रायपुर@ अस्पतालों में पहुंची सिकलसेल की खराब दवाएं
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हाइड्रोक्सीयूरिया 500 के 17,500 लगभग कैप्सूल अमानक… फेनिटाइन सोडियम इंजेक्शन की गुणवत्ता निकली खराब…
रायपुर,10 जुलाई 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में घटिया चलिटी की दवाएं पहुंच रही हैं। प्रदेश के इकलौते सिकलसेल संस्थान में हाइड्रोक्सीयूरिया 500 एमजी के 17,500 से ज्यादा कैप्सूल अमानक पाए गए हैं। ये दवाएं छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) के जरिए खरीदी गई थीं और अब वापस मंगाई गई हैं। शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो जेड-704 बैच के 2,700 और जेड-23-705 बैच के 14,800 कैप्सूल घटिया च्ॉलिटी के निकले। ये वही दवा है जो सिकलसेल के साथ-साथ गर्भाशय और डिम्बग्रंथि के कैंसर में भी दी जाती है। यह कैप्सूल शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करता है और रक्त ट्रांफ्यूजन की जरूरत को कम करता है। इस तरह घटिया टेबलेट देना मरीजों की जान से सीधा खिलवाड़ करना है। झटके के लिए लगने वाले इंजेक्शन पर भी सवाल सीजीएमएससी ने फेनिटाइन सोडियम इंजेक्शन (बैच नंबर सीबीवाय 2503) को भी गुणवत्ता परीक्षण में अमानक पाए जाने के बाद वापस लेने का आदेश जारी किया है। ये इंजेक्शन मिर्गी और सिर की चोट के बाद लगने वाले झटकों में बेहद अहम माना जाता है। खराब प्रेग्नेंसी किट भी कर दी सप्लाई सरकारी अस्पतालों में गर्भावस्था की जांच के लिए सप्लाई की गई घटिया प्रेग्नेंसी किट सीजीएमएससी द्वारा भेजने का मामला सामने आ चुका है । सीजीएमएसी द्वारा वितरित क्लियर एंड स्योर’ ब्रांड की किट हर 10 में से 4-5 मामलों में फाल्स रिपोर्ट दे रही है। यानी 50 प्रतिशत तक रिपोर्ट गलत आ रही हैं। गर्भवती महिला को निगेटिव और गैर गर्भवती को पाजिटिव दिखाया जा रहा है। पिछले छह महीनों में 7.53 लाख किट अस्पतालों में बांटी जा चुकी हैं, जबकि 6.50 लाख किट वेयरहाउस में पड़ी हैं। घोटाले की आशंका जांच में गड़बडिय़ों का संदेह सूत्रों के मुताबिक,सप्लाई से पहले जांच में दवाएं पास कर दी जाती हैं, जबकि वास्तविक वितरण में कम गुणवत्ता और जल्दी एक्सपायर होने वाली दवाएं भेज दी जा रही हैं। इससे साफ है कि सीजीएमएससी की दवा आपूर्ति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता और घोटाले की आशंका है। छत्तीसगढ़ में फेनीटोन सोडियम इंजेक्शन की सप्लाई पर रोक,सिस्टोकेम लैबोरेटरी को नोटिस
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन ने मिर्गी और हेड इंजुरी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण दवा फेनीटोन सोडियम इंजेक्शन की सप्लाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह इंजेक्शन,जो मिर्गी के दौरे और सिर की चोट के बाद होने वाले झटकों को नियंत्रित करने के लिए जीवन रक्षक माना जाता है, गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा। दिल्ली की सिस्टोकेम लैबोरेटरी द्वारा निर्मित इस दवा को इंडियन फार्माकोपिया (ढ्ढक्क) के नियमों के विपरीत पाउडर के बजाय लिम्डि फॉर्म में तैयार किया गया, जिसके चलते इसे अमानक घोषित किया गया। कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है।