आरंभ से कांग्रेस विचारधारा से जुड़े रहे अखिलेश गुप्ता ने खरीदी आरएसएस की ड्रेस,अब बनेंगे आरएसएस के स्वयंसेवक
प्रभारी प्राचार्य रहते हुए महाविद्यालय की जमीन एक पूजा पंडाल निर्माण के लिए प्रदान कर दी, क्या वह जमीन उनके पूर्वजों की थी?

-न्यूज डेस्क-
बैकुंठपुर,04 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। क्या भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे शासकीय रामानुज प्रताप सिंहदेव महाविद्यालय बैकुंठपुर के सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए आरएसएस की शरण में जा पहुंचे हैं और वह आरएसएस को ढाल बनाकर अब खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के फिराक में हैं, ऐसा सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि अखिलेश चंद्र गुप्ता हाल फिलहाल में आरएसएस की शाखाओं में जाते नजर आ रहे हैं और वह आरएसएस के निर्धारित परिधान खरीदते भी तस्वीरों में कैद हुए हैं।
बताया जा रहा है कि वह अब आरएसएस के स्वयं सेवक बनकर खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के प्रयास में हैं,आरएसएस भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है और भाजपा आरएसएस के निर्देशों पर ही चलने का प्रयास करती है साथ ही छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है और सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य अपने सेवानिवृत्ति उपरांत मिलने वाले स्वत्वों के लिए फिलहाल चिंतित हैं क्योंकि उनके 26 वर्षों के भ्रष्टाचार की शिकायत पीएमओ में हुई है और पीएमओ की शिकायत की जांच आयुक्त उच्च शिक्षा को कलेक्टर कोरिया द्वारा करने पत्र प्रेषित किया गया है और यदि जांच सही ढंग से हुई और शिकायत के अनुसार हुई सेवानिवृत्त प्रभारी प्राचार्य अखिलेश चंद्र गुप्ता अपने सेवानिवृत्ति संबधी स्वत्वों से हांथ धो सकते हैं इसलिए वह आरएसएस की शरण में पहुंचे हैं? आरएसएस वैसे तो विवादित व्यक्तियों को खुद से जोड़ने का काम नहीं करती लेकिन अखिलेश चंद्र गुप्ता के मामले में बैकुंठपुर आरएसएस के महत्वपूर्ण लोग अखिलेश चंद्र गुप्ता को आरएसएस प्रवेश कराते नजर आ रहे हैं जो इस मामले में आश्चर्यजनक है कम से कम आरएसएस के सिद्धांतों अनुसार।

प्रभारी प्राचार्य रहते हुए महाविद्यालय की जमीन एक पूजा पंडाल निर्माण के लिए प्रदान कर दी,क्या वह जमीन उनके पूर्वजों की थी…
अखिलेश चंद्र गुप्ता का महाविद्यालय के लिए योगदान क्या था यह तो सामने नहीं आया उनके 26 वर्षीय कार्यकाल को लेकर लेकिन वह महाविद्यालय की ही जमीन दान देकर दानी बन गए यह भी देखने को मिला,आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए जब जमीन महाविद्यालय की प्रशासन ने दी तब काफी हो हल्ला विरोध देखने को मिला महाविद्यालय विस्तार प्रभावित होने की भी बात कही गई लेकिन जब महाविद्यालय की जमीन अखिलेश चंद्र गुप्ता ने एक पूजा पंडाल को दी तब कोई इसके विरोध में नहीं आया,क्या जमीन उनके पूर्वजों की या पैतृक थी जो उन्होंने दान किया।

