सरगुजा/कोरिया/एमसीबी@चार महीने में ही शातिर प्रधान आरक्षक की हुई घर के पास पुनः वापसी,अधिकारियों के द्वारा जारी इस स्थानांतरण आदेश पर उठे सवाल ?

Share

क्या अधिकारियों ने प्रधान आरक्षक की पूरी जीवनी और कार्यकाल की समीक्षा नहीं की स्थानांतरण से पहले?
जशपुर स्थानांतरण के समय जो प्रधान आरक्षक रवानगी लेने में कर रहा था विलंब,घर के पास वापसी आदेश के समय गृह जिले में ही रहा मौजूद


-न्यूज़ डेस्क-
सरगुजा/कोरिया/एमसीबी,28 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। चार महीने पूर्व ही जारी हुआ स्थानांतरण आदेश पुलिस विभाग का पुनः बदल दिया गया और ऐसा सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक ने किया है जिन्होंने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा के उस आदेश को ही बदल दिया जिसमें उन्होंने कई ऐसे पुलिसकर्मियों को उन जिलों से दूर हटाया था जिनकी कार्यप्रणाली दोषपूर्ण लगातार चली आ रही थी और जिनसे जनता परेशान थी जिनकी अनगिनत शिकायतें थीं,पूर्व महानिरीक्षक सरगुजा ने ऐसे पुलिसकर्मियों को रेंज के ऐसे जिलों में स्थानांतरण आदेश जारी कर भेजा था जहां से वह पूर्व पदस्थापना जिले में कोई हस्तक्षेप आसानी से न कर सकें यह आदेश उन्होंने अपने रेंज से जाते जाते किया था और इस आदेश के बाद ऐसा लगने लगा था कि संभाग में बेहतर पुलिसिंग देखने को मिलेगी,वैसे स्थानांतरित पुलिसकर्मियों को विभिन्न जिलों से बाहर भेजे जाने के आदेश जारी होने के बाद उन जिले के लोगों में तब प्रसन्नता भी नजर आई थी क्योंकि लोग ऐसे पुलिसकर्मियों से ऊब चुके थे उनसे परेशान थे उनकी उगाही से वह त्रस्त थे, कुछ लोगों के तबादले के बाद तो मंदिरों में नारियल भी लोगों ने फोड़े थे और उत्साह जाहिर किया था कि उनका जिला अब भ्रष्ट अत्याचारी पुलिसकर्मियों की गिरफ्त से बाहर निकल सका है वहीं कुल चार महीने बाद ही नए पुलिस महानिरीक्षक ने तब के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जारी आदेश को पलट दिया और अब पुनः दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मी अपनी मनचाही जगह वापसी करने वाले हैं और पुनः वह अत्याचार ही फैलाएंगे जो तय माना जा रहा है। बार फिर अखबार की खबर सही हो गई और मोहर अंततः फिर लग गई, जिस बात का अंदेशा अखबार ने दिया था आखिर वह अंदेशा एक बार फिर सही हो गया। जिन बदमाशों को उनके कोंच ने यह बोलकर शामिल किया है कि मैं उन्हें सुधार लूंगा और इनसे अच्छा प्रदर्शन करा लूंगा,शायद वह यह नहीं बताएं कि यह बदमाश पहले भी मेरे साथ काम कर चुके हैं जिन्हें बिगाड़े भी वही है।


चार महीने में पुनः संशोधित आदेश जारी कर केवल दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मियों को पुनः उनके पूर्व पदस्थ जिले या उस जिले के अगल बगल के जिले में भेजा जाना ऐसी कार्यवाही मानी जा रही है जो पुलिस विभाग को ही कटघरे में खड़ी कर रही है जिससे यह प्रतीत होना माना जा रहा है कि पुलिस विभाग में किसी कर्मी की कार्यक्षमता उसका प्रदर्शन मायने नहीं रखता उसका आचरण और व्यवहार मायने नहीं रखता केवल और केवल विभाग में कौन कितना दोषपूर्ण कार्य कर सकता है यह देखा जाता है। सवाल कई खड़े हो रहे हैं और जवाब शायद पुलिस विभाग के पास भी नहीं होगा क्योंकि इतने कम समय में किसी भी शासकीय विभाग में आदेश बदलते लोगों ने नहीं देखा है ऐसा लोगों का कहना है। वैसे इस सूची में दोषपूर्ण कार्यप्रणाली के लिए विख्यात कोरिया जिले से विभिन्न जिले भेजे गए कुछ प्रधान आरक्षकों का भी नाम है जो पुनः वापसी करते नजर आ रहे हैं और ऐसा बताया जा रहा है कि उनका नाम सूची में शामिल नहीं हुआ है उनके लिए ही यह आदेश जारी हुआ है केवल कुछ नाम अलग से जोड़कर सूची को स्थानांतरण प्रक्रिया अंतर्गत जारी किया गया आदेश बताने का प्रयास किया गया है। सूची जारी होने के बाद कोरिया सहित एमसीबी जिले में यह चर्चा आम है कि जिन्हें जिलेवासी देखना पसंद नहीं कर रहे थे जिले से बाहर भेजे जाने पर जब जिलेवासियों ने नारियल फोड़े थे भगवान को धन्यवाद दिया था उनका पुनः वापस आना अब उनके लिए ही निराशा का विषय है,दुःख का विषय है।

