05 से 10 हजार तक वसूली करने वाले ग्राम पंचायत सकरिया के रोजगार सहायक के विरुद्ध कलेक्टर से हुई लिखित शिकायत
-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,23 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। जनपद पंचायत खड़गवां के ग्राम पंचायत सकरिया में वर्षों से जमे रोजगार सहायक के द्वारा आवास योजना को वसूली का माध्यम बना लिया गया है। इसके अलावा सरकार की दूसरी हितग्रागीमूलक योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर भी जमकर वसूली करने की शिकायत सामने आयी हैं। भ्रष्ट्राचार में लिप्त रहने वाले रोजगार सहायक को न अधिकारियों का डर है न कार्रवाई का भय।
ग्राम पंचायत सकरिया के रोजगार सहायक धर्मेन्द्र कुमार साहू को लेकर भी ऐसी ही शिकायत लगातार सामने आती रही है। जिसमे आवास योजना के हितग्राही काफी परेशान हैं। उसके द्वारा हितग्राहियों से 5000 से लेकर 10000 रुपये तक की राशि यह कहकर वसूल की जाती है कि वह प्रधानमंत्री आवास का जियो टैग करने एवं आवास स्वीकृत कराने के नाम पर वसूल किया गया है। और ये भी कहा जाता है मैं किसी भी योजना को पास करा दूगा। शासन के द्वारा प्रदाय की जाने वाली योजनाओं में उसकी दखल होने के कारण विभागीय तौर पर भी कामकाज तभी हो पाते हैं जब वह बोलता है। उसकी इस तरह की बेजा हरकतों से ग्रामवासी काफी परेशान हैं। काफी हिम्मत करके एक प्रार्थीओ ने कलेक्टर से उक्त रोजगार सहायक की शिकायत दिनांक 5/9/25 को की गई है।
सूत्र बताते हैं कि ग्राम पंचायत सकरिया के रोजगार सहायक के द्वारा ग्राम पंचायत के अन्य कार्यों में भी काफी भ्रष्टाचार किया गया है। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि रोजगार सहायक धमेंद्र कुमार साहू के द्वारा फर्जी जियो टैकिंग से प्रधानमंत्री आवास का बिना निर्माण कराएं पुराने आवास को लिपाई पुताई कराकर नया आवास बताकर 1.20 लाख की राशि लाभार्थी के खाते से आहरण करा बंदरबांट कर ली गई। इस अनियमितता की शिकायत करने से हितग्राही डर रहे हैं ये झूठे केश में फसाने की धमकी देता है। जिससे हितग्राही हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं। इसके द्वारा पूर्व में तीन चार लोगों को झूठे केश में जेल भी भेज चुका है इस रोजगार सहायक का गांव में बडा दबदबा है। संबंधित अधिकारी आंख मूंदे बैठे है, खड़गवां जनपद के अनेकों ग्राम पंचायतें में रोजगार सहायकों के ऐसे कारनामे देखने- सुनने को मिल जाएंगे, जिनके लिए आवास एवं हितग्राहीमूलक योजनाएं अवैध कमाई का जरिया बनकर रह गया है। वैसे ग्राम पंचायत सकरिया रोजगार सहायक के कृत्य की जांच से कई मामले सामने आ जाएंगे। रोजगार सहायक जो वर्षों से जमे हैं और शासन की योजनाओं की आड़ में अवैध वसूली कर रहे हैं, उनकी भी कलई खुलकर सामने आएगी। साथ ही उन्हें किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा है, यह भी जांच का विषय होना चाहिए।
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