बिलासपुर,09 अक्टूबर 2025। धमतरी जिले में पुलिस कस्टडी में आरोपी की मौत का जिम्मेदार हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ठहराया है। घटना मार्च 2025 की है। जहां धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार आरोपी युवक की मौत पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। कोर्ट ने पुलिस अभिरक्षा में मौत पर सख्त टिप्पणी करते हुए पीडि़त परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश राज्य शासन को दिया है। कोर्ट ने गृह विभाग के सचिव को आदेश दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करें कि मुआवजे की राशि समय पर दी जाए। कोर्टने 8 सप्ताह का डेडलाइन तय किया है।
‘मुआवजा केवल राहत नहीं’
डिवीजन बेंच ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हर हिरासत में मौत राज्य की जवाबदेही पर सवाल उठाती है। मुआवजा केवल राहत नहीं, बल्कि ऐसे अमानवीय कृत्यों की पुनरावृत्ति रोकने का माध्यम है। हाई कोर्ट ने हिरासत में मौत को राज्य सरकार की जिम्मेदारी मानते हुए मृतक की पत्नी को 3 लाख और माता-पिता को 1-1 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह पुलिस की बर्बरता और हिरासत में ज्यादती का परिणाम है। यह सीधेतौर पर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकारों का हनन है।
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