- स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ऊर्जावान हैं,कार्यक्षमता बेहतर है साबित हुआ?
- विष्णु देव साय सरकार में क्या काफी भरोसेमंद मंत्री हैं श्याम बिहारी जायसवाल?
- सरकार बनी और सबसे बड़ा विभाग उन्हें मिला वहीं पुनःमंत्रिमंडल के विस्तार में एक और बढ़ा दायित्व
- श्याम बिहारी जायसवाल को उनकी उम्मीद से बड़ा विभाग मिला थोड़ी परेशानियां आई लेकिन उन्होंने खुद को किया साबित…
- 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 6 नाम ही हैं दमदार,शेष पर भरोसा कम…


-रवि सिंह-
रायपुर/एमसीबी,21 अगस्त 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ और इस विस्तार में उनके मंत्रिमंडल के सबसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी सम्हालने वाले श्याम बिहारी जायसवाल की इस विस्तार के बाद चर्चा ना हो तो शायद यह विस्तार की अधूरी कहानी होगी,श्याम बिहारी जायसवाल छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ के विधायक हैं और वह तीन बार भाजपा से मनेंद्रगढ़ विधानसभा के प्रत्याशी रह चुके हैं जिसमें से एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था वहीं हारने के बाद उन्हें पुनः मौका मिला और वह पुनः विधायक बने और विधायक बनने के बाद उन्हें प्रथम मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या नहीं मिलेगी इसमें संशय था और मिलेगी भी तो कोई बहुत बड़ा विभाग नहीं मिलेगा यह लोगों को उम्मीद थी पर इसके विपरीत प्रथम मंत्रिमंडल का गठन हुआ और सभी की सोच के विपरीत उन्हें विभाग मिला जो विभाग सीधे आमजनों से जुड़ा हुआ विभाग है, जिसे स्वास्थ्य विभाग कहते हैं, यह विभाग बड़ा होने के साथ-साथ ही सीधे जनता से जुड़ाव रखने वाला विभाग है यहां पर काम दिखता भी है और आलोचना भी होती है, स्वास्थ्य विभाग एक ऐसा विभाग है जहां चुनौतियां ज्यादा हैं और श्रेय या प्रसिद्धि की स्थिति कमजोर रहती है, यह लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ाव रखने के कारण हमेशा चर्चित भी रहने वाला विभाग है,श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य विभाग से मंत्री बनने के बाद जब रूबरू हुए और जब उन्हें इस विभाग का पहला अनुभव हुआ तब वह यह आभास कर पाए कि यह उनके लिए नया एक कार्यक्षेत्र होने जा रहा है जिसकी बहुत अधिक कोई जानकारी उनके पास तात्कालिक रूप से नहीं है और कार्य के शुरुआती दौर में वह इसी वजह से आलोचनाओं में घिर गए, कई कमियों ने उन्हें जकड़ लिया फिर समय के साथ उन्हें प्रकाशित खबरों व आलोचनाओं से अपनी कमियों का एहसास हुआ और फिर कमियों को एक-एक करके उन्होंने दूर किया और इस दौरान जहां उनके मंत्रिमंडल से बाहर होने की कयास लगाई जा रही थी वहां से वह आगे बढ़े और एक और दायित्व मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान उन्हें मिल गया, कहा जाए तो अपनी ही कमियों को दूर करते हुए शायद मंत्रिमंडल में अब वह सबसे विश्वसनीय मंत्री के रूप में अब शुमार हो गए हैं जिसकी चर्चाएं अब होने लगी है, यदि भाजपा के 14 मंत्रिमंडलीय सदस्यों को देखा जाए तो उसमें से 6 मंत्री ही ऐसे हैं जो इस समय काफी मजबूत माने जा रहे हैं, अभी मंत्रिमंडल या छत्तीसगढ़ में उन्हीं की चल भी रही है इन नामों पर यदि गौर किया जाए तो एक नाम श्याम बिहारी जायसवाल का भी है जो प्रदेश को अपनी सूझबूझ से व संगठन सहित सभी के साथ सामंजस्य बैठा पा रहे हैं, श्याम बिहारी जायसवाल मुख्यमंत्री के काफी करीबी भी हैं और मुख्यमंत्री को भी इन पर काफी भरोसा भी है यही वजह है कि उनका प्रतिनिधित्व भी कई बार यह करते दिखे हैं, मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व करना भी कोई छोटी बात नहीं है।