आज के शताब्दी वर्ष पथ संचलन कार्यक्रम में शामिल होंगे महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य जो अपने कार्यकाल के वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए है…
जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में आज शताब्दी वर्ष पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित है,यह कार्यक्रम संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित है,इस पथ संचलन कार्यक्रम में सेवा निवृत्त प्रभारी प्राचार्य अखिलेश चंद्र गुप्ता भी शामिल होंगे इसकी पूर्ण संभावना है,यह वही अखिलेश चंद्र गुप्ता हैं जिनके ऊपर प्रभारी प्राचार्य रहते हुए महाविद्यालय में बड़ी अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं,पथ संचलन में शामिल होकर आज यह प्रदर्शित करेंगे कि यह पूर्ण रूप से आरएसएस के नियम निर्देशों और अनुशासन अनुसार व्यवहार करेंगे वैसे यह केवल अपने लिए आरएसएस को ढाल की तरह उपयोग करने पथ संचलन कार्यक्रम में शामिल होंगे यह माना जा रहा है।
भ्रष्टाचार में नाम ना आए इसके लिए अपनाया कई पैंतरा पर नहीं आया कोई काम…
अखिलेश चंद्र गुप्ता 26 वर्षों तक अग्रणी महाविद्यालय सहित उन महाविद्यालयों के प्रभारी प्राचार्य रहे हैं जो क्रमशः उनके कार्यकाल में नवीन खुलते चले गए। 26 वर्षों में अखिलेश चंद्र गुप्ता ने जिले के अग्रणी महाविद्यालय सहित अन्य महाविद्यालयों में जमकर भ्रष्टाचार किया है और जो उजागर न जो हो सके इसके लिए उन्होंने सेवानिवृत्त होकर भी 6 माह तक संपूर्ण प्रभार नए प्रभारी प्राचार्य को नहीं सौंपा था और जब सौंपना मजबूरी हुई तो उन्होंने सबसे पहले महत्वपूर्ण उन दस्तावेजों को आग के हवाले कर दिया जो उनके भ्रष्टाचार के कारनामों को उजागर कर सकते थे। अखिलेश चंद्र गुप्ता के कारनामों को उजागर करने जब पीएमओ में शिकायत हुई और जांच की नौबत आई उन्होंने अब आरएसएस का दामन थामा है और अब वह आरएसएस को ढाल बनाकर खुद को बचाते नजर आयेंगे यह बताया जा रहा है।
जीवन भर रहे कांग्रेसी,अब आरएसएस के सहारे भाजपा की तरफ बढ़ने का प्रयास, अखिलेश चंद्र गुप्ता का शातिराना अभियान
अखिलेश चंद्र गुप्ता और उनका परिवार जिंदगीभर कांग्रेसी रहा है,अब वह आरएसएस के सहारे भाजपा को साधने के प्रयास में हैं,यह उनका शातिराना अभियान है,यह अभियान वह खुद को जांच से बचाने के लिए चला रहे हैं और इस बीच वह अपने सेवानिवृत्ति उपरांत मिलने वाले स्वत्वों का भुगतान भी कराने के प्रयास में हैं,माना जा रहा है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और वह आरएसएस का दामन थाम कर अब भाजपा के पकड़ बनाएँगे और अपना हित साधेंगे,अखिलेश चंद्र गुप्ता का आरएसएस प्रवेश स्वार्थ्यजनित माना जा रहा है और वह स्वयं सेवक बनकर समाज सेवा भाव से काम नहीं करने वाले हैं वह स्वार्थसिद्धि तक बस आरएसएस का उपयोग करने वाले हैं।
आरएसएस की शाखाओं में भी स्वयं सेवक अचंभित,अखिलेश चन्द्र गुप्ता का शाखा में पहुंचना उनके लिए आश्चर्य
अखिलेश चंद्र गुप्ता आरएसएस की शाखाओं में भी नजर आ रहे हैं, वह विभिन्न कार्यक्रमों में भी दिखाई दे रहे हैं,बताया जा रहा है कि अखिलेश चन्द्र गुप्ता को आरएसएस की शाखाओं में देखकर और वह भी निर्धारित परिधान में देखकर स्वयं सेवक भी अचंभित हैं और उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि विपरीत विचारधारा के साथ जीवनभर आरएसएस से दूरी बनाकर रखने वाले अखिलेश चंद्र गुप्ता अचानक किस कारण शाखाओं में उपस्थित हो रहे हैं,वैसे खबर प्रकाशन के बाद स्वयं सेवकों को उनके प्रश्न का जवाब मिल जाएगा।
घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur