कोरिया/पटना 19 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। नव गठित नगर पंचायत पटना में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला प्रतिदिन उजागर हो रहा है और अब एक नए खुलासे के बाद यह बात सामने आई है कि सीएमओ ने कुछ फर्मों के साथ मिलकर नगर पंचायत की विकास निधियों में जमकर सेंध लगाया है और विकास निधियों का जमकर भ्रष्टाचार किया है,नई जानकारी में मवेशियों को दफनाए जाने और नगर की सफाई के लिए खूब जेसीबी चलाई गई और जिसके लिए लाखों का भुगतान किया गया जबकि जेबीसी उतनी चली ही नहीं केवल विकास निधियों में जेसीबी फर्म को हिस्सा प्रदान किया सीएमओ ने वह भी गलत बिल लगाकर भुगतान के माध्यम से। नगर पंचायत पटना में भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंचे अधिकारियों के द्वारा ऐसी ऐसी चोरी पकड़ी गई है जो भ्रष्ट अधिकारी और ऐसे फर्मों की पोल खोलने काफी है जो नवगठित नगर पंचायत को खोखला कर रहे हैं और विकास की जगह नगर को विनाश की ओर ले जा रहे हैं। नवी जेसीबी फर्म ने कई बार नगर की सफाई और नगर में मृत मवेशियों को दफनाने के नाम पर भुगतान प्राप्त किया है जो काम से अधिक अत्यधिक का भुगतान है,बताया जाता है कि जितने मवेशी मृत नहीं हुए उससे अधिक दफना दिए नवी जेसीबी फर्म ने और फर्म ने साफ सफाई के नाम पर भी भुगतान बिल प्रस्तुत किया जिसके अनुसार भुगतान किया गया जो बिना काम किए प्रस्तुत बिल हैं जो केवल भ्रष्टाचार है। वैसे क्या अब मामले में सीएमओ और नवी जेसीबी फर्म पर भी कार्यवाही की अनुशंसा होगी क्या फर्म को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा नगर पंचायत में जिसके द्वारा फर्जी बिल प्रस्तुत कर भुगतान स्वीकार किया जा रहा है यह बड़ा सवाल है। वैसे सीएमओ के ऊपर विभिन्न भ्रष्टाचार को लेकर अब पुलिस प्राथमिकी की तैयारी में हैं अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित पीआईसी सदस्य,सभी उजागर हुए भ्रष्टाचार के मामलों से आहत हैं और इसे नगर की जनता के साथ धोखा बता रहे हैं। नवी जेसीबी फर्म के अलावा अन्य कई फर्म बिना कार्य के भुगतान स्वीकार किए हैं जो कार्य किए बगैर ही भुगतान स्वीकार के मामले हैं,अब सभी के विरुद्ध कार्यवाही की अनुशंसा की प्रतीक्षा में है नगर की जनता।
अध्यक्ष की शिकायत पर हुई है भ्रष्टाचार की जांच– नव गठित नगर पंचायत पटना में गठन से ही जारी भ्रष्टाचार से जब अध्यक्ष अवगत हुईं तब उन्होंने शिकायत करनी आरंभ की और तब जाकर भ्रष्टाचार की जांच हुई और भ्रष्टाचार की पुष्टि होती नजर आई,नगर में व्याप्त भ्रष्टाचार मामले में अध्यक्ष लगातार कार्यवाही की मांग कर रही हैं ऐसा बताया जा रहा है और इसी क्रम में जांच संस्थित की गई जिसके बाद सीएमओ के कारनामे उजागर हुए। अध्यक्ष भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर बताई जा रही हैं क्योंकि सीएमओ के भ्रष्टाचार के आरोप उनके ऊपर विपक्ष द्वारा लगाया जाता है जो झूठा आरोप है ऐसा जांच की रिपोर्ट से उजागर होता है जो अध्यक्ष की शिकायत पर हुई जांच है।
विपक्ष मौन,नेता प्रतिपक्ष की प्रतिक्रिया भ्रष्टाचार को लेकर कुछ नहीं…क्या यह केवल इसलिए क्योंकि अध्यक्ष पर आरोप लगाना हो आसान?- पटना नगर पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार उजागर सत्य है,यह सीएमओ द्वारा नगर गठन उपरांत से जारी भ्रष्टाचार है जिसमें कुछ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, फर्म सीएमओ का साथ दे रहे हैं जो उसके सहयोगी हैं,यह विषय जानते हुए भी नगर सरकार में विपक्ष की भूमिका निभा रहा विपक्ष मौन है,नेता प्रतिपक्ष का विरोध गायब है और पार्षदों का भी अधिकांश कोई विचार सामने नहीं आया है, क्या ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि अध्यक्ष की बदनामी भ्रष्टाचार की वह कर सकें और भले ही नगर एक सीएमओ लूटता रहें,नगर विकास का जिम्मा सभी का है और उसके विकास की जिम्मेदारी सभी की है लेकिन जो विपक्ष पटना का है वह समझ से परे है क्योंकि वह अध्यक्ष की आलोचनाओं से अधिक अपनी जिम्मेदारी नहीं मानता नजर आता,विपक्ष को अध्यक्ष मात्र का ही विरोध अपनी जिम्मेदारी नहीं माननी चाहिए उसे भ्रष्टाचार पर भी हमलवार होना चाहिए जिसमें पटना का विपक्ष शामिल नजर नहीं आता।
सीएमओ के भ्रष्टाचार में शामिल खुद सीएमओ…दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों सहित फर्मों पर कार्यवाही का है अब इंतजार- सीएमओ का भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है,इस भ्रष्टाचार में खुद सीएमओ,दैनिक वेतनभोगी कुछ कर्मचारी और कुछ फर्म शामिल हैं जो नगर पटना को खोखला कर रहे हैं,अब इंतजार है कि सभी पर कब कार्यवाही होगी, क्या सीएमओ पर निलंबन की कार्यवाही की जाएगी,क्या फर्म ब्लैकलिस्ट होंगे,क्या दैनिक वेतन भोगी निकाले जाएंगे यह देखने वाली बात होगी।वैसे मामला अपराधिक है क्या पुलिस प्राथमिकी अध्यक्ष दर्ज करवाएंगी।
