लगातार बारिश से कोरिया जिले के किसान चिंतित
-राजन पाण्डेय-
कोरिया,30 अक्टूबर 2025
(घटती-घटना)।
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में बेमौसम बारिश और तेज अंधड़ ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मानसून के विदा होने के बाद भी अचानक बदले मौसम ने धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी फसल तेज हवाओं और बारिश के कारण जमीन पर गिर गई है, जिससे उपज की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
बारिश और अंधड़ से धान की फ़सल को नुकसान
सोनहत में कई इलाकों में धान की बालियां निकल रही थीं, जबकि कुछ किसानों की फसल कटाई के लिए पूरी तरह तैयार थी। अर्ली वेरायटी की फसलों की कटाई पहले से चल रही थी, लेकिन अचानक हुई वर्षा ने इन प्रयासों पर पानी फेर दिया। किसानों ने बताया कि अब फसल में रोग फैलने की आशंका भी बढ़ गई है, जिससे नुकसान और बढ़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय हुई बारिश फसल के लिए हानिकारक है। खेतों में गिरी फसल में नमी बढ़ने से दाने सड़ सकते हैं और उत्पादन पर असर पड़ेगा। किसानों ने प्रशासन से नुकसान का सर्वे कर मुआवजा दिलाने की मांग की है। फिलहाल जिले में मौसम की यह मार किसानों के लिए दोहरा संकट बनकर सामने आई है।
धान की फ़सल ही मुख्य, कैसे भरेंगे कर्जा
कोरियो जिले में धान की खेती ही प्रमुख कृषि कार्य है,जिससे अधिकांश लोग जीविकोपार्जन करते हैं. लेकिन इस वर्ष लगातार हो रही भारी बारिश किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है, दो-तीन वर्ष पहले कम वर्षा के कारण किसान परेशान थे,वहीं इस बार अत्यधिक बारिश ने उनकी चिंता फिर बढ़ा दी है। आम तौर पर अक्टूबर नवम्बर माह में फसल कटनी की शुरुआत हो जाती है, लेकिन इस बार खेतों में धान की फसल ठीक तरह से तैयार नहीं हो पाई है,किसानों का कहना है कि धान में फल लगने के समय ऐसी लगातार बारिश से फसल खाराब होने,काले पड़ने या दाना न आने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि किसान कर भी क्या सकते हैं, बारिश का पानी धान उगा भी सकता है और अनाज बर्बाद भी कर सकता है, इसलिए किसानों के चेहरे पर आशा के साथ चिंता भी साफ झलक रही है, किसानों ने बताया कि धान की फसल ही उनकी आजीविका का मुख्य साधन है,तीन से चार महीनों तक वे खेतों में मेहनत करते हैं ताकि अच्छी पैदावार से घर का खर्च,त्योहार और अन्य जरूरतें पूरी हो सके, लेकिन इस बार लगातार बादल छाए रहने और धूप न निकलने के कारण फसल में कीड़े लगने से नुकसान हुआ इससे पौष्टिक और भरे हुए दाने बनने की उम्मीद कम हो गई है,अब लास्ट में कटाई के समय पानी गिरने से कटा हुआ धान भीग गया जिससे भारी नुकसान हो गया ऐसे में किसान अपना कर्ज कैसे भरेंगे इस बात की चिंता किसानों को सता रही है।
अभी भी जारी है मानसूनी बारिश का दौर
सोनहत में में मंगल को तेज बारिश के बाद बुधवार को भी बारिश जारी रही अलग-अलग इलाकों में बारिश हो रही थी, मानसूनी बारिश का दौर अभी भी जारी है. और अब यही बारिश किसानों की टेंशन बढ़ा रही है. क्योंकि अक्टूबर महीने में भी बारिश अपने लय में ही नजर आ रही है।
सोयाबीन और दलहन तिलहन की फसल भी हो रही खराब
कुछ किसानों ने बताया की खरीफ सीजन में हमारे यहां थोड़ा सोयाबीन को नुकसान हुआ है, तिली, उड़द, मूंग और इन दलहनी फसलों को भी बारिश ने नुकसान पहुंचाया है अरहर जहां निचले खेतों में है वहां चिंता वाली बात है। वहां थोड़ी बहुत गलन की समस्या देखी गई है। बात करें अगर धान की तो धान तो वैसे भी पानी को टॉलरेट कर लेता है, और यहां लोग धान के खेतों में पानी भरकर भी रखते हैं, लेकिन जब तेज हवा के साथ बारिश होती है तो उस समय नुकसान की संभावना ज्यादा होती है। इससे पॉलिनेशन डिस्टर्ब हो जाता है,लोकल भाषा में बोलें तो बदरा हो जाता है,कई बार धान गिर जाता है,ऐसे में कह सकते हैं कि अगर और बारिश होती है तो धान में समस्या आ सकती है।
आलू की फसल हुई लेट जो लगाये उनमें सड़न
अत्यधिक बारिश होने से आलू की बुवाई में देर हो रही है वही कुछ किसानों ने आलू की बुवाई कर ली थी उनकी फसल सड़ने लगी है जिससे किसानों को दोहरा नुकसान हुआ है,जबकि ज्यादा बारिश के कारण सरसो की फसल भी पिछड़ने की संभावना जताई जा रही है।
सब्जियों में कीड़े टमाटर को नुकसान
आलू के अलावा सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसानों को भी नुकसान पहुचा है टमाटर की फसल खराब हो रही है वही भांटा और अन्य फसल में कीड़े लगने लगे हैं।
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