- राज्य में मतदाताओं की संख्या 2.12 करोड़, मतदान केन्द्र की संख्या 24, 371, बीएलओ 24, 371,
- बीएलए 38,368, ईआरओ व आरओ 467, 7 फरवरी 2026 को होगा मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
रायपुर, 28 अक्टूबर 2025। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने को एक अच्छा कदम बताया है, उन्होंने कहा कि हम आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं। राजधानी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा एसआईआर की प्रक्रिया को उचित कदम बताते हुए इसे बहारी तथा गलत लोगों को मताधिकार नहीं मिलेगा। ज्ञात रहे बिहार में एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने के पश्चात राजनीति सियासत तेज हो गई थी जिससे सत्तारूढ़ दल और विपक्ष आमने सामने हो गए थे। जिसके कारण आयोग भी विवाद के घेरे में आ गया था।
बीएलओ घर-घर जाकर सूची तैयार करेंगे : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार है। वहीं, 24 हजार 371 मतदान केन्द्र हैं। एसआईआर के लिए हर एक मतदान केन्द्र पर बीएलओ तैनात रहेंगे। राजनीतिक दलों के 38 हजार 368 बीएलए तथा मतदाता सूची तैयार करने के लिए 467 ईआरओ व एईआरओ की भी नियुक्ति की जा चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग की घोषणा के मुताबिक सोमवार की रात से मतदाता सूची फ्रीज कर दी गई है। इसके साथ ही नए नाम जोडऩे पर अस्थायी रोक रहेगी। आयोग के निर्देश पर सभी जिलों में अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। बीएलओ अब घर घर जाकर मतदाताओं की जानकारी का सत्यापन करेंगे। प्रत्येक बीएलओ एक घर में तीन बार दौरा करेगा, ताकि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए। संदिग्ध मतदाताओं से दस्तावेज मांगे जाएंगे, और जिनके नाम पर संदेह होगा, उन्हें सूची से हटाया जा सकता है। साथ ही, जिनका पता बदल गया है या जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम भी हटाए जाएंगे।
संदिग्धों के प्रमाण-पत्र मांगे जाएंगे
संदिग्धों से प्रमाण-पत्र मांगे जाएंगे। एसआईआर सामान्य मतदाता सूची संशोधन से अधिक विस्तृत प्रक्रिया है। इसमें बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से जानकारी जुटाएंगे और एन्यूमरेशन फॉर्म भरवाएंगे। यदि कोई मतदाता अस्थायी रूप से बाहर गया है या ऑफिस समय में उपलब्ध नहीं है,तो वह ऑनलाइन माध्यम से स्वयं भी विवरण अपडेट कर सकता है। मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन 9 दिसंबर को किया जाएगा। 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक दावा-आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। दावा-आपत्ति के निराकरण के बाद 7 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। बताया गया है कि ईआरओ दावा-आपत्तियों पर निर्णय लेगा और उसका निराकरण कर अंतिम मतदाता सूची तैयार करेगा। ईआरओ के निर्णय के खिलाफ प्रथम अपील जिला कलेक्टर तथा द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनेंगे। किसी भी मतदान केन्द्र में 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। सभी मतदाताओं से आधार नंबर लिया जाएगा। आधार नंबर का उपयोग केवल पहचान के लिए होगा।
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