भरोसा बरकरार रखा इसलिए ही विभागों में इजाफा हुआ
श्याम बिहारी जायसवाल को मुख्यमंत्री और संगठन ने पहले मंत्रिमंडल में ही सरकार के शामिल किया और उन्हें स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी,स्वास्थ्य विभाग में चुनौतियां ज्यादा रहती हैं और आलोचनाओं से प्रतिदिन गुजरना पड़ता है यह जानते हुए भी श्याम बिहारी जायसवाल ने मंत्री पद पर काम करना शुरू किया। शुरू शुरू में उन्हें काफी आलोचनाओं से रूबरू होना पड़ा और वह काफी घिरे नजर आए आरोपों से वहीं वह अपनी सहजता से और कार्यकुशलता से यह साबित करते रहे कि वह स्वास्थ्य विभाग जो बेपटरी है उसे पटरी पर ले आयेंगे,इस बीच काफी कुछ हुआ और कई बार ऐसी स्थिति आई कि स्वास्थ्य मंत्री बतौर उन्हें असफल भी बताया गया लेकिन उन्होंने सभी बाधाओं और आलोचनाओं के बाद भी अपना कार्य जारी रखा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में लगे रहे। उन्होंने कहीं न कहीं मुख्यमंत्री सहित संगठन का भरोसा बरकरार रखा इसीलिए उन्हें अन्य विभाग सौंपने का निर्णय लिया गया। आज वह एक बड़े विभाग से फिर नवाजे गए जो उन्हें केवल इसलिए प्रदान किया गया क्योंकि वह पहले के विभागों के साथ न्याय कर पा रहे हैं।
चिकित्सा शिक्षा सहित 20 सूत्रीय क्रियान्वयन विभाग की पहले से जिम्मेदारी निभा रहे श्याम बिहारी को मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की भी मिली जिम्मेदारी
आज श्याम बिहारी जायसवाल जो रसायन शास्त्र से स्नातकोत्तर उपाधि धारी हैं और वह इस समय अपनी कुशाग्र बुद्धि से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग , चिकित्सा शिक्षा सहित 20 सूत्रीय क्रियान्वयन विभाग की पहले से जिम्मेदारी निभा रहे श्याम बिहारी जायसवाल को मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की भी जिम्मेदारी दी गई है और प्रदेश सरकार की तरफ से उनकी पदोन्नति की गई है। यह पदोन्नति तब हुई जब ऐसी अफवाह फैली हुई थी कि मंत्रिमंडल से उनकी पदावनति होने वाली है। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान काफी कुछ अप्रत्याशित नजर आया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री का कद बढ़ा हुआ नजर आया वहीं नए बने मंत्रियों में विभाग बंटवारे के दौरान अभाव नजर आया। स्वास्थ्य मंत्री के विभागों में वृद्धि करके मुख्यमंत्री सहित संगठन ने यह संदेश भी दिया कि उनके ऊपर अभी मुख्यमंत्री और संगठन का पूर्ण विश्वास कायम है और उनकी ऊर्जा अभी संगठन और सरकार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और उन्हें अधिक जिम्मेदार बनाकर वह आगे भी उनकी ऊर्जा से सरकार के कामकाज को बेहतर करने के प्रयास में लगने वाले हैं। खुद श्याम बिहारी जायसवाल भी शायद खुद के लिए अन्य विभागों की कल्पना नहीं किए रहे होंगे और वहीं उन्हें उनकी जिम्मेदारी बढ़ी नजर आई विस्तार के दौरान। मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान और विभाग बंटवारे के दौरान यह देखने को मिला कि पूरे मंत्रिमंडल में 6 मंत्री ही प्रभावशाली होंगे जिनके एक खुद श्याम बिहारी जायसवाल हैं, अन्य मंत्रियों की भूमिका कैबिनेट में शामिल रहने मात्र तक नजर आएगी। साय कैबिनेट विस्तार के बाद अब यह कहना भी अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि श्याम बिहारी जायसवाल सबसे विश्वस्त माने गए हैं संगठन और मुख्यमंत्री की नजर में।