चार महीने में ही घर लौटे पुलिसकर्मी… अब पुनः देखने को मिलेगा मनमानी पूर्ण रवैया…
चार महीने पहले जिन पुलिसकर्मियों को विभिन्न जिलों से अलग-अलग जिले भेजा गया था जिन्हें वर्षों से पदस्थ जिले से हटाया गया था उन्हें पुनः वापस भेजा जा रहा है,अब ऐसे पुलिसकर्मियों का पुनः मनमानी पूर्ण रवैया देखने को मिलेगा यह पुनः अपना आतंक स्थापित करेंगे और आम लोगों को परेशान करेंगे। यह आदेश उस आदेश के विरुद्ध माना जा रहा है जो आदेश पूर्व आईजी ने जारी किया था। पूर्व आईजी ने तो रेंज को बेहतर पुलिसिंग देने का प्रयास किया था लेकिन वर्तमान जारी आदेश बताता है कि पूर्व आईजी की मंशा पर पानी फेर दिया गया है। आदेश के अनुसार दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले हटाए गए पुलिसकर्मियों को या तो वहीं भेजा गया है जहां वह पूर्व में पदस्थ थे या तो ऐसे जिलों के अगल बगल के जिले में भेजा गया है जहां से वह पूर्व पदस्थ वर्षों से पदस्थ जिले में आसानी से आ जाकर हस्तक्षेप कर सकें। दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मियों को यह अभयदान दिए जाने संबंधी आदेश माना जा रहा है और जिसके तहत वह अब पुनः मनमानी करने स्वतंत्र होंगे।
स्थानांतरण ही क्यों जब पुनः वापस वहीं भेजना है जहां से हटाया गया?
पुलिस विभाग में प्रायः देखा गया है कि पुलिस विभाग में पुलिसकर्मियों को यह सुविधा मिलती है कि वह वर्षों या कई दशकों तक एक ही जिले में पदस्थ रह सकते हैं। पुलिसकर्मियों के शिवाय अन्य विभाग की यदि बात की जाए अन्य विभाग में स्थानांतरण मामले में पुलिस विभाग की तरह सुविधा कर्मचारियों को नहीं मिलती है,पुलिस विभाग में प्रायः ऐसा नजर आता है कि स्थानांतरण आदेश जारी होता है और फिर पुनः संशोधन का खेल शुरू होता है,कई बार तो रवानगी को लेकर ही ऐसा पेंच फंसा देते हैं अधिकारी की जिसे स्थानांतरित किया गया है वह आदेश जारी होने उपरांत भी वहीं जमे रहते हैं जहां से उन्हें हटाया गया होता है। सरगुजा आईजी ने जो स्थानांतरण आदेश जारी किया है वह कुल चार माह ही जारी किया गया है और जिसमे वही नाम शामिल हैं जो चार माह पूर्व भी स्थानांतरण आदेश में शामिल थे। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब आदेश संशोधित कर पुनः पुलिसकर्मियों को उनकी मनचाही या पूर्व पदस्थली वाली जगह पर ही भेजा जाना था तो फिर ऐसा पूर्व स्थानांतरण आदेश जारी ही क्यों हुआ यह बड़ा सवाल है।
मायावी प्रधान आरक्षक को चरण वंदन उपरांत पूर्व पदस्थ जिले के बगल के जिले में मिली पदस्थापना
कोरिया जिले से हटाए गए जशपुर जिले भेजे गए मायावी प्रधान आरक्षक को चरण वंदन उपरांत पूर्व पदस्थ रह चुके जिले के बिल्कुल बगल के जिले में पदस्थापना प्रदान की गई है,जिला मिल सका है। मायावी प्रधान वैसे तो वहीं आना चाहता था जहां वह पूर्व में पदस्थ रह चुका था लेकिन उसे वहां पदस्थ न करते हुए पूर्व पदस्थ जिले के बगल के जिले भेजा गया है,वैसे बताया जा रहा है कि मायावी ने खुद उस जिले का चयन किया है जिससे वह आसानी से कोरिया जिले से आना जाना कर सके। मायावी प्रधान आरक्षक अब एमसीबी जिले में पहुंचे हैं,वह अब एमसीबी जिले में आतंक का अपना साम्राज्य फैलाएंगे ऐसी चर्चा है,वैसे एमसीबी जिले के लोग भी अचंभित हैं कि जिसे कोरिया जिले के लोगों ने भगाया वह अब एमसीबी जिले में मनमानी के लिए पहुंचा है।
जारी आदेश के बाद अब पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर उठ रहे हैं सवाल,क्या दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मियों के सामने नतमस्तक है विभाग?
सरगुजा आईजी द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश के बाद पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं,जारी आदेश में ज्यादातर नाम ऐसे हैं जो पुलिस विभाग के सरगुजा संभाग के चर्चित नाम हैं जिस पर लगातार आरोप भी लगते रहे हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों को इस आदेश में मनचाही पदस्थापना प्रदान की गई है,यह आदेश यह प्रश्न खड़ा करता है कि क्या दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मियों के सामने विभाग नतमस्तक है जिसके कारण विभाग को दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मियों को बार बार लाभ पहुंचाना पड़ता है उन्हें हमेशा प्रसन्न रखना पड़ता है। वैसे इस आदेश के बाद यह प्रश्न लगातार खड़ा हो रहा है और यह पुलिस की कार्यप्रणाली को ही कटघरे में खड़ा करता है।


Share

Check Also

रायपुर@15 नवंबर को मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस,राष्ट्रपति हो सकती हैं शामिल : सीएम साय

Share रायपुर,30 अक्टूबर 2025। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय …

Leave a Reply