-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां,04 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। आवास मित्र ब्लॉक समन्वयक अधिकारी ने जिस ग्राम पंचायत का हितग्राही है उस ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास नहीं बना रहा है उसके बाद भी उस हितग्राही का आवास मित्र एवं ब्लॉक समन्वयक अधिकारी के द्रारा फर्जी जियोटैग से राशि का बंदरबांट कर ली है, ग्रामीणों का आरोप-आवास मित्र के द्वारा आवास निर्माण कार्यों में अनियमितता करने वाले आवास मित्र एवं ब्लॉक समन्वयक अधिकारी ने कैसे जारी की किश्त और कैसे किया गया जियो टैग जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास ग्राम पंचायत खड़गवां में हितग्राही को प्राप्त हो रही है और प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास निर्माण कार्य ग्राम पंचायत रतनपुर में किया जा रहा है? इस मामले में आवास मित्र एवं ब्लॉक समन्वयक अधिकारी ने हितग्राही को किश्त राशि जारी कराने के नाम पर लाभार्थियों से ली रकम जनपद पंचायत खड़गवां को यदि घोटालों का जनपद पंचायत कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नही होगी। क्योंकि यहां जिस विभाग की जांच कराई जाए तो चौकाने वाले घोटाले सामने आएंगे। जिसमे से एक विभाग जनपद पंचायत कार्यालय का प्रधानमंत्री आवास योजना है, जिसके अधीन पंचायतों में सरकार की योजनाएं पहुँचते- पहुँचते धराशायी हो जाती है। सरकार ने भ्रष्ट्राचार रोकने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) की शुरुआत की, ताकि सरकारी योजनाओं के पैसे सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में जाए,साथ ही कार्यों में पारदर्शिता लाने ऑनलाइन डिजिटल भी किया गया है। लेकिन भ्रष्टाचारीओ ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। ऐसा ही मामला खड़गवां जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मुख्यालय खड़गवां में पात्र हितग्राही सुशीला प्रधान को प्रधानमंत्री आवास योजना का का आवास आवंटित हुआ है। और इस प्रधानमंत्री आवास योजना के आवंटित आवास का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत खड़गवां में नहीं किया जा रहा है इस प्रधानमंत्री आवाज का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत रतनपुर में किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि आवास मित्र एवं लाक समन्वयक अधिकारी के द्वारा किस तरह इस सुशीला प्रधान के आवास का ग्राम पंचायत खड़गवां से दो ग्राम पंचायत को छोड़कर तीसरे ग्राम पंचायत रतनपुर में जियो टैग कैसे कर दिया गया है।
ग्रामीणों ने आवास मित्र एवं ब्लॉक समन्वयक अधिकारी पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाया है इस तरह के कई मामले इस जनपद पंचायत खड़गवां में हो रहे हैं जबकि इस तरह की शिकायते होने के बाद भी जनपद पंचायत खड़गवां के सीईओ गंभीरता से नहीं लेते हैं इससे ऐसा लगता है कि इनके सहयोग से जनपद पंचायत खड़गवां में धड़ल्ले से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है? जब यह मामला सार्वजनिक होने की स्थिति में जिम्मेदार वर्ग लीपापोती में जुट गए हैं,प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा: फर्जी जियो टैकिंग का सहारा लेकर कई तरह के फर्जीवाड़े किये गये है बिना आवास निर्माण के निकाल ली पूरी राशि,जवाबदार लीपापोती में जुटे। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके ग्राम का आवास मित्र एवं ब्लॉक समन्वयक अधिकारी निजी स्वार्थ सिद्धि की मानसिकता रखते हुए कार्य करते आ रहा है और सरकार की ओर से गरीब, जरूरतमंदों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ अपात्रों को पहुँचाया जा रहा है। मनरेगा के तहत कार्यों में भारी अनियमितता की गई है तो पीएम आवास में भी अपात्रों को लाभ दिलाया गया, वहीं आवास किश्त की राशि रिलीज कराने लाभार्थियों से जनपद अधिकारियों को देने के नाम पर 4000 से 5000 रुपये तक की रकम ली गई है एवं मांगी रकम नही देने पर पीएम आवास की किश्त आने में देरी होने की बात बताई जाती है। ग्रामीणों ने इसकी जांच व उचित कार्रवाई की मांग की है। जब सरकार ने आवास योजना पर सारा फोकस कर रखा है फिर भी प्रशासन को ऐसे भ्रष्ट्राचार मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेने की आवश्यकता है,नही तो भ्रष्ट्राचार में लिप्त लोगों को बल मिलेगा तथा सरकार की इस योजना का बंटाधार होते देर नही लगेगी।
इस संबंध में जनपद पंचायत खड़गवां के सीईओ से जानकारी चाही तो उन्होंने ने कहा कि जांच कर कार्यवाही करेंगे।
रूपेश बंजारे
जनपद पंचायत खड़गवां सीईओ