
विज्ञान से सजेगी कोरिया की नई पहचान
कैप्टन शुभांशु शुक्ला स्पेस एजुकेशन लैब का हुआ शुभारंभ,राज्यपाल रमेन डेका ने किया लोकार्पणअंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर लैब का नामकरण
कोरिया,07 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ प्रदेश के महामहिम राज्यपाल रेमन डेका एक दिवसीय प्रवास पर कोरिया जिला पहुंचे जहां उन्होंने शासकीय विभागों की समीक्षा बैठक की और फिर वह गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के लिए रवाना हो गए,शासकीय विभागों की समीक्षा बैठक से पहले राज्यपाल ने अंतरिक्ष लैब का लोकार्पण किया और उसे जिले के छात्रों को समर्पित किया,यह अंतरिक्ष लैब अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम से जिले में स्थापित किया गया जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष,भूगोल,भौतिकी,और प्रौद्योगिकी के प्रति छात्र छात्राओं के भीतर रुचि बढ़ाना होगा, लैब जिला खनिज न्यास मद से स्थापित किया गया और यह जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि है ऐसा माना जा रहा है।

शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र का उगता सूरज
कोरिया जिले के कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में स्थापित शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष लैब अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम से जाना जाएगा,शुभांशु शुक्ला आधुनिक भारत की सैन्य वैज्ञानिक प्रतिभा और अंतरिक्ष महत्वाकांक्षा के प्रतीक माने जाते हैं,हाल ही में उन्होंने सफल अंतरिक्ष यात्रा कर पृथ्वी पर वापसी की है,उनकी यात्रा युवाओं को रक्षा,सेवा व विज्ञान तकनीक,अभियांत्रिकीय सहित गणित क्षेत्रों में अवसरों के लिए प्रेरित करती है।
कोरिया जिले में अंतरिक्ष लैब स्थापना उद्देश्य व इसके लिए प्रेरणा साथ ही प्रयास
भारत आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न के साथ अंतरिक्ष की नई ऊँचाइयों को छू रहा है। अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियां पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उसी दिशा में आज छत्तीसगढ़ ने भी एक नया इतिहास रचा है। माननीय राज्यपाल श्री रमन डेका जी ने दिनांक 7 अक्टूबर को बैकुंठपुर के आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राज्य की पहली ‘शुभांशु शुक्ला स्पेस लैब’ का शुभारंभ किया है। यह अनोखी पहल प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शिक्षा और विज्ञान के संगम की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री का सपना है कि छत्तीसगढ़ का हर छात्र और हर छात्रा आधुनिक तकनीक और नवाचार से जुड़े, और अपने सपनों को नई उड़ान दे।
इस लैब में छात्राएँ अब स्वयं अनुभव करेंगी…
रॉकेट और सैटेलाइट के वर्किंग मॉडल्स, थ्रीडी प्रिंटिंग की तकनीक, ड्रोन संचालन, वर्चुअल रियलिटी की दुनिया,और खगोल विज्ञान के अद्भुत रहस्य। कोरिया जिले में स्पेस एजुकेशन की शुरुआत पहले ही हो चुकी थी, जब 500 से अधिक विद्यार्थियों ने मेघा स्काई वॉचिंग कैंप में भाग लेकर आसमान के रहस्यों को नज़दीक से महसूस किया था। उसी अनुभव ने यह विचार जन्म दिया कि बच्चों को प्रैक्टिकल स्पेस नॉलेज देने के लिए एक समर्पित स्पेस लैब होनी चाहिए।
आज वह सपना साकार हुआ है
‘सुधांशु शुक्ला स्पेस लैब’ के रूप में, जो छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए नए अवसरों का द्वार खोलती है। यह लैब केवल एक स्थान नहीं, बल्कि यह है जिज्ञासा, नवाचार और भविष्य की उड़ान का प्रतीक। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणादायक नेतृत्व में, राज्यपाल रमेन डेका जी के सान्निध्य में, और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विज़नरी मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ आज अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ा चुका है। छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब आसमान नहीं, बल्कि अंतरिक्ष को छूने की तैयारी में हैं। इस विजन को इस तरह भी आगे बढ़ाने का प्रयास है जिसके लिए एक पंक्ति भी समर्पित की गई है। छत्तीसगढ़… अब उड़ान भरेगा अंतरिक्ष की ओर।
राज्यपाल ने की सराहना,विद्यार्थियों लिए बताया उपयोगी
अंतरिक्ष लैब लोकार्पण समारोह में पहुंचे प्रदेश के राजपाल ने इस लैब स्थापना की सराहना की और इसे विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बतलाया, उन्होंने लैब की सराहना करते हुए कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है,विज्ञान से होने वाले लाभ और उसके प्रभाव से कोई इंकार नहीं किया जा सकता,यह लैब अंतरिक्ष विज्ञान के साथ विज्ञान के अन्य विषय मामलों में भी विद्यार्थियों की मदद करेगा,जिला प्रशासन को उन्होंने इस पहल के लिए बधाई दी और लैब के लिए द्रोण,स्मार्ट बोर्ड एवं प्रोजेक्टर उपलब्ध कराने की सहमति भी प्रदान की।
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