अंबिकापुर,09 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। मेडिकल कॉलेज अस्पताल से फरार कैदी के सरेंडर को लेकर बिलासपुर पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस की इस लापरवाही से कैदी की जान भी जा सकती थी। अंबिकापुर जेल वापस भेजे जाने से बचने के लिए कैदी ने बुधवार (8 अक्टूबर) को सैनेटाइजर पीकर सुसाइड करने का प्रयास किया। हालांकि, उसे तुरंत सिम्स में भर्ती कराया गया। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। दरअसल, सरेंडर करने के बाद सिविल लाइन पुलिस ने उसे थाने में रखने के बजाय पहले जेल भेज दिया, जब जेल से दोबारा उसे थाने भेजा गया, तब टीआई ने उसकी पत्नी को फोन कर घर ले जाने बोल दिया। दरअसल पत्नी का आरोप है कि अंबिकापुर जेल में उसके पति को प्रताडि़त किया जा रहा है। पत्नी का ये भी आरोप है कि जेल में उसे मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं दी जाती थी। वो अपने पति की जान बचाने के लिए कई अधिकारियों को अलग-अलग समय में 70 से 80 हजार रुपए दे चुकी है।
अंबिकापुर जेल जाने के डर से पी लिया सेनेटाइजर : इधर, बुधवार (8 अक्टूबर) को अंबिकापुर पुलिस कैदी को लेने घर पहुंची। दोबारा जेल भेजे जाने के डर से उसने घर के पीछे जाकर सेनेटाइजर पी लिया। पुलिस टीम उसे छोड़कर लौट गई। तबीयत बिगड़ने पर परिवार ने उसे सिम्स में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर इलाज कर रहे हैं।
जेल में प्रताड़ना और अवैध वसूली से परेशान होकर भागा : कैदी मुकेश कांत की पत्नी अमरिका बाई कुर्रे ने कलेक्टर से लिखित शिकायत की है। जिसके मुताबिक,जेल के कुछ अधिकारी और कर्मचारी उसके पति से पैसों की मांग करते थे।
पैसे नहीं देने पर उसे जातिगत गालियां देते थे, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया जाता था। जेल में उसे मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं दी जाती थी। वो अपने पति की जान बचाने के लिए कई अधिकारियों को अलग-अलग समय में 70 से 80 हजार रुपए फोन पे और नकद माध्यमों से दिए, जिसका सबूत भी उसके पास है। इसके बावजूद प्रताड़ना बंद नहीं हुई। हालात इतने बदतर हो गए कि 5 फरवरी को इलाज के दौरान मुकेश अस्पताल से भाग गया।
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