
-संवाददाता-
अम्बिकापुर,28 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हो गया। कठिन उपासना का यह पर्व पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अल सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं ने छठ घाटों पर पहुंचना शुरू कर दिया था। सूर्य उदय होने से पहले ही श्रद्धालुओं ने नदी, तालाबों के ठंडे पानी में स्नान किया। जैसे ही भगवान भास्कर उदीयमान हुए लोगों ने अर्घ्य देना शुरू कर दिया। अर्घ्य देने का सिलसिला सुबह 7.30 बजे तक चलता रहा। भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद छठ घाटों पर श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन किया और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। इसके बाद श्रद्धालु अपने घर पहुंचे कर अन्न-जल ग्रहण कर 36 घंटे का कठिन व्रत तोड़ा। चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व शनिवार को नहान-खान के साथ प्रारंभ हुआ था। जो मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न हो गया। सोमवार की शाम व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया था। छठ को लेकर शहर के शंकर घाट, घुनघुट्टा नदी सहित लगभग एक दर्जन से ज्यादा छठ घाटों पर बड़े ही उत्साह व उमंग के साथ छठ व्रत मनाया गया। सभी छठ घाटों पर समितियों द्वारा व्यापक तैयारियां की गईं थीं।
दंडवत देते हुए पहुंचे छठ घाट
छठ व्रत अटूट आस्था का पर्व है। मान्यता है कि छठ व्रत करने पर लोगों की सारी मन्नतें पूर्ण होतीं हंै। ऐसे में श्रद्धाल अपने घर से ही दंडवत देते हुए छठ घाटों तक पहुंचे।
सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था
छठ घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस मुस्तैद रही। सबसे ज्यादा भीड़ शंकरघाट में देखने को मिली। यहां पुलिस द्वारा काली मंदिर के पास मोटरसाइकिल की पार्किंग एवं संजय पार्क बैरियर से तकिया मोड़ तक चार पहिया वाहनों को रोक दिया गया था।
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