रायपुर,21 अगस्त 2025(ए)। महासमुंद जिले की एक छात्रा सिर्फ समय पर जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाने की वजह से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं ले पाई। दरअसल एडमिशन के लिए जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना था। गांव के सरपंच, पटवारी और कोटवार ने जाति प्रमाणपत्र जारी करने में आनाकानी की। छात्रा ने इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग से की। रायपुर में हुई सुनवाई में राज्य महिला आयोग ने गांव के पटवारी, कोटवार को निलंबित करने और गांव के सरपंच को हटाने की अनुशंसा की है। छात्रा ने राज्य महिला आयोग में गुहार लगाई थी कि वह नीट की परीक्षा पास कर चुकी है और उसे 439 अंक प्राप्त हुए है। उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। लेकिन, महासमुंद के पटवारी हल्का नं. 23 द्वारा छात्रा के स्व. पिता की वंशावली बनाकर देने से इंकार किया जा रहा है। सरपंच पूर्व में वंशावली में हस्ताक्षर करके दे चुका है। लेकिन इसके बावजूद पटवारी और कोटवार के साथ मिलकर छात्रा का जाति प्रमाण पत्र बनाने में रूकावट डाल रहा है। सुनवाई के पश्चात राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक एवं अन्य सदस्यों में लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया, ओजस्वी मंडावी, दीपिका शोरी ने पटवारी, सरपंच व कोटवार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की। साथ ही छात्रा को एमबीबीएस में प्रवेश के लिए एक सप्ताह के भीतर जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए महासमुंद के कलेक्टर से अनुशंसा की है। पटवारी, सरपंच की मनमानी के कारण छात्रा 2024 में भी नीट की परीक्षा पास करने के बावजूद एम.बी.बी.एस. शिक्षा के लिए नहीं जा सकी। अब कलेक्टर की रिपोर्ट के आधार पर महिला आयोग में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
