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नई दिल्ली@राहुल गांधी ने SIR को थोपा गया जुल्म बताया,एक्स पर लिखी तीखी बातें

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नई दिल्ली, 23 नवम्बर 2025। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट रिविजन को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह कोई सुधार नहीं बल्कि ठोपा गया जुल्म है। राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि चुनाव आयोग ने ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिससे मतदाता थककर हार जाए और वोट चोरी बिना किसी रोक-टोक जारी रहे। उनका मानना है कि एसआईआर के तहत की जा रही प्रक्रिया नागरिकों और कर्मचारियों दोनों के लिए अत्यधिक दबाव वाली और हानिकारक साबित हो रही है। राहुल गांधी ने पोस्ट में विशेष रूप से बीएलओ की मौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तीन हफ्तों के भीतर 16 बीएलओ की जान चली गई, जिसमें हार्ट अटैक, तनाव और आत्महत्या के मामले शामिल हैं। राहुल गांधी ने इसे एसआईआर का प्रत्यक्ष परिणाम बताते हुए कहा कि यह कोई सुधार नहीं बल्कि ठोपा गया जुल्म है। उनके अनुसार, बीएलओ पर लगातार दबाव डालकर उन्हें असुरक्षित और मानसिक रूप से थका दिया गया है। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि एसआईआर के माध्यम से वोट चोरी की राह आसान बनाई जा रही है। उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग ने ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिसमें नागरिकों को खुद को पहचानने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ते हैं। उनका कहना है कि इसका मकसद साफ है—सही मतदाता थककर हार जाए और मतदान की प्रक्रिया में धांधली बिना किसी रोक-टोक जारी रहे।
चुनाव आयोग पर पारदर्शिता के सवाल
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर तैयार करता है,लेकिन भारत का चुनाव आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर अड़ा हुआ है। राहुल गांधी ने सुझाव दिया कि अगर ईमानदारी और नीयत साफ होती, तो मतदाता सूची डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती। इसके बजाय चुनाव आयोग ने 30 दिनों की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम को प्राथमिकता दी। जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही प्रभावित हुई।
एसआईआर को लेकर कांग्रेस की राय
राहुल गांधी ने कहा कि एसआईआर एक सोची-समझी चाल है, जिसमें नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और ख्रुह्रह्य की मौतों को ‘कॉलैटरल डैमेज’ मानकर अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला और सत्ता की रक्षा के लिए की गई चाल बताया। उनके अनुसार, यह किसी तकनीकी असफलता या प्रशासनिक नाकामी का मामला नहीं बल्कि षड़यंत्र है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है।राहुल गांधी ने अपने पोस्ट के माध्यम से एसआईआर की नियोजित जटिलताओं और गंभीर हानियों को उजागर किया। उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह सही समय और पारदर्शिता के साथ मतदाता सूची का सुधार करे, ताकि लोकतंत्र की मजबूती बनी रहे और नागरिकों व चुनाव कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।


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