- विधायक भैयालाल राजवाड़े की थी दूरदर्शी सोच इसलिए मोहित को नहीं बनाना चाह रहे थे अध्यक्ष
- कम समय में ही संगठन से आगे निकलकर अपनी लॉबी बनाते दिख रहे हैं जिला पंचायत अध्यक्ष
- कोरिया जिले में विधायक भैयालाल राजवाड़े एवं रेणुका सिंह से ज्यादा सम्मान की चाहत,जबकि दोनों विधायक हैं पूर्व मंत्री और प्रोटोकॉल में रखते हैं अहम स्थान
- अध्यक्ष बने हुए मात्र 4 महीने लेकिन देख रहे हैं 2028 में विधायक बनने का सपना,सलाहकार देने लगे गलत सलाह
- सलाहकार और मित्रों के साथ विश्राम भवन को बनाया गया पार्टी का अड्डा
- सूत्रों का दावा कलेक्टर पर दबाव बनाकर मोहित पैकरा ने डीएमएफ से स्वीकृत कराया करोड़ों का निर्माण कार्य,जबकि अन्य जिला पंचायत सदस्य हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं…
- अभी भी मूल रूप से कांग्रेसी दिखलाई दे रहे मोहित, संगठन की भाषा और मर्यादा नहीं आई समझ
- क्या अब भी मिल रहा है संरक्षण,जबकि संगठन के खिलाफ जा कर काम कर रहे हैं मोहित पैकरा?

-रवि सिंह-
कोरिया,20 जुलाई 2025 (घटती-घटना)। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी से भाजपाई हुए मोहित पैकरा को अप्रत्याशित घटना क्रम के बाद इस वर्ष जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हासिल हो गई,उन्हें कुर्सी कैसे हासिल हुई यह सर्वविदित है लेकिन अब इसे लेकर संगठन की काफी किरकिरी हो रही है,नए आदमी को तुरंत जिम्मेदार पद में बैठाने को लेकर जिलाध्यक्ष द्वारा उठाया गया कदम अब गले की हड्डी बनती जा रही है, जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित पैकरा अल्प समय में ही बेलगाम दिखलाई दे रहे हैं, ज्ञात हो कि क्षेत्रीय विधायक भैयालाल राजवाड़े की दूरदर्शी सोच थी जिससे कि वे सौभाग्यवती सिंह को अध्यक्ष बनाने के पक्षधर थे जबकि संगठन पदाधिकारी और खासकर जिलाध्यक्ष देवेंद्र तिवारी मोहित पैकरा के पक्ष में खड़े थे निर्णय संगठन के अनुसार ही हुआ लेकिन अब दिखलाई दे रहे परिस्थिति से यह कहा जा सकता है कि मोहित पैकरा को जिलाध्यक्ष बनाया जाना गलत और जल्दबाजी में उठाया गया कदम था आगे उनके कारनामों और कार्यशैली से यह तय है कि संगठन की और भी किरकिरी होगी।
एक साल पहले तक कांग्रेसी रहे कोरिया जिला पंचायत के अध्यक्ष के खिलाफ दिनों दिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है सरपंच के बाद सीधे जिला पंचायत की कुर्सी पाकर उन पर गर्मी स्पष्ट दिखलाई दे रही है तो उनके खिलाफ निर्वाचन क्षेत्र से भी नाराजगी बढ़ी है, जिस उम्मीद और विश्वास से स्थानीय जनता से मोहित पैकरा को अपना नेता चुना था और वेदांती तिवारी जैसे जमीनी नेता से किनारा किया था उसके बाद मोहित पैकरा के बदले तेवर और रंग रूप से जनता भी खुद को ठगा सा महसूस कर रही है यही नहीं जिला पंचायत के चुनाव में भारी फूट होने के बाद भी जिन लोगों ने मोहित पैकरा का साथ देकर उन्हें अध्यक्ष बनाया अब वे जिला पंचायत सदस्य भी खुद की उपेक्षा से नाराज हैं, आने वाले समय में यह आक्रोश और बढ़ने की संभावना भी है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद सौभाग्यवती को कोरिया जिले से भाजपा के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रबल दावेदार थी पर संगठन की मनमानी ने उनसे अध्यक्ष पद छीन लिया, उन्हें बगावत करने के लिए मजबूर कर दिया,आज जिन्हें संगठन व भाजपा ने अपना जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार माना आज उसकी कार्यप्रणाली ही भाजपा के लिए गलत फैसला लेने वाली निर्णय मानी जा रही है, सौभाग्यवती को दरकिनार कर भाजपा के लिए मोहित को उपकृत करना कहीं ना कहीं अब नुकसान समझ में आने लगा है या माना जाए तो अंदर खाने में यह बात उठने लगी है कि सौभाग्यवती को ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनना चाहिए था पर भाजपा जिलाध्यक्ष की वजह से सौभाग्यवती की जगह मोहित जिला पंचायत अध्यक्ष बन गए जिसे लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष की खूब किरकिरी भी हुई थी आज संगठन भी इस फैसले को लेकर अब अंदर खाने से खुश नहीं है कहीं ना कहीं इस फैसले को अब गलत माना जा रहा है। दैनिक घटती घटना का अंदेशा उसे समय भी यही था कि भाजपा सही उम्मीदवार को जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बना रही है आखिर घटती घटना का एक बार फिर से अंदेशा सही साबित होता दिख रहा है।
डीएमएफ से स्वीकृत हो गया करोड़ों का काम,अन्य सदस्य हाथ पर हाथ धरे बैठे…
सूत्रों का दावा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित पैकरा द्वारा कलेक्टर कोरिया को जिला खनिज निधि से स्वीकृति हेतु करोड़ों रुपए के कार्यों का प्रस्ताव दिया गया था और दबाव भी बनाया गया था जिसके बाद कलेक्टर कोरिया द्वारा मोहित पैकरा के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए करोड़ों रुपए के कार्य की स्वीकृति अभी हाल ही में दी गई है,बतलाया जाता है कि अन्य जिला पंचायत सदस्यों ने भी कलेक्टर कोरिया को कार्यों की स्वीकृति हेतु सूची सौंपी थी लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया गया है जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा दबाव बनाकर सिर्फ अपना काम स्वीकृत कराने की जानकारी मिल रही है।
विधायक भैयालाल राजवाड़े नहीं चाह रहे थे अध्यक्ष बनाना
मोहित पैकरा संगठन की मर्जी के कारण जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे हैं लेकिन इससे उलट विधायक भैयालाल राजवाड़े उन्हें अध्यक्ष बनाने के खिलाफ थे। मोहित पैकरा द्वारा संगठन से ऊपर उठते हुए जिस प्रकार की कार्यशैली के साथ काम किया जा रहा है उसे देखकर लगता है कि शायद विधायक भैयालाल राजवाड़े को यह पूर्व से आभास था कि मोहित पैकरा द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए पार्टी की छवि धूमिल की जाएगी और मन मुताबिक काम तथा एकला चलो की नीति अपनाई जाएगी लेकिन संगठन ने मोहित पैकरा को अध्यक्ष बनाया वहीं अब श्री राजवाड़े की दूरदर्शी सोच साफ दिखलाई दे रही है।
खुद की लॉबिंग तैयार करना कितना सही,क्या देख रहे हैं 2028 में विधायक बनने का सपना?
मोहित पैकरा ने शुरू से पंचायत स्तर पर राजनीति की है,लेकिन इस बार अप्रत्याशित तौर पर उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी मिल गई है,यह कुर्सी उन्हें पच नहीं रही है। बतलाया जाता है कि मोहित पैकरा द्वारा खुद को प्रदेश के सीएम का करीबी रिश्तेदार बतलाया जाता है और अब सिर्फ अपने समाज के लोगों को साथ लेकर अलग लॉबी बनाई जा रही है,सूत्रों का कहना है कि मोहित पैकरा के सलाहकार ने 2028 के विधानसभा चुनाव में उन्हें विधायक बनने का सपना दिखा दिया है जिसे लेकर वे अब ऊंचे ख्वाब देखने लगे हैं।
रेणुका पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री तो भैयालाल पूर्व कैबिनेट मंत्री लेकिन मोहित पैकरा खोजते हैं उनसे ज्यादा प्रोटोकॉल
भाजपा की राजनीति कब किस करवट बैठ जाए यह अच्छे अच्छे राजनैतिक जानकर भी नहीं समझ पाए कुछ इसी वाकये ने केंद्रीय राज्यमंत्री रहीं रेणुका सिंह और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रहे भैयालाल राजवाड़े को विधायक पद तक सीमित रख दिया लेकिन उसके बाद भी पूर्व मंत्री होने के नाते उन्हें प्रोटोकॉल में ऊंचा स्थान है इसके उलट जिला पंचायत अध्यक्ष जिन्हें कोई खासा प्रोटोकॉल नहीं मिलता वे अब जिले में रेणुका सिंह और भैयालाल राजवाड़े से ज्यादा सम्मान पाने की इच्छा रखते देखे जाते हैं।
क्या संगठन के निर्णय के खिलाफ काम करने पर संगठन लेगा सुध या ऐसी चलेगी मनमानी?
अल्प समय में ही जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित पैकरा द्वारा ऐसे काम किए जा रहे हैं जो संगठन के लिहाज से उचित नहीं है। देखा जा रहा है कि भाजपा जिला संगठन द्वारा जिस कार्य को करने की बाधा है मोहित पैकरा द्वारा उस काम को करने में ज्यादा रुचि दिखलाई जाती है। भाजपा संगठन वाली पार्टी मानी जाती है यहां संगठन के निर्णय के खिलाफ काम करना एकदम वर्जित है लेकिन मोहित पैकरा द्वारा संगठन के खिलाफ जाकर भी काम किया जा रहा है,उनके मनमाने रवैए एवं कार्यशैली से संगठन सुध लेकर लगाम लगाएगा,कार्यवाही होगी या फिर ऐसे ही उनकी मनमानी चलती रहेगी यह देखने वाली बात होगी।