सूरजपुर@खेल रहे थे जुआ पुलिस ने दी दबिश,पुलिस से बचने कुएं में लगाई छलांग…गई जान…शुरू हुआ बवाल…एक तरफ कुआं दूसरी तरफ पुलिस ऐसी स्थिति में युवक ने गंवाई अपनी जान ?

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-ओंकार पाण्डेय-
सूरजपुर,22 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। जिला सूरजपुर से एक बड़ा मामला सामने आया है जहां पर दिवाली से ठीक एक दिन पहले खुली जगह पर कुछ जुआरी जुआ खेल रहे थे और पुलिस को इसकी जानकारी मिली और पुलिस जुआरियों को पकड़ने पहुंची और पुलिस को देखकर जुआरी भागने लगे इसी भागम भाग के दौरान एक युवक खेत में स्थित कुएं में गिर गया या छलांग लगा गया और यहीं से बवाल शुरू हो गया, अब सवाल यह है कि पुलिस का जुआरियों को पकड़ने जाना वहां गलत था या फिर जुआरियों वहां पर खुली जगह पर जुआ खेलना सही था? पुलिस के हाथ यदि आ गए होते तो आज जान न गवाते पर पुलिस से भागना ही मृतक की मृत्यु की वजह बन गई। मिली जानकारी के अनुसार सूरजपुर जिले के जयनगर थाना के अंतर्गत कुंजनगर में दीपावली के एक दिन पूर्व की रात के 9ः00 बजे जुआ फड़ खुली जगह खेत में संचालित हो रहा था, जिसकी जानकारी पुलिस को मुखबिरों से मिली और पुलिस जुआरियों को पकड़ने के लिए तत्काल पहुंची पर पुलिस को भी क्या पता था कि जुआरियों को पकड़ने के प्रयास में एक बड़ा हादसा हो जाएगा, पुलिस जब पहुंची तो जुआरी पुलिस को देखकर भागने लगे और रात का अंधेरा इतना घनघोर था कि युवक को खेत में स्थित कुआं नहीं दिखा या वह बचने के लिए कूद गया और कुएं में गिरने से युवक की जान चली गई, युवक के जान निकल जाने या कुएं में गिरने की जानकारी पुलिस को भी नहीं लगी और युवक की डूब के मौत हो गई, युवक बाबूलाल राजवाड़े उम्र 26 वर्ष कुंजनगर का ही बताया जा रहा है पर युवक की मौत के बाद ग्रामीण उग्र हो गए और इस पूरे मामले का दोष पुलिस पर मढ़ने लगे पर सवाल यह भी है कि क्या सिर्फ इस मामले में पुलिस ही दोषी है क्या जुआरियों को यह नहीं पता था कि जुआ खेलना ही अपराध है और पुलिस दबिश दे सकती है? वैसे यह हादसा इतना बड़ा हो गया कि लोग उग्र हो गए, क्योंकि घर का जवान बेटा इस हादसे का शिकार हो गया, अब यह तो वही वाली बात हो गई की दोष दे तो दे किसको? एक युवक की जान जाने से पूरे ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश था क्योंकि उनका मानना था कि पुलिस यदि पकड़ने नहीं जाती तो युवक की जान नहीं जाती, पर सवाल यह भी है कि युवक जुआ खेलने नहीं जाता तो पुलिस पकड़ने क्यों जाती है? पर इस बीच जो आंदोलन उग्र हुआ उस उग्र आंदोलन ने ऐसा रूप लिया कि पूरे क्षेत्र सहित पूरे जिले की पुलिस की पुलिस बुलानी पड़ी और जयनगर में पुलिस छावनी बन गया, पथराव में एडिशनल एसपी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हुए तो वहीं लोगों के इस आतंक को शांत करने के लिए पुलिस को लाठी भी भांजनी पड़ी देर रात तक यह सब चलता रहा राजनीतिक रंग भी मामला लेता रहा और पुलिस पूरे मामले पर निशाना बनी रही।
युवक को अंधेरे में नहीं दिखा कुआं या
फिर बचने के लिए कुएं में लगाई छलांग?

जुआ खेलने गया युवक का कुआं में गिरने से मौत हो गई और पूरी रात चक्का जाम करके बवाल मचा रहा पर यह स्पष्ट नहीं है की पुलिस से बचने के लिए अपने कुएं में छलांग लगाया है या फिर उसे अंधेरे में कुआं दिखा ही नहीं, पर जो बातें अभी सामने आ रही है उसे लेकर अंदेशा जताया जा रहा है कि अंधेरा ज्यादा था और अंधा कुआं हुआ था जो उसे दिखा नहीं होगा और उसमें वह गिर गया और पुलिस को भी है बात पता नहीं चली, यदि पुलिस को ये बात पता चलती तो शायद पुलिस बचा सकती थी। क्योंकि मृतक को तैरना नहीं आता था यदि उसे तैरना आता तो वह पुलिस को चिल्ला कर बुला सकता था पर ऐसा हुआ नहीं पुलिस को उसके गिरने की जानकारी भी नहीं थी बाद में यह बात पता चला ऐसा पुलिस का दावा है।
मंत्री पति उनके प्रतिनिधि फिर नजर आए निर्देश और आदेश देते
मामले में मंत्री पति भी धरना दे रहे ग्रामीणों के बीच पहुंचे और उन्होंने उन्हें समझाइश देने का प्रयास किया,वैसे उनकी समझाइश का असर कुछ नहीं पड़ा लेकिन मंत्री पति मंत्री की तरह निर्देश जरूर देते रहे समझाइश भी देते रहे, वहीं वह अधिकारियों को आदेश भी देते रहे,मंत्री पति लगभग हर जगह मंत्री की अनुपस्थिति में मंत्री बनकर ही पहुंचते हैं और आदेश निर्देश जारी करते हैं,इस मामले में भी वह पहुंचे लेकिन लोगों ने उनकी समझाइश को तवज्जो नहीं दिया जबकि वह कार्यवाही तक कि बात पूरे आत्मविश्वास के साथ कहते रहे जबकि उनके पास कोई ऐसा अधिकार नहीं है,मंत्री पति की जगह अंत में एसडीएम की समझाइश पर ही ग्रामीण धरना समाप्त करते नजर आए।
वर्तमान विधायक व पूर्व विधायक हैं जिस समाज से मृतक भी उसी समाज का…राजनीति होने लगी…

