-संवाददाता-
अम्बिकापुर,23 नवम्बर 2025
(घटती-घटना)।
पीजी कॉलेज में 21 और 22 नवंबर को भूगोल विभाग एवं छत्तीसगढ़ भूगोल परिषद के संयुक्त तत्वावधान में ‘क्षेत्रीय विकास मुद्दे एवं चुनौतियां’ विषय पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, मिजोरम और बिहार से शोधकर्ता और प्राध्यापक सम्मिलित हुए। कुल 250 से अधिक भूगोल प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं और स्नातकोत्तर छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया। संगोष्ठी में 173 शोध पत्रों के एब्स्ट्रेक्ट का प्रकाशन हुआ और आठ तकनीकी सत्रों में 32 शोध पत्रों का वाचन किया गया। इस संगोष्ठी की एक प्रमुख विशेषता यह थी कि इसमें 35 वर्ष से कम उम्र के शोध छात्रों के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें 8 छात्रों ने भाग लिया। यंग ज्योग्राफर अवार्ड के तहत तीन छात्रों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार प्राप्त छात्र थे – अजीत कुमार शांते, शमलेश पोटाई और असुंता खलखो। खास बात यह थी कि भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल सिन्हा और उनकी पत्नी उमा सिन्हा ने अपने स्वर्गीय माता-पिता की स्मृति में इन छात्रों को नकद राशि से सम्मानित किया। संगोष्ठी में स्नातकोत्तर छात्रों के लिए ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ और ‘नगरीय विकास’ पर पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें 17 छात्रों ने भाग लिया। तीन श्रेष्ठ पोस्टर को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर टी. एल. वर्मा ने ‘विकसित भारत 2047’ के संदर्भ में विकास के सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और राजनीतिक पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। विशिष्ट अतिथि डॉ. एसपी त्रिपाठी ने संसाधनों के उपयोग और संरक्षण की महत्ता पर प्रकाश डाला। मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वी. पी. सती ने अनुसंधान की सूक्ष्म पद्धतियों पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी की सफलता पर दीपिका स्वर्णकार ने महाविद्यालय परिवार और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी का आयोजन छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से हुआ था।
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