- क्या घनश्याम देवांगन के आने के बाद बेचू लाल सोनवानी की वापसी होगी जनकपुर महाविद्यालय के लिए?
- क्या घनश्याम देवांगन इसलिए महाविद्यालय में उपस्थित नहीं हो पा रहे क्योंकि बेचू लाल सोनवानी को वापस जाना पड़ेगा जो प्रभारी प्राचार्य नहीं चाह रही?
- क्या पोड़ी बचरा महाविद्यालय में अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति में भी नजर आ सकती है अनियमितता?, नियुक्ति विज्ञापन की तिथि के अनुसार नहीं हो रही जारी?

-संवाददाता-
बैकुंठपुर/पोड़ी बचरा,17 अगस्त 2025 (घटती-घटना)। महाविद्यालय शासन के नियम से नहीं खुले जिले के दो प्रभारी प्राचार्य पति-पत्नी के नियम से चल रहे थे,यही वजह है कि अब तो लोग यह भी कहने लगे हैं कि महाविद्यालय का नियम सेवानिवृत्ति प्रभारी प्राचार्य एसी गुप्ता व उनकी पत्नी के नियमों से चलता है जहां 26 साल एसी गुप्ता ने अपना महत्वपूर्ण समय एक महाविद्यालय को धरातल में लाने के लिए दिया तो वही उनकी पत्नी प्रभारी प्राचार्य होने के बाद भी महाविद्यालय नहीं पहुंचती हैं सारे काम उनके घर से ही संचालित होता हैं,वही जिस महाविद्यालय की वह प्रभारी प्राचार्य हैं ऐसी गुप्ता की पत्नी वहां पर जनकपुर से आए सहायक प्राध्यापक के भरोसे महाविद्यालय चल रहा है,नवीन शासकीय महाविद्यालय पोड़ी बचरा में डॉ0 श्रीमती प्रीति गुप्ता प्रभारी प्राचार्य के रूप में कार्यरत है बताया जाता है कि वह पोड़ी बचरा महाविद्यालय कभी नहीं जाती है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि 15 अगस्त 2025 को जब उनको पोड़ी बचरा महाविद्यालय में ध्वजारोहण करना था वह वहां न जाकर बैकुण्ठपुर महाविद्यालय में मूकदर्शक के रूप में उपस्थित रही। पोड़ी बचरा महाविद्यालय में बेचू लाल सोनवानी,सहायक प्राध्यापक वाणिज्य जो कि जनकपुर महाविद्यालय में पदस्थ है एवं कार्य सहयोग में नवीन शासकीय महाविद्यालय पोड़ी बचरा में कार्य कर रहे है,उनके द्वारा ध्वजारोहण किया गया है। वर्तमान में घनश्याम देवांगन सहायक प्राध्यापक वाणिज्य का स्थानान्तरण पोड़ी बचरा महाविद्यालय में हुआ है, वाणिज्य विषय में 01 पद स्वीकृत है,डॉ. ए.सी. गुप्ता की ऊंची पकड़ एवं पहुंच के कारण घनश्याम देवांगन आज दिनांक तक कार्य पर उपस्थित नहीं हुए है,क्योंकि उनके आने से बेचू लाल सोनवानी को वापस जाना होगा,उनके जाने से डॉ. ए.सी. गुप्ता के निजी कार्यों को कौन करेगा। सवाल यह उठता है कि क्या सारे नियम आज तक बैकुंठपुर रामानुज प्रताप सिंह देव महाविद्यालय में एसी गुप्ता का चला रहा और अब नवीन महाविद्यालय पोड़ी बचरा में उनकी पत्नी का चल रहा है? क्या एसी गुप्ता की पत्नी को दिक्कत ना हो इस वजह से बेचू लाल सोनवानी को जनकपुर वापस नहीं किया जा रहा जबकि सहयोग के लिए उन्हें 1 साल पहले बुलाया गया था जबकि उनके मूल पदस्थापना जनकपुर में है फिर उन्हें जनकपुर 1 साल बाद वापस क्यों नहीं किया गया क्या उनके जाने से ऐसी गुप्ता की पत्नी को रोज महाविद्यालय जाना पड़ेगा इस वजह से उन्हें जनकपुर नहीं भेजा जा रहा और जिनकी नई पदस्थापना होनी है उन्हें आने से रोका जा रहा क्या यह पूरे भ्रष्टाचार के लिए एक षड्यंत्र है या फिर उच्च शिक्षा विभाग के नियमों की उल्लंघन करना ही उनका उद्देश्य है? वही शासकीय पोड़ी बचरा महाविद्यालय में अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति को लेकर भी अनियमिताएं देखने को मिली,मेरिट सूची जहां 14 तारीख को सूचना पटल पर चस्पा हो जाना था,वहां मेरिट सूची 17 तारीख तक चस्पा नहीं हो पाई हमने खबर लिखे जाने तक मेरिट सूची के चस्पा की फोटो मंगाई तब तक वहां पर मेरिट सूची नहीं लगा हुआ मिला साथ ही ऑनलाइन में भी मेरिट सूची जारी नहीं हुई।
क्या डॉ. प्रीति गुप्ता की पोड़ी बचरा महाविद्यालय से दुरी की वजह से छात्र/छात्राओं के प्रवेश में आई कमी?
