स्वास्थ्य मंत्री ने इस उपलब्धि के लिए जिला प्रसाशन व स्वास्थ्य विभाग को दी शुभकामनाएं
-संवाददाता-
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही,28 जून 2025 (घटती-घटना)। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में एक दिन में 51727 महिलाओं का एचबी जांच कर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जिले का नाम हुआ दर्ज करने हुआ सफल।
छत्तीसगढ़ का गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला इकलौता जिला है एक अलग ही कीर्तिमान हासिल किया, एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत चल रहे अभियान से जुड़कर एक दिन में 51721 महिलाओं की हीमोग्लोबीन (एचबी) जांच कर अपना नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलçध है एक दिन में इतनी महिलाओं का जांच करना संभव नहीं था फिर भी स्वास्थ्य विभाग सहित जिले की टीम ने मिलकर इस मुकाम को हासिल किया, जिसके फल स्वरुप गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में गौरेला पेंड्रा मरवाही का नाम दर्ज हुआ, इस उपलçध के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी पूरे जिले की टीम को धन्यवाद प्रेषित किया और उनके किए गए कार्यों की सराहना की। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में एक दिन में 51727 महिलाओं का एचबी जांच कर गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जिले का नाम हुआ शामिल। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में चलाए गए रक्त शक्ति महा अभियान में एक ही दिन में जिले की 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 51,727 महिलाओं का हीमोग्लोबीन (एचबी) जांच कराने पर जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल हो गया है।

रक्त की कमी होने से बहुत सारी समस्याएं होती है
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा की इस उत्कृष्ट कार्य के लिए जिला प्रशासन को शुभकामनाएं। रक्त की कमी होने से बहुत सारी समस्याएं होती है। एचबी की वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिए रक्त शक्ति महा अभियान ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है।
एनीमिया मुक्त भारत
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने ये भी बताया की जिसका उद्देश्य कुपोषण की चुनौती से निपटना और सामुदायिक सहभागिता, पहुंच, व्यवहार परिवर्तन और वकालत के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य, कल्याण और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना है। एनीमिया से निपटने के लिए सरकार चावल फोर्टिफिकेशन पहल के तहत विभिन्न योजनाओं के तहत चरणबद्ध तरीके से आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 से समृद्ध फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति कर रही है। सरकार जीवन चक्र दृष्टिकोण में बच्चों,किशोरों और महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को कम करने के लिए एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति लागू करती है। रणनीति का लक्ष्य छह लाभार्थी आयु समूहों- 6-59 महीने के बच्चों, 5-9 साल के बच्चों, 10-19 साल के किशोरों, प्रजनन आयु की महिलाओं (15-49 वर्ष),गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में हस्तक्षेपों के कार्यान्वयन के माध्यम से एनीमिया को कम करना है, प्रोफाइलैक्टिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरणः आवधिक डीवर्मिंग,वर्ष भर व्यवहार परिवर्तन संचार अभियान में तेजी,डिजिटल इनवेसिव हीमोग्लोबिनोमीटर और देखभाल उपचार का उपयोग करके एनीमिया की जांच, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आयरन फोलिक एसिड फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का अनिवार्य प्रावधान, छः संस्थागत तंत्रों के माध्यम से स्थानिक क्षेत्रों में एनीमिया के गैर-पोषण संबंधी कारणों को संबोधित करना और एएमबी डैशबोर्ड का उपयोग करके निगरानी करना।
मिशन पोषण 2.0 भारत सरकार का यह एक प्रमुख कार्यक्रम है
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया की मिशन पोषण 2.0 भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है,जिसका उद्देश्य सामुदायिक सहभागिता, आउटरीच,व्यवहार परिवर्तन और वकालत के माध्यम से कुपोषण की चुनौती का समाधान करना और स्वास्थ्य,कल्याण और प्रतिरक्षा में सुधार करना है। यह योजना मातृ पोषण, शिशु और छोटे बच्चों के आहार मानदंडों,गंभीर तीव्र कुपोषण (एसएएम) / मध्यम तीव्र कुपोषण (एमएएम) के उपचार और आयुष प्रथाओं के माध्यम से कल्याण पर ध्यान केंद्रित करती है ताकि स्टंटिंग और एनीमिया के अलावा वेस्टिंग और कम वजन के प्रचलन को कम किया जा सके। पोषक तत्वों के सेवन में अंतर को पाटने के लिए बच्चों (6 महीने से 6 साल), गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों (आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर राज्यों में 14 से 18 साल) को पूरक पोषण प्रदान किया जाता है। सितंबर और मार्च-अप्रैल के महीनों में मनाए जाने वाले पोषण माह और पोषण पखवाड़े के दौरान, एनीमिया के बारे में जागरूकता के लिए समर्पित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
एनीमिया से निपटने के लिए सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण
इसके अलावा, एनीमिया से निपटने के लिए सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस),प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण) योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं (ओडल्यूएस) के तहत चरणबद्ध तरीके से चावल फोर्टिफिकेशन पहल के तहत आयरन,फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 से समृद्ध फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति कर रही है। सरकार की हर योजना में कस्टम-मिल्ड चावल की जगह फोर्टिफाइड चावल ने ले ली है। एएमबी के तहत प्रगति को लाभार्थियों के बीच आयरन फोलिक एसिड कवरेज के माध्यम से मापा जाता है। महिलाओं के बीच आयरन और फोलिक एसिड (आईएफए) कवरेज के लिए राज्यवार प्रगति अनुलग्नक में दी गई है।