मामले में जमकर राजनीति होती नजर आई, बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक जो मंत्री हैं दोनों ने मामले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की पूरी कोशिश की जिससे उन्हें राजनीतिक रूप से किसी आरोप का सामना न करना पड़े,बताया जा रहा है कि मृतक जिस समाज से आता है उसी समाज से पूर्व और वर्तमान विधायक जो मंत्री हैं वह भी आती हैं इसलिए दोनों ने ही मामले में अपनी उपस्थिति बरकरार रखी,पूर्व विधायक ने ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठकर आंदोलन को समर्थन दिया और मृतक के लिए न्याय की मांग की वहीं वर्तमान विधायक और मंत्री ने अधिकारियों से चर्चा कर उचित कार्यवाही का निर्देश दिया। मामले में राजनीति होता देख प्रशासन भी मामले में नर्म रुख अपनाता नजर आया और मामला बातचीत के रास्ते सुलझाने पर ध्यान दिया गया।
देर रात तक थाने पर पथराव होते रहे…गेट बंद
करके पुलिस को अपनी जान बचानी पड़ी

युवक के कुएं में गिरने से मौत होने पर और इसकी जानकारी ग्रामीणों को लगने पर ग्रामीण उग्र हो गए और उन्होंने थाने का घेराव कर दिया और वह नारेबाजी करने लगे,भीड़ और उग्र हुई और उसने थाने पर पथराव कर दिया। रातभर थाने पर पथराव होता रहा और पुलिस को थाने का गेट बंद कर अंदर रात गुजारनी पड़ी।
एडिशनल एसपी सहित कई कर्मचारी उग्र ग्रामीणों के पथराव के हुए शिकार
उग्र भीड़ के पथराव से कई पुलिसकर्मी घायल हुए,खुद एडिशनल एसपी भी घायल हुए,पुलिस की मजबूरी यह रही कि वह गलत मामले में हो रहे पथराव में भी सही कार्यवाही इसलिए नहीं कर पाई क्योंकि मामला राजनीतिक रंग ले चुका था।
पुलिस थाने पर हमला और पथराव करने वाले पुलिस द्वारा किए गए चिन्हांकित,दर्ज होगी प्राथमिकीःसूत्र
सूत्रों की माने तो पुलिस ने मामले में पुलिस थाने पर पथराव करने वालों को चिन्हांकित कर लिया है और अब जल्द प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस कार्यवाही करती नजर आएगी,पुलिस थाने पर सैकड़ों लोगों ने हमला किया था और पुलिस थाने पर रातभर पथराव किया था,इस दौरान एडिशनल एसपी सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं।
हालात बिगड़ने पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज
प्रदर्शन शुरू में नारेबाजी तक सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे आगजनी और पत्थरबाजी में बदल गया, पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हुए, जिसके बाद हालात बिगड़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, और इस दौरान कई ग्रामीणों को भी चोटें आईं।
देर रात तक मचा रहा हंगामा
एएसपी संतोष महतो ने सीमित बल के साथ रात 2 बजे तक स्थिति को नियंत्रित किया हालांकि, रात में कुएं से शव नहीं निकाला जा सका जिसके बाद सुबह अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचने के बाद शव को निकाला गया,लेकिन मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध जारी रखा।
शव रखकर नेशनल हाईवे जाम

परिजन युवक का शव लेकर नेशनल हाईवे पर धरने पर बैठ गए, जिससे कई घंटे तक यातायात ठप रहा, एसडीएम शिवानी जायसवाल ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से चर्चा की और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीणों धरना समाप्त किया।
मजिस्टि्रयल जांच के आदेश
एसडीएम शिवानी जायसवाल ने बताया कि कलेक्टर एस. जयवर्धन ने मामले में मजिस्टि्रयल जांच के आदेश जारी कर जांच टीम गठित की है, जो पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच करेगी।
मामले ने लिया राजनीतिक रंग

घटना के बाद यह मामला राजनीतिक रूप भी लेने लगा जहाँ पूर्व विधायक पारसनाथ राजवाड़े (कांग्रेस) ने थाने पहुंचकर परिजनों को समर्थन देते हुए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया और कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई जरूर होगी।
प्रशासन ने ली राहत की सांस
करीब 10 घंटे चले हंगामे के बाद आखिरकार प्रशासन और नेताओं के समझाने पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया, इसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।


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