- बिना पैसे शिक्षकों का नहीं होता कोई भी काम…अवकाश स्वीकृति सहित स्वत्व भुगतान के लिए अलग-अलग दर है निर्धारितःसूत्र
- अधिकारी कर्मचारी सभी की मिलीभगत से शिक्षकों का हो रहा शोषण,प्रभारी अधिकारी की है मौज,लंबे समय से बने हुए हैं प्रभारी अधिकारी
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,08 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय का हाल काफी बेहाल बताया जा रहा है और कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी मिलकर शिक्षकों का शोषण कर रहे हैं यह सूत्रों का दावा है।बताया जा रहा है कि कार्यालय प्रभारी अधिकारी के भरोसे लंबे समय से संचालित हो रहा है जहां पदस्थ अन्य कर्मचारी शिक्षकों का शोषण कर रहे हैं और यहां तक कि वह शिक्षकों का सम्मान भी करना पसंद नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो कार्यालय में शिक्षकों के लिए दर निर्धारित कर दिया गया है और अवकाश स्वीकृति सहित सभी कार्य अलग अलग दर अनुसार शिक्षकों के किए जाते हैं जिसमें स्वत्व भुगतान का भी मामला शामिल है,शिक्षक कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों से परेशान हैं और कभी भी स्थिति किसी उग्र आंदोलन की बनने वाली है जैसी चर्चा शिक्षकों के बीच होने की बात सूत्रों द्वारा बतलाई जा रही है। बताया जाता है कि कार्यालय के मुख्य अधिकारी की जगह संचालन प्रभारी अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है और ऐसा लंबे समय से हो रहा है और यही वजह है कि कार्यालय में शिक्षकों का लगातार आर्थिक शोषण हो रहा है। बताया जा रहा है कि शिक्षकों को कई बार अपमानित भी किया जाता है और ऐसा कार्यालय के कर्मचारी करते हैं और वह उन्हें भयभीत कर वसूली का प्रयास करते हैं। सूत्रों की माने तो जिले के जिला मुख्यालय का यह कार्यालय ऐसा कार्यालय है जहां कोई अपना नहीं है इस सिद्धांत के आधार पर कामकाज किया जाता है और सभी से वसूली के लिए सभी एकजुटता से काम करते हैं। शिक्षकों के बीच आंदोलन की सुगबुगाहट के बीच यह चर्चा भी सुनी जा रही है कि कार्यालय की भर्राशाही यदि बंद नहीं हुई कार्यालय का घेराव तय है। वर्तमान में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के अस्वस्थ होने के कारण लंबे समय से सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी को ही प्रभारी अधिकारी का जिम्मा दिया गया है और प्रभारी अन्य के साथ मिलीभगत कर शिक्षकों के लिए समस्या बने हुए हैं ऐसी बातें सामने आ रही हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी तक जाकर शिकायत के लिए तैयारी कर रहे हैं शिक्षक
सूत्रों की माने तो शिक्षक अब जिला शिक्षा अधिकारी तक मामले को पहुंचाना चाहते हैं और वह निराकरण की उम्मीद उनसे जाहिर करने वाले हैं,जिला शिक्षा अधिकारी यदि निराकरण नहीं करते हैं शिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे यह शिक्षकों की रणनीति बनी है ऐसा बताया जा रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी खुद विकास खंड कार्यालय के कामकाज से दुखी हैं वहीं वह अब शिक्षकों के सामने आने के बाद क्या कार्यवाही करते हैं यह देखने वाली बात होगी।
लिपिक शिक्षकों के प्रति गैर सम्मानजनक रखते हैं रवैया
सूत्रों के अनुसार शिक्षकों को कुछ लिपिकों का गैर सम्मानजनक रवैया अपने प्रति अच्छा नहीं लगता है,शिक्षकों के अनुसार लिपिक जो शिक्षकों का वेतन बनाने सहित उनके स्वत्व के परीक्षण और जांच के लिए एक चरण मात्र का काम करते हैं वह अधिकारियों की तरह शिक्षकों को रुतबा बताते हैं,शिक्षकों के अनुसार ऐसे लिपिक कार्यालय से हटाए जाएं वरना आंदोलन तय है,शिक्षकों के अनुसार शिक्षकों से उनके काम के एवज में पैसे की मांग करने वाले उन्हें आंख भी दिखाए यह शिक्षकों को बर्दाश्त नहीं।
हर काम के लिए दाम है तय
कार्यालय में शिक्षकों के लिए दाम तय है ऐसा बताया जा रहा है,हर काम का एक दाम तय है जो देने पर ही शिक्षकों का काम हो पाता है, बताया जाता है कि अवकाश सहित स्वत्व भुगतान मेडिकल सहित अन्य किसी भी विषय के लिए दाम तय करके शिक्षकों को बताया जाता है और जब जिसे जैसा जरूरत आन पड़े वह दाम चुकाकर काम करवा ले यह वहां का नियम है। सूत्रों के अनुसार यह काम डंके की चोट पर जारी है और बिना भय वसूली का खेल चल रहा है।
शिक्षकों के बीच चर्चा कुछ लिपिक और प्रभारी अधिकारी को हटाने से ही भर्राशाही खत्म होगी
सूत्रों के अनुसार कार्यालय के कुछ लिपिक और प्रभारी अधिकारी को हटाए जाने के बाद ही भर्राशाही खत्म होगी,बताया जाता है कि प्रभारी अधिकारी और स्थानीय कुछ मुख्यालय के ही निवासी लिपिक यह भर्राशाही मचा रखे हैं और उन्हें कार्यालय से हटाए जाने की मांग शिक्षक अब करने लगे हैं। शिक्षकों के बीच इस विषय में मंथन जारी होने की बात सूत्रों से पता चली है,शिक्षकों के अनुसार शिक्षकों को अवकाश की स्वीकृति के लिए भी यदि पैसे देने की जरूरत पड़े तो फिर अधिकारी कैसे शिक्षकों से नजर मिलाकर गुणवत्ता की बात करेंगे और कैसे उन पर नियंत्रण करेंगे। वैसे शिक्षकों के बीच आक्रोश तेज होने की बात पता चल रही है।
कुछ लिपिकों को लेकर शिक्षकों की राय,इन्हें हटाते ही सुधर जाएगी कार्यालय की व्यवस्था
सूत्रों के अनुसार कुछ शिक्षकों की यह राय है कि कार्यालय की व्यवस्था और वसूली का कार्यालय में चलन कुछ लिपिकों के द्वारा बड़े स्तर पर किया जाता है,यह ऐसे लिपिक हैं जिन्हें हर मामले में लेनदेन की आदत है,शिक्षकों की आपसी चर्चा है कि ऐसे लिपिक हटाए जाएं और उन्हें अन्यत्र भेजकर शिक्षकों को शोषण से बचाया जाए। शिक्षकों ने आंदोलन की रणनीति बनाने चर्चा शुरू की है और यह जल्द की किसी बड़े आंदोलन का कारण बनेगी। वैसे शिक्षकों की चर्चा में कुछ लिपिक जो लेनदेन के लिए बदनाम हैं यदि उन्हें हटा दिया जाता है तो वह मामले में अपना रुख शांत भी रखने विचार कर रहे हैं वहीं प्रभारी अधिकारी को भी लेकर शिक्षकों की यही राय सामने आ रही है कि उन्हें भी कार्य व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए नहीं तो विरोध होना तय है।