मुस्कुराते हुए बेहतर वक्तव्य देना भी है खूबी जो उन्हें अन्य से देती है अलग पहचान
श्याम बिहारी जायसवाल एक बेहतर वक्ता हैं, धर्म समाज के संबंध में उनके वक्तव्य उनकी लोकप्रियता का कारण है,जब उन्हें वक्तव्य देना होता है वह इस अंदाज से इस काम को करते हैं कि वह लोगों तक अपनी बात पूरी समझ के साथ पहुंचा पाते हैं। उनकी अन्य से अलग पहचान की वजहों में उनका यही व्यक्तिव कारगर साबित होता है,सभी से एक सामान्य व्यक्ति के रूप में मिलते हुए वह ऐसे सहज घुलमिल जाते हैं कि लोगों को भी आभास नहीं होता कि एक मंत्री उनके साथ शामिल है,अपने क्षेत्र में उनकी सरलता और लोगों से सहज व्यवहार उनकी असली ख्याति है जिसके लिए उनकी प्रशंसा होती है।
संगठन को महत्व देना उनकी पहली प्राथमिकता
श्याम बिहारी जायसवाल संगठन को महत्व देना भी अपनी प्राथमिकता मानते नजर आते हैं, उनके साथ संगठन के लोग भी सहज महसूस करते नजर आते हैं। प्रदेश संगठन के बड़े ओहदे वाले पदाधिकारी हों या जिला और मंडल स्तर के पदाधिकारी सभी से उनका तालमेल दोस्ताना है और वह आदर भाव भी साबित करते हैं संगठन के नेतृत्व कर्ताओं के प्रति। उन्हें प्रदेशभर के संगठन से जुड़े लोग भी पसंद करते हैं क्योंकि वह मुलाकात के दौरान सभी को पर्याप्त सम्मान देना अपनी प्राथमिकता मानते हैं। वैसे मंत्री बतौर वह स्थानीय संगठन सदस्यों के बीच कम समय भले दे पाते हैं लेकिन वह जब उनके बीच पहुंचते हैं वह उनके साथ घुलमिल जाते हैं और वही व्यवहार उनका सामने होता है जो वह पहले मंत्री बनने के पूर्व हुआ करता था। दोस्ताना उनका व्यवहार उन्हें संगठन के साथ घनिष्ठता प्रदान करता है।
जनता के बीच लोकप्रिय होना इनका उद्देश्य
जनता के बीच अपनी लोकप्रियता कायम रखना एक उद्देश्य की तरह वह मानते नजर आते हैं, वह जहां भी जाते हैं जनता से सीधा जुड़ाव वह बनाने का प्रयास करते नजर आते हैं,अपने क्षेत्र में भी वह जब कहीं जनता के बीच पहुंचते हैं वह घुलमिलकर ऐसे सामान्य हो जाते हैं जैसे वह वही आम व्यक्ति हैं जैसे बिना किसी पद के दौरान वह हुआ करते थे। लोगों को वह अपने व्यक्तित्व से भी प्रभावित करते हैं वहीं वक्तव्य के दौरान भी वह आम लोगों से जुड़ने का पूरा प्रयास करते देखे सुने जाते हैं।
ऊर्जावान व्यक्तित्व ही उनकी जिम्मेदारियों में अन्य जिम्मेदारी जोड़ गया
स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए श्याम बिहारी जायसवाल की कार्यक्षमता को संगठन और मुख्यमंत्री ने काफी करीब से देखा, उनकी ऊर्जा जो उन्हें काफी सक्रिय रखती है इससे भी वह अवगत हुए,उनका ऊर्जावान व्यक्तित्व ही उन्हें बढ़ी हुई जिम्मेदारी दे गया,आज वह पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के भी मंत्री हैं,यह विभाग भी जिम्मेदारियों से भरा हुआ विभाग है,इस विभाग में भी सामंजस्य की आवश्यकता होती है और जो श्याम बिहारी बैठना जानते हैं,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी धर्म और समाज से जुड़कर एक बेहतर सामाजिक वातावरण और साथ ही सामाजिक उत्थान का विषय है जिसमें केवल श्याम बिहारी ही सफल होंगे इस विश्वास से उन्हें यह विभाग सौंपा गया है। अब प्रदेश में पिछड़ा वर्ग सहित अल्पसंख्यक कल्याण के सभी निर्णय लेने वह कैसी नीति के साथ आगे बढ़ते हैं यह देखने वाली बात होगी।