दिनांक 25 अप्रैल 2025 को आहरण एवं संवितरण अधिकारी डॉ. प्रीति गुप्ता को मिला है,किन्तु आज तक पोड़ी बचरा महाविद्यालय नहीं गई है। बैकुण्ठपुर महावि¸द्यालय में प्रतिदिन विलम्ब से आती है,जब कभी विश्वविद्यालय अथवा रायपुर से फोन आता है तो कभी पोड़ी बचरा महाविद्यालय तो कभी बैकुण्ठपुर महाविद्यालय में रहने की बात कहकर घर में रहती है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि यदि कोई सहायक प्राध्यापक किसी अन्य महाविद्यालय के डीडीओ के प्रभार में है और यदि संबंधित महाविद्यालय में जाने के पूर्व अपर संचालक व महाविद्यालय को सूचना देने के उपरान्त जाएंगे,लेकिन यह भी महाविद्यालय नहीं आती है। जिसके कारण छात्र/छात्राओं की प्रवेश में कमी आई है एवं वर्तमान तक मात्र 32 प्रवेश हुए है। दबी जुबान में लोगों का यहां तक कहना है कि वाणिज्य प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश नहीं हो रहा था तो एक लड़के की फीस वहां के सहायक प्राध्यापक द्वारा खुद जमा की गई ताकि वाणिज्य संकाय जिन्दा रहे। वाणिज्य संकाय में मात्र 2-3 छात्र/ छात्राएं रहते है ऐसे में शासन द्वारा लाखों रूपये का खर्च वेतन पर किया जाता है, ऐसे में यदि वाणिज्य संकाय को आसपास जैसे खड़गवां महाविद्यालय में मर्ज करने से शासन के राशि की बचत होगी।
क्या पोड़ी बचरा महाविद्यालय में अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति में भी आ सकती है अनियमितता?
वर्तमान में अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति हेतु विज्ञापन नवीन शासकीय महाविद्यालय पोड़¸ी बचरा में निकाला गया,जिसकी अन्तिम तिथि 11 अगस्त 2025 एवं अंतिम मेरिट सूची जारी करने की तिथि 14 अगस्त 2025 है। लोगों का कहना है कि डॉ. प्रीति गुप्ता विज्ञापन में निकाले गए विषयों पर अपने चहेते व्यक्तियों की पैसा लेकर भर्ती करना चाह रही है,जिसके कारण विज्ञापन में निकाले गए समय सारिणी में विलम्ब कर रही है। जब विज्ञापन महाविद्यालय द्वारा जारी किया गया था उसी समय अंतिम मेरिट सूची, दावा आपत्ति, अंतिम मेरिट की तिथि तय थी,लेकिन डॉ. प्रीति गुप्ता द्वारा जानबूझकर मेरिट लिस्ट में देरी की जा रही है ताकि लोगों को पता न चल सके व समय निकल जाने के बाद दावा आपत्ति न कर सके। यदि उन्हें भर्ती नियम में कोई बदलाव करना था तो 14 अगस्त 2025 के पूर्व नियम जारी कर देना था, लेकिन ऐसा उनके द्वारा नहीं किया गया।
भतीजे की पत्नी व बहू पर मेहरबानी क्यों?
सेवानिवृत्त प्रभारी प्रचार अखिलेश चंद्र गुप्ता अपने आप में एक अलग ही शख्सियत है वह जैसा चाहेंगे वैसा कर लेंगे,उन्हें कोई भी न रोकने वाला है और ना उन्हें कोई रोकने वाला था यही वजह था कि वह अपने कार्यकाल में परिवार वाद चला रहे थे रिश्तेदारों को महाविद्यालय में लाभ पहुंचा रहे थे ऐसा अब सूत्रों का आरोप है,विशेष सूत्रों का कहना है कि डॉ. अखिलेश चन्द्र गुप्ता द्वारा नागपुर में अतिथि व्याख्याता भर्ती में अपनी भतीजे की पत्नी दिव्या गुप्ता को नियुक्ति दी गई थी, एवं नवीन शासकीय महाविद्यालय पोड़ी बचरा में भी अपनी बहू को नियुक्ति दी गई है,यदि यह बात सही है तो फिर सवाल उठना भी लाजमी है कि क्या एसी गुप्ता अपने कार्यकाल में जैसा चाह रहे थे वैसा कर रहे थे? उनकी मनमानियों पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं था? जिस वजह से वह पूरे महाविद्यालय में परिवारवाद ही चलाए जहां एक भतीजे को उन्होंने वहां का बाबू बनाया तो दो को अतिथि शिक्षक में उन्होंने नियुक्ति कराकर लाभ पहुंचा।