कोरिया जिला प्रशासन आखिर क्यों नगर पंचायत पटना में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर चल रहा है पैदल चाल,मामले में क्यों सीएमओ का हो रहा बचाव?
कलेक्टर ने सीएमओ पर लगे स्वेक्षाचारिता मामले की जांच का जिम्मा एसडीएम को सौंपा,एसडीएम समय सीमा के बाद भी नहीं पहुंचे जांच करने
क्या सीएमओ नगर पंचायत पटना को भ्रष्टाचार की छूट ही प्रदान कर दी गई है इसलिए जांच करने से परहेज किया जा रहा है?
कोरिया जिला प्रशासन क्यों आखिर नगर पंचायत पटना के मामले में पैदल चाल चल रहा?

-संवाददाता-
कोरिया/पटना 23 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिला प्रशासन नव गठित नगर पंचायत पटना में व्याप्त भ्रष्टाचार और सीएमओ की स्वेक्षाचारिता मामले में क्यों मौन है,क्यों वह पैदल चाल चल रहा है यह समझ से परे है,सीएमओ की स्वेच्छाचारिता को लेकर और उसके द्वारा किए जा रहे लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत अध्यक्ष ने कलेक्टर कोरिया सहित कई जगह की है जिसमें नगरीय प्रशासन रायपुर में भी मामले की शिकायत की गई है और नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा नगरीय प्रशासन संभागीय कार्यालय सरगुजा संभाग को निर्देश प्रदान कर जांच भी कराई गई जिसमें सीएमओ दोषी पाए गए भ्रष्टाचार साबित होना पाया गया वहीं इसी तरह की शिकायत कलेक्टर कोरिया से की गई थी जिसके बाद कलेक्टर कोरिया ने एसडीएम बैकुंठपुर को जांच का आदेश दिया था और जो जांच 15 दिवस की समय सीमा के भीतर की जानी थी वह 23 दिनों के बाद भी संभव नहीं हो सकी और मामला कहीं न कहीं दबाने का प्रयास समझ में आया।
वैसे आखिर कलेक्टर कोरिया हर बार क्यों सीएमओ नगर पंचायत पटना के मामले में अपने ही निर्णय को निर्देश या आदेश को लागू नहीं करवा पा रही हैं यह बड़ा सवाल है क्योंकि एक बार पहले भी उन्होंने सीएमओ के खिलाफ हुई शिकायत पर जांच दल का गठन किया था जिसको सीएमओ ने नगर पंचायत में जांच नहीं करने दिया था और तब नाराज कलेक्टर ने सीएमओ को जिला स्तर पर जिला कार्यालय में संलग्न करने का आदेश जारी किया था और उनकी जगह एक डिप्टी का कलेक्टर को प्रभार सौंपने का आदेश जारी किया था जो आदेश प्रभावी नहीं हो सका था न उस पर कोई क्रियान्वयन हो सका था क्योंकि तब यह बात सामने आई थी कि सीएमओ की ऊंची पहुंच पकड़ के आगे कलेक्टर को अपने ही आदेश को अप्रभावी करना पड़ा था। अब एक बार फिर वैसा ही मामला फिर समझ में आ रहा है और कलेक्टर कोरिया द्वारा समय सीमा में जो जांच करने का निर्देश जारी किया गया था उस आदेश पर जांच समय सीमा में नहीं हुई और 15 दिनों की बजाए 23 दिनों बाद भी एसडीएम बैकुंठपुर नगर पंचायत पटना जांच करने नहीं पहुंचे,वैसे सवाल यह भी है कि जब जांच किए जाने की मंशा ही नहीं है तो क्यों फिर आदेश जारी कर दिखावे की जरूरत पड़ रही है,यदि सीएमओ पटना भ्रष्टाचार के बावजूद भी ऊंची पहुंच पकड़ के साथ नगर पंचायत पटना में ही बने रहने की क्षमता रखता है क्यों जांच के नाम पर आदेश निकालकर दिखावे की आवश्यकता पड़ रही है।
कलेक्टर के आदेश के बाद भी 15 दिवस में पूर्ण किए जाने वाली जांच 23 दिनों में क्यों नहीं हुई पूर्ण
कलेक्टर कोरिया ने सीएमओ नगर पंचायत पटना के विरुद्ध प्राप्त शिकायत की जांच के लिए एसडीएम बैकुंठपुर को जांच अधिकारी नियुक्त करते हुए 15 दिवस में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया था,आदेश जारी होने के बाद अब 23 दिन बीत गए,न जांच हुई न ही एसडीएम पटना नगर पंचायत जांच करने पहुंचे,अब एसडीएम ने क्यों जांच नहीं की,कलेक्टर कोरिया द्वारा तय जांच के लिए समय सीमा का भी एसडीएम ने क्यों ध्यान नहीं रखा बड़ा सवाल है।
नगर पंचायत सीएमओ पटना के मामले में पैदल चाल क्यों चल रहा है जिला प्रशासन?
नगर पंचायत पटना सीएमओ के भ्रष्टाचार से प्रथम साल में ही अब अपनी दुर्दशा झेलता नजर आ रहा है,सीएमओ द्वारा केवल भ्रष्टाचार ही किया गया इसके कई ऐसे सबूत सामने आ चुके हैं जिसके लिए किसी जांच की भी जरूरत नहीं है और केवल मामले में कार्यवाही ही किया जाना पर्याप्त होगा,सभी तथ्यों से और नगर पंचायत की स्थिति से अवगत होते हुए भी जिला प्रशासन सीएमओ पटना के मामले में क्यों पैदल चाल चल रहा है यह गंभीर सवाल है,क्या मामले में किसी के दबाव में है जिला प्रशासन या फिर सीएमओ जिला प्रशासन के लिए अभी भी बेहतर साबित हो रहे हैं।
क्या सीएमओ को अंततः बचाना ही है जिला प्रशासन का उद्देश्य?
नगर पंचायत पटना के सीएमओ द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से नगर अपने गठन के पहले साल ही चरमरा गया है,सीएमओ ने केवल अपनी जेब भरने का काम किया है यह साबित होना केवल बाकी रह गया है जिसके सबूत ढेर सारे हैं,बावजूद कोई कार्यवाही जिला प्रशासन नहीं कर रहा है और न ही जांच दल ही जांच करने पहुंच रहा है,कलेक्टर ने यह दूसरी बार जांच लिए आदेश जारी किए हैं जिसका परिणाम यह सामने है कि 15 दिनों में की जाने वाली जांच 23 दिनों में भी शुरू नहीं हुई है,अब क्या सीएमओ को बचाना ही अंतिम उद्देश्य है जिला प्रशासन का,क्या इसके लिए दबाव में है जिला प्रशासन?
एसडीएम की तेज तर्रार छवि नगर पंचायत पटना के सीएमओ के सामने क्यों हो रही धीमी?
एसडीएम बैकुंठपुर काफी तेज तर्रार खुद को साबित करते हैं बावजूद उन्होंने कलेक्टर द्वारा निर्देशित और समयावधि में की जाने वाली जांच के आदेश में धीमी अपनी चाल अब तक साबित की है,आखिर एसडीएम क्यों सीएमओ पटना के मामले में धीमे हो जा रहे हैं यह बड़ा सवाल है,क्या मामला धीमे चलने का ही रहने वाला है यह देखने वाली बात होगी।
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