रायपुर@अब स्कूलों में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ाया जाएगा छत्तीसगढ़ी,लोककला और संस्कृति से जुड़ेगी शिक्षा

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रायपुर,29 अगस्त 2025। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। सरकार ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए एक विषय के रूप में छत्तीसगढ़ी को शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य न सिर्फ बच्चों को उनकी मातृभाषा से जोड़ना है,बल्कि उन्हें छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोककला, संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान से भी परिचित कराना है। यह पहल राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा की जा रही है, जो इस नए पाठ्यक्रम को तैयार करने का जिम्मा संभालेगी। इस पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए परिषद छत्तीसगढ़ी साहित्यकारों, लोक कलाकारों,गीतकारों,शिल्पकारों,संगीतकारों, नर्तकों और कहानीकारों से सहयोग लेगी। इन विशेषज्ञों की मदद से ऐसा कोर्स तैयार किया जाएगा जो बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़े रखे।
बच्चे अपनी मातृभाषा में तेजी से सीखते हैं
मनोवैज्ञानिकों और शिक्षाविदों का मानना है कि बच्चे अपनी मातृभाषा में अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनमें सोचने की क्षमता का विकास तेजी से होता है। छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई शुरू होने से बच्चे न केवल अपनी भाषा को लेकर गर्व महसूस करेंगे,बल्कि लोक गीतों, कहानियों और नाटकों के माध्यम से वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी करीब से जान पाएंगे।

यह बच्चों में छत्तीसगढ़ की पहचान और संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी मदद करेगा।


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