बलरामपुर,03 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)।
बलरामपुर जिले के कई इलाकों में क्रेशर संचालकों द्वारा हरे-भरे जंगलों को उजाड़ते हुए अवैध रूप से बोल्डर निकाले जाने का मामला सामने आया है। सैकड़ों ग्रामीणों गांव में इकट्ठा होकर बैठक कर निर्णय लिया गया जंगल जमीन को बचाना है जो कि जंगलों के भीतर पोकलेन और जेसीबी मशीनें दिन-रात बेखौफ चल रही हैं,जिससे हरियाली नष्ट हो रही है और प्राकृतिक संतुलन खतरे में पड़ रहा है। अधिकारियों की ओर से न तो कभी मौके पर निरीक्षण किया जाता है और न ही ठोस कार्रवाई की जाती है। स्थिति यह है कि जिम्मेदार विभाग मौन साधे हुए हैं और जंगलों का सीना चीरकर बोल्डर की तस्करी की जा रही है। गांव में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने एकजुट होकर बैठक की और अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग उठाई। उनका कहना है कि क्रेशर मालिक द्वारा जंगलों की जमीन अतिक्रमण भी किया जा रहा है यदि प्रशासन जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं करता तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि जंगलों को उजाड़ने की यह प्रवृत्ति आने वाली पीढि़यों के लिए घातक साबित होगी। उन्होंने जिला प्रशासन से तत्काल जांच दल गठित कर जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि जिम्मेदार अधिकारी अपनी भूमिका नहीं निभाते तो वे स्वयं वन संरक्षण और पर्यावरण बचाने की लड़ाई सड़क पर उतरकर लड़ेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि अवैध बोल्डर खनन पर तत्काल रोक लगे पोकलेन एवं जेसीबी मशीनों को जब्त किया जाए। मिलीभगत करने वाले विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई हो.जंगलों की सुरक्षा के लिए स्थायी निगरानी तंत्र बनाया जाए। इस संबंध में बलरामपुर डीएफओ आलोक बाजपेई से मोबाइल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है इस पर पूरी जांच कराई जा रही है जांच के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी उन्होंने यह भी बताया कि जिस जगह पर खनन कार्य किए गए हैं वह राजस्व भूमि है जिसके लिए हमने राजस्व विभाग को भी पत्राचार किया है।
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