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रायपुर@शराब घोटाला…कारोबारी अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

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मां का स्वास्थ्य खराब,4 दिन परिवार के साथ रहेंगे,फिर वापस जेल जाना पड़ेगा


रायपुर,07 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर को 4 दिन की अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने मां के खराब स्वास्थ्य के चलते जमानत दी है। ढेबर 4 दिन परिवार के साथ रह सकेंगे। दरअसल,अनवर ढेबर ने अदालत से अपील की थी कि,उनकी मां की तबीयत बहुत खराब है। वह उन्हें देखने जाना चाहते हैं।
सुनवाई के दौरान ढेबर के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि,उनकी मां की हालत गंभीर है। वह अस्पताल में भर्ती हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,परिवार के ऐसे समय में इंसान को अपने करीबियों के साथ रहने का मौका मिलना चाहिए। कोर्ट ने 4 दिन की अंतरिम जमानत मंजूर की। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यह राहत सिर्फ उनकी मां की तबीयत को ध्यान में रखते हुए दी गई है। 4 दिन के बाद उन्हें फिर से वापस जेल जाना होगा।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी जांच कर रही है। ईडी ने एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई है। जांच के अनुसार 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा,आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
अनवर ने रिश्तेदारों और सीए के नाम से निवेश
सिंडिकेट बनाने वाले कारोबारी अनवर ढेबर को 90 करोड़ से ज्यादा मिले। अनवर ढेबर ने इन पैसों को रिश्तेदारों और सीए के नाम कई कंपनियों में इन्वेस्ट किया। ईओडब्ल्यू की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। ईओडब्ल्यू की चालान के अनुसार शराब डिस्टलर्स से कमीशन और बी पार्ट की शराब बिक्री से मिलने वाले पैसे का 15 प्रतिशत कारोबारी अनवर ढेबर को जाता था। अनवर ढेबर इन पैसों को अपने करीबी विकास अग्रवाल और सुब्बू की मदद से लेता था। विकास अग्रवाल और सुब्बू शराब दुकानों से पैसा वसूलने का काम करते थे।
फरवरी 2019 में बना था सिंडिकेट
कारोबारी अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाने के लिए फरवरी 2019 में जेल रोड स्थित होटल वेनिंगटन में प्रदेश के 3 डिस्टलरी मालिकों को बुलाया। इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ डिस्टलरी से नवीन केडिया, भाटिया वाइंस प्राइवेट लिमिटेड से भूपेंदर पाल सिंह भाटिया और प्रिंस भाटिया शामिल हुए। साथ ही वेलकम डिस्टलरी से राजेंद्र जायसवाल उर्फ चुन्नू जायसवाल के साथ हीरालाल जायसवाल और नवीन केडिया के संपर्क अधिकारी संजय फतेहपुरिया पहुंचे। मीटिंग में इनके अलावा एपी त्रिपाठी और अरविंद सिंह भी मौजूद थे। मीटिंग में अनवर ढेबर ने तय किया कि डिस्टलरी से जो शराब सप्लाई की जाती है, उसमें प्रति पेटी कमीशन देना होगा। कमीशन के बदले रेट बढ़ाने का आश्वासन डिस्टलरी संचालकों को दिया गया। पैसे का हिसाब-किताब करने के लिए आरोपियों ने पूरे कारोबार को ए, बी और सी पार्ट में बांटा।


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