह पर
  • वापसी में आयोजित कार्यक्रम रहा फीका…पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी, जिले में गुटबाजी की बू तेज़…सूरजपुर भाजपा में संगीन असंतोष!


-शमरोज खान-
सूरजपुर, 28 नवम्बर 2025 (घटती-घटना)।
सूरजपुर भाजपा की हालत पतली प्रदेशाध्यक्ष भी छूट गए,मनेंद्रगढ़ जाते समय स्वागत नहीं, लौटते समय शो-पीस कार्यक्रम,जिला संगठन चार लोगों की मुट्ठी में? महिला पदाधिकारी ने भी छोड़ी जिम्मेदारी,भाजपा में सूरजपुर मॉडलः स्वागत गायब,गुटबाजी हाजि़र, जिलाध्यक्ष-विधायक की ‘डबल चूक’ पर पूरे जिले में चर्चा,कार्यकर्ताओं में नाराज़गी चरम पर नए नेतृत्व की टीम विवादों में संगठन की टूट सतह पर दिखने लगी, भाजपा संगठन के लिए गुरुवार का दिन ऐसा रहा जिसने यह साफ कर दिया कि सूरजपुर जिले में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है, जब प्रदेशाध्यक्ष किरण देव, संगठन महामंत्री पवन साय, मंत्री रामविचार नेताम,श्याम बिहारी जायसवाल सहित भारी-भरकम नेतृत्व मनेंद्रगढ़ कार्यालय भूमिपूजन के लिए अंबिकापुर से सड़क मार्ग से रवाना हुए,तो कोरिया जिले में उनका जोरदार स्वागत हुआ—लेकिन सूरजपुर में सन्नाटा रहा, यह दृश्य न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए शर्मनाक साबित हुआ, बल्कि यह भी स्पष्ट कर गया कि जिलाध्यक्ष मुरली मनोहर सोनी और विधायक भूलन सिंह पूरा प्रबंधन ही चूक गए।
जिले में ही मौजूद थे जिलाध्यक्ष और विधायक,फिर भी स्वागत नहीं कार्यकर्ताओं में गहरी नाराज़गी
जिन जिलों में भाजपा का कारवां गुजरता है,वहाँ स्वागत एक परंपरागत संगठनात्मक संस्कृति मानी जाती है, लेकिन सूरजपुर में प्रदेश अध्यक्ष के पहले बड़े दौरे पर कोई स्वागत कार्यक्रम न होना, कार्यकर्ताओं से लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों तक में असंतोष का कारण बना रहा,कार्यकर्ताओं की सीधी टिप्पणी ऐसा सूरजपुर में पहली बार हुआ है।
वापसी में आनन-फानन में किया गया स्वागत…कार्यक्रम रहा फीका…
जब जिलाध्यक्ष को बात की गंभीरता का एहसास हुआ,तब मनेंद्रगढ़ से नेताओं की वापसी पर अग्रसेन चौक में जल्दी-जल्दी में एक कार्यक्रम तय किया गया,लेकिन कार्यक्रम में गिनती के कार्यकर्ता,ऊर्जा और जोश का अभाव,भारी नेतृत्व को मिला महज़ औपचारिक स्वागत यह सब अब जिलों की राजनीति में चर्चा का विषय है।
जिलाध्यक्ष पर गंभीर सवाल, क्या संगठन को चार लोगों की ‘दरबारी टीम’ चला रही है?

पार्टी के भीतरी हलकों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि जिलाध्यक्ष बनने के बाद,मुरली मनोहर सोनी की टीम पर,चार लोगों की मजबूत पकड़ हो चुकी है और यही लोग संगठन के दौरे, कार्यक्रम और जनसंपर्क पर नियंत्रण कर रहे हैं, कार्यकर्ताओं का आरोप है की सरकारी कार्यक्रमों में जैकेट पहनकर रौब दिखाना आता है,लेकिन संगठन के काम में ज़मीन पर उतरना नहीं।महिला मोर्चा में भी असंतोष,एक महीने में जिला पदाधिकारी ने छोड़ी जिम्मेदारी
संगठन के अंदर महिला कर्मियों में भी गहरा असंतोष है,एक चर्चित महिला पदाधिकारी ने जिले के संगठन में मात्र एक महीने के अंदर ही काम करने की अनिच्छा जताई, कार्यालय का फोन उठाना बंद किया,पार्टी की गतिविधियों से दूरी बना ली कारण पद बांटते समय संघर्ष करने वाली महिला नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और ऐसे लोगों को पद दे दिए गए जो विपक्ष के दिनों में सक्रिय भी नहीं थे, यह भाजपा के मजबूत महिला संगठनात्मक ढांचे के लिए गंभीर चेतावनी है।
क्या सूरजपुर भाजपा में गुटबाजी खुलकर सामने आ चुकी है?
कुल मिलाकर स्थितियाँ संकेत देती हैं कि संगठन अप्रभावी नेतृत्व से ग्रस्त है, जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा बढ़ रही है, नए जिलाध्यक्ष की पकड़ कमजोर है, विधायक और जिलाध्यक्ष की ट्यूनिंग सवालों के घेरे में है, संगठन में ‘नए पावर सेंटर’ पनप रहे हैं,यह सब सूरजपुर जैसी राजनीतिक रूप से संवेदनशील सीट पर भाजपा के लिए ठोस खतरे की घंटी है।
प्रदेश नेतृत्व को तुरंत हस्तक्षेप करना होगा…
यह मामला अब सिर्फ ‘स्वागत चूक’ नहीं, जिला संगठन की टूटन का स्पष्ट संकेत है, अगर समय रहते समीक्षा नहीं हुई, गलत निर्णयों को नहीं सुधारा गया, कार्यकर्ताओं का सम्मान और विश्वास नहीं लौटा, तो सूरजपुर भाजपा आने वाले चुनावों में बड़ी चुनौती का सामना करेगी, और नुकसान तय है।


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