रायपुर,16 अक्टूबर 2025। राजधानी की सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। रायपुर सेंट्रल जेल की बैरक नंबर-15 से सामने आए एक नए वीडियो ने पूरे जेल तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह वीडियो न केवल जेल की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है,बल्कि इस बात का भी प्रमाण बन गया है कि जेल के भीतर अपराधियों का दबदबा और नेटवर्क किस हद तक सक्रिय है। रायपुर सेंट्रल जेल से सामने आया यह वीडियो छत्तीसगढ़ के जेल प्रशासन के लिए एक बड़ा सबक है। वैसे भी सेंट्रल जेल पूरे रायपुर में चर्चा का विषय और चर्चित है कि रायपुर सेंट्रल जेल में पैसा दो तो सारी सुविधा उपलब्ध है सिफऱ् इस बात के लिए ही सेंट्रल जेल रायपुर का हमेशा देश में सुर्खç¸यों में नाम आता है। सेंट्रल जेल में पैसा देने से लड़की छोड़ सभी प्रकार की सुविधा जेल प्रशासन उपलब्ध कराता है। इसका पुख़्ता प्रमाण समय-समय पर कैदी जेल से सजा काटकर बाहर निकलते हैं। वे संवाददाताओं के सामने वीडियो के सामने प्रकट करते हुए पाए गए है। जेल में पैसा देने से तड़के वाला खाना, गांजा,सट्टा,जुआ, बीड़ी,सिगरेट, तम्बाकू,गुटका, मोबाइल जैसे सभी चीज़ों को उपयोग करने दिया जाता है। सभी प्रकार के मनोरंजन की वस्तु आसानी से उपलब्ध हो जाती है। आज जिस केदी के पास पैसा नहीं है और केदी ने पैसे को अंदर तक बराबर नहीं पहुंचाया उसको एक मिर्ची और एक प्याज़ भी नहीं दिया जाता है। साधारण कैदियों को उबली हुई दाल और बिना नमक मिर्च की सब्ज़ी,पतली चाय बिना दूध वाली दी जाती है। जबकि जेल मैनुअल के हिसाब से खाने का भी मेन्यू संतुलित आहार पौष्टिक आहार और स्वादिष्ट देने का आदेश है। लेकिन रंगबाज़-तीरंदाज़ माफि़या और पैसे वाले कैदी को ही यह सुविधा मिलती है। ये जानकारी समय-समय पर जेल से बाहर आने वाले कैदी मीडिया को अपना नाम नहीं बताने की शर्त में बताते है। लेकिन बड़े अधिकारियों की जांच के बाद सब लीपापोती करते है। जेल के अधिकारियों ने जेल को साफ़ सुथरा और आदर्श जेल के रूप में बताया है लेकिन जांच करने वाले अधिकारी भी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और जो व्यवस्था और सिस्टम बना हुआ है उसके विपरीत अपनी जाँच रिपोर्ट नहीं देते।
जब राजधानी की जेल में कैदी इस तरह खुलेआम मोबाइल चला रहे हों, तो राज्य की अन्य जेलों की स्थिति का अनुमान लगाना मुश्किल नहीं। यह घटना न केवल जेल सुरक्षा की विफलता है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि अपराधी अब जेल के अंदर भी अपनी ताकत का प्रदर्शन करने लगे हैं। अब देखना यह होगा कि शासन इस बार इस शर्मनाक चूक पर कितनी गंभीरता दिखाता है और क्या वास्तव में जिम्मेदारों पर कार्रवाई होती है या मामला फिर किसी और विवाद में दबकर रह जाएगा।
इसके जैसा ही एक वीडियो पहले भी वायरल हुआ था जिस पर जेल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
अपराधियों के गठजोड़ का खुलासा
जेल की बैरक नंबर-15 में रिकॉर्ड हुआ वीडियो जेल के भीतर चल रहे अवैध गठजोड़ और सुविधाओं के दुरुपयोग का पर्दाफाश करता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैदी मोबाइल फोन का खुलेआम इस्तेमाल कर रहे हैं। वे न केवल वीडियो कॉल कर रहे हैं, बल्कि उसी कॉल को रिकॉर्ड कर बाहर भी भेज रहे हैं। यह दृश्य यह बताने के लिए काफी है कि जेल की ऊंची दीवारों के भीतर भी कानून और नियमों का पालन वैसा नहीं हो रहा जैसा होना चाहिए।
वीडियो में दिखा राजा बैज़ड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो में नजर आने वाला कैदी मोह. रशीद अली उफऱ् राजा बैज़ड है। वह क्राइम नंबर 317/25 के तहत एनडीपीएस एक्ट की धारा 20(बी) में थाना टिकरापारा में दर्ज मामले में आरोपी है। पुलिस ने उसे 11 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और तब से वह रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
जेल से ही की वीडियो कॉल, बाहर भेजा वीडियो
मामले की गंभीरता इस बात से और बढ़ जाती है कि वीडियो कॉल जेल के भीतर से ही की गई थी। बताया जा रहा है कि राजा बैज़ड ने अपने एक रिश्तेदार को जेल के अंदर से वीडियो कॉल की और उसी कॉल को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर भेज दिया। यह वीडियो उसके रसूख और जेल के अंदर उसके प्रभाव को दिखाने के उद्देश्य से बनाया गया था।
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