रायपुर,16 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नेशनल हाईवे और अन्य सड़कों पर मवेशियों के जमावड़े और बढ़ते सड़क हादसों को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जनहित याचिका के साथ एक हस्तक्षेप याचिका भी दायर की गई, जिसमें बिलासपुर से जांजगीर तक एनएचएआई की सड़कों पर मवेशियों की तस्वीरें और उनकी सुरक्षा में विफलता को उजागर किया गया। याचिका में यह तर्क दिया गया कि अगर एनएचएआई नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रहा है,तो टोल वसूलना अनुचित है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु ने सुनवाई के दौरान कहा कि सड़क पर मवेशियों की समस्या के लिए सिर्फ प्रशासन ही जिम्मेदार नहीं है,आम लोग भी बराबर जिम्मेदार हैं। साथ ही राज्य सरकार से नए मुख्य सचिव की जॉइनिंग का हवाला देते हुए दो सप्ताह में शपथपत्र के साथ रोड मैप पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। बिलासपुर के कलेक्टर ने शपथपत्र पेश कर जुलाई से सितंबर तक हुए सड़क हादसों के आंकड़े साझा किए। 14 जुलाई को कोटा के ग्राम बारीडीह में तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से 13 गायों की मौत और 4 घायल हुईं। 28 जुलाई को बिल्हा ब्लॉक में एक अज्ञात वाहन ने 19 गायों को कुचला, जिनमें से 18 की मौत हुई। वहीं 17 सितंबर को गतौरा के पास एनएच-130 पर 8 मवेशियों की मौत हुई। इन घटनाओं में चालकों और मवेशी मालिकों के खिलाफ भी केस दर्ज किए गए। सड़कों पर मवेशियों के जमाव के संवेदनशील स्थानों पर सोलर लाइट लगाई जा रही है। दर्रीघाट और ढेका में इंस्टॉलेशन पूरा हो चुका है। साथ ही इंडिकेटर बोर्ड लगाए जा रहे हैं और ग्राम सभाओं में आवारा पशु प्रबंधन को अनिवार्य एजेंडा बनाया गया है।
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