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कोरिया@करोड़ो के रिसोर्ट गार्डन और घुनघुट्टा जलाशय पहुचने का मार्ग अत्यंत जर्जर

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करोड़ो की लागत से बनाया गया शानदार प्रोजेक्ट लेकिन पहुच मार्ग पर नही दिया गया ध्यान
अमहर से घुँघट्टा जलाशय व रिसोर्ट तक बने पक्की सड़क


-राजन पाण्डेय-
कोरिया,24 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)।
जिले के सोनहत विकासखण्ड स्थित घुनघुट्टा जलाशय एवं रिज़ॉर्ट,ब्लॉक मुख्यालय सोनहत से पोडी मार्ग पर 4 कि.मी. की दूरी पर ग्राम अमहर के घुनघुटा नदी में लगभग 30 से 40 मीटर लंबी एवं 30 से 40 फीट ऊंची दीवार बनाकर एक वृहद क्षेत्र में घुनघुटा बांध का निर्माण किया गया है।
घुनघुटा बाध के पश्चिम दक्षिण भाग में पहाडि़यों से घिरे मैदानी भाग पर बने रिसार्ट की छवि अदभूत है, यहां 3 ट्री हाउस एक काफीटेरिया तथा एक घास का मैदान का निर्माण हुआ है। पर्यटकों कोचाँदनी रात में इन स्थानों पर रूकने से जंगली जानवरों को देखने, चांदनी रात में घुनघुटा बांध के जल किरणों की अटखेलिया देखने का मनोहारी अनुभव होगा। यहां पर फिशोंग, सायकिलिंग एवं ट्रेकिंग भी की जा सकती है। घुनघुट्टा जलाशय के पास बने रिसोर्ट और ट्री हाउस बेहद शानदार हैं यहां सैकड़ो की संख्या में लोग प्रतिदिन पहुचते हैं इस तरह का यह जिले का पहला रिसोर्ट है, इसकी स्वीकृति पुरवर्ती सरकार में हुई थी तभी से निर्माण कार्य शुरू है, हालाकि निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है, और लोग काफी संख्या में आने भी लगे हैं।
पहुच मार्ग अत्यंत खराब, आवागमन में परेशानी : घुनघुट्टा जलाशय व रिसोर्ट पहुच मार्ग अत्यंत खराब है मिट्टी सड़क होने के कारण रस्ते पर बड़े बड़े गड्ढे आकार ले चुके है जो दुर्घटना का कारण बन रहे हैं, जलाशय से रिसोर्ट के बीच का मार्ग और ज्यादा बदहाल है, बारिश होने के बाद यहां फिशलन की भी समस्या रहती है, साथ ही बड़ी गाडि़यों के फंसने के डर भी, क्षेत्र के लोगो ने यहां पर सड़क निर्माण कार्य कराए जाने की मांग किया है।
सड़क के अभाव में काफी लोग जाने से बचते हैं : दूर से आये लोग तो किसी तरह पहुच जाते हैं लेकिन स्थानीय लोग खराब सड़क के कारण जाने से बचते नजर आते हैं, कुछ लोगो का यह भी कहना है कि जब सरकार ने करोड़ो खर्च करके इतना शानदार प्रोजेक्ट बनाया है तो फिर सड़क में भी थोड़ा खर्च कर इसे पूरी तरह से शानदार बना दिया जाता तो बेहतर होता,सड़क बनने से जहां लोगो का आवागमन बढ़ेगा वही बगल के ग्राम परिहत और रजपुरी के लोगो को भी थोड़ा राहत मिलेगा क्योंकि यह मार्ग वहां के लोगो के लिए आवागमन का मुख्य मार्ग है।
कचरों से पट जाता है घुनघुट्टा परिसर : घुनघुट्टा जलाशय में मंदिर के पास बने परिसर प्लास्टिक और खाली बोतलों जैसे कचरों से अक्सर पट जाता है, जिसके कारण परिवार सहित घूमने आने वाले लोग थोड़ा असहज महसूस करने लगते हैं। घुनघुट्टा परिसर में साफ सफाई की विशेष आवश्यकता है, लेकिन यहां पर इसके लिए कोई प्रयास नही किये जा रहे हैं।
पंचायत की आय का बन सकता है साधन : घुनघुट्टा परिसर में साफ सफाई एवं पार्किंग व्यवस्था के लिए पंचायत स्तर से शुल्क लगाया जाना चाहिए और बाकायदा कचरा पेटी इत्यादि की व्यवस्था भी की जानी चाहिए जिससे यहां आने वाले लोग के माध्यम से मिलने वाली राशि से पंचायत को आय भी मिल सकेगी और पँचायत के लोगो को रोजगार भी मिल सकेगा।


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