सिंचाई रकबे में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी,40 हजार से अधिक किसान ले रहे लाभ,कई जलाशयों में नहर मरम्मत और विस्तार कार्य से किसानों को हुआ लाभ


-राजन पाण्डेय-
कोरिया,25 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष में कोरिया जिले ने सिंचाई के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। पिछले 25 वर्षों में जिले की कुल सिंचित रकबा में ढाई गुना से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में जिले का सिंचित रकबा 18 हजार 13 हेक्टेयर था,जो अब बढ़कर 21 हजार 102 हेक्टेयर तक पहुँच गया है। यदि सिंचाई प्रतिशत की बात करें तो यह वर्ष 2000 में 13.72 प्रतिशत थी,जो अब बढ़कर 34.55 प्रतिशत हो गई है। यह वृद्धि जिले की कृषि व्यवस्था और जल संसाधन प्रबंधन में आए सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाती है। रबी फसलों के सिंचाई रकबे में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। वर्ष 2000 में जहाँ मात्र 3 हजार 595 हेक्टेयर में रबी फसलों को सिंचाई सुविधा प्राप्त थी,वहीं अब यह क्षेत्र बढ़कर 5 हजार 469 हेक्टेयर तक पहुँच गया है। जल संसाधन संभाग,बैकुंठपुर के अनुसार,वर्ष 2000 में जिले में 1 मध्यम और 63 लघु सिंचाई परियोजनाएँ संचालित थीं।वर्तमान में 2025 में यह संख्या 2 मध्यम और 58 लघु परियोजनाओं तक है। इस बीच अविभाजित कोरिया जिले की 43 लघु परियोजनाएँ नवगठित मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले को हस्तांतरित की गई हैं। वर्ष 2000 में 28 हजार 619 किसान सिंचाई परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे थे,जबकि अब यह संख्या बढ़कर 40 हजार 210 तक पहुँच गई है। जिले में वर्तमान में कुल 60 सिंचाई परियोजनाएँ संचालित हैं,जिनमें से 2 प्रमुख हैं। यह उपलब्धि न केवल कोरिया जिले की कृषि उत्पादकता में वृद्धि का प्रतीक है,बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और किसानों की जीवनशैली में आए सकारात्मक बदलाव का भी द्योतक है।
सिंचाई के क्षेत्र में पूर्व मंत्री रामचन्द्र सिंह देव का अभिनव योगदानः प्रदेश सहित जिले में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ बनाने में तत्कालीन मध्यप्रदेश में सिंचाई मंत्री रहे एवं छत्तीसगढ़ पूर्व व प्रथम वित्त मंत्री कोरिया कुमार डॉ राम चंद्र सिंह देव को जाता है अविभाजित कोरिया के अधिकांश डेम एवं बांध कोरिया कुमार देंन माने जाते है चाहे बैकुण्ठपुर के गेज बांध की बात की जाए या फिर सोनहत के घुनघुट्टा,टेडिया तंजरा जलाशय हो सभी के निर्माण में इनका अभिनव योगदान रहा ,कोरिया कुमार के कार्यकाल में सोनहत एवं बैकुण्ठपुर में नहरों का व्यापक स्तर पर विस्तार हुआ जिससे आज जिले के किसान कही न कही लाभान्वित हो रहे हैं।
डाऊकाबुड़ा जलाशय नहर निर्माण से किसानों की बदली जिंदगीः सोनहत विकासखण्ड मुख्यालय के डाऊकाबुडा जलाशय में 2023 में हुई पक्की नहर निर्माण से सोनहत क्षेत्र के किसानों को व्यापक स्तर पर लाभ हुआ सोनहत खुटरा पारा सलगवा कला भेलवाडाण्ड आदि क्षेत्र में नहर निर्माण होने से किसानों को धान की फसल में भारी फायदा हुआ,अब पानी सीधे किसानों के खेतों तक पहुचने लगा है।
किशोरी जलाशय निर्माण से लोगो को सिंचाई के साथ मिला रोजगारः सोनहत के किशोरी जलाशय निर्माण होने के बाद किसानों को फसल के साथ रोजगार भी मिला,धान एवं गेंहू के फसल के लिए यह जलाशय वरदान साबित हुआ,क्षेत्र के ग्रामीण यहां खेती के साथ मछली पालन भी कर रहे हैं जिससे उनकी आय में बढोत्तरी हो रही है।
तंजरा में हो रहा दो फसली खेतीः तंजरा जलाशय में किसान दो फसली खेती कर लाभ ले रहे हैं,यह जलाशय भी स्व डा राम चन्द्र सिंह देव के प्रयासों से निर्मित हुआ था। पूर्ववर्ती सरकार में नहर मरम्मत और वेस्ट वियर से लीकेज की समस्या ठीक होने के बाद पानी नहरों से पानी पर्याप्त मिलने लगा है।
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