सूरजपुर/भैयाथान@हाइड्रो पावर प्लांट की वजह से कई एकड़ फसल हुई बर्बाद…किसान के नुकसान का कौन देगा मुआवजा?

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सूरजपुर/भैयाथान,30 जुलाई 2025 (घटती-घटना)। सूरजपुर जिले के भैयाथान से लगे पसला गांव में हाइड्रो पावर प्लांट बिजली उत्पादन के लिए स्थापित की जा रही है जिसका कार्य पिछले कई सालों से हो रहा है यह पावर प्लांट रेण की तट पर बनाया जा रहा है,पर हाइड्रो पावर प्लांट प्रबंधन की लापरवाही की वजह से इस बार हो रही बारिश ने बांध को भर दिया और तीन गांव इस पानी के चपेट में आ गए, 100 एकड़ से अधिक भूमि में लेगी फसल बर्बाद हो गई,वहीं 60 से अधिक किसान बुरी तरह से प्रभावित हो गए, अब किसानों की फसल बर्बादी का मुआवजा कौन भरेगा यह सवाल उठ रहा है, वही जिला प्रशासन इस पर चुप्पी साध्य हुआ है तो वहीं छत्तीसगढ़ हाइड्रो पावर प्लांट प्रबंधन भी कुछ नहीं कह रहा प्रबंधन को पत्र लिखकर मुआवजे की मांग की गई है पर यह मुआवजा प्रबंधन कब देगा और देगा भी कि नहीं देगा इस पर सवाल बना हुआ है।
बीते दिनों क्षेत्र में लगातार हुई तेज बारिश से रेंण नदी में विद्युत उत्पादन हेतु स्थापित छत्तीसगढ़ हाइड्रो पॉवर प्लांट के कारण नदी के आस पास स्थित किसानों की भूमि जलमग्न हो गई थी जिसके कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ था जिसे लेकर अब मुआवजे की मांग तेज हो गई है। इसी क्रम में पूर्व सभापति अभय प्रताप सिंह ने छत्तीसगढ़ हाइड्रो पॉवर प्लांट के प्रबंधक को पत्र के माध्यम से किसानों के हुए नुकसान को लेकर मुआवजे की मांग की है। उन्होंने पत्र में बताया है कि सत्यनगर,पासल, भैयाथान,हर्रापारा के किसानों की रोपाई के लिए किए गए धान का थहरा पानी में डूबने से पूर्णतः बर्बाद हो गया है,वहीं कुछ किसानों के रोपाई के लिए तैयार किया गया धान की नर्सरी बह गया है। पूर्व सभापति श्री सिंह ने बताया है कि लगभग दो दर्जन किसान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है तथा सैकड़ो किसानों की फसल आंशिक रूप से बर्बाद हुई है उन्होंने छत्तीसगढ़ हाइड्रो पॉवर प्लांट के महाप्रबंधक को पत्र के साथ नुकसान हुए आंकलन का ग्राम पंचायत पटवारी का संयुक्त प्रतिवेदन भी संलग्न कर भेजा है तथा अतिशीघ्र मुआवजे देने की मांग की है।
पूर्व में मंत्री के निर्देश के बाद भी किसानों को राहत नहीं
बताया जाता है की बरसात से पहले इलाके में चल रहे समाधान शिविर में पहुंची मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से ग्रामीणों ने बरसात में पासल भैयाथान क्षेत्र में जल भराव की समस्या बताई थी। तब मंत्री ने भी इस स्थल का निरीक्षण किया था। इसे बरसात से पहले ठीक करने के निर्देश दिए थे,लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इसके परिणाम स्वरूम इस बारिश में फिर से इलाके में पानी भर गया था।
हर साल मुआवजा का सिर्फ आश्वासन देती है कंपनी
पिछले तीन सालों से बरसात के दिनों में तीनों गांवों में ऐसी स्थिति बनती है और हर बार मुआवजा देने का आश्वासन कंपनी देती है, पर देती नहीं है। अब जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई,वे कंपनी से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इधर,भैयाथान पाऊल मार्ग पर जहां 10 फीट तक जल जमाव है,वहां कन्या छात्रावास भी है। अगर अब तेज बारिश होगी तो पानी वहां भी भर जाएगा। पसल के साथ राजनी गांव का भी लॉक मुख्यालय से संपर्क टूट गया